Sunday, November 17, 2024
Homeदेश-समाजजम्मू-कश्मीर: अब तक 3.7 लाख लोगों को डोमिसाइल सर्टिफिकेट, अरसे से बाट जोह रहे...

जम्मू-कश्मीर: अब तक 3.7 लाख लोगों को डोमिसाइल सर्टिफिकेट, अरसे से बाट जोह रहे थे वाल्मीकि

नए नियमों के मुताबिक जो लोग 15 साल से जम्मू-कश्मीर में रह रहे हैं या 7 साल तक यहॉं पढ़ाई की है, वे स्थायी निवासी बन सकते हैं। केंद्र सरकार के सार्वजनिक उपक्रमों के अधिकारी, भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी जिन्होंने 10 साल तक जम्मू-कश्मीर में काम किया है वो भी स्थायी निवासी बन सकते हैं।

जम्मू-कश्मीर में बीते हफ्ते तक करीब 3.7 लाख लोगों को डोमिसाइल सर्टिफिकेट दिया गया था। 22 जून से इसकी प्रक्रिया शुरू हुई थी। डोमिसाइल सर्टिफिकेट पाने वालों में से करीब 78 फीसदी जम्मू से हैं।

इनमें ज्यादातर ऐसे लोग हैं जो केंद्र शासित प्रदेश में लंबे समय से रह रहे थे। ज़्यादातर लोग सरकारी सेवाओं से जुड़े हुए हैं या वाल्मीकि समाज से आते हैं। पिछले साल केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद इन्हें डोमिसाइल देने का रास्ता खुला था। आगामी 5 अगस्त को इसके एक साल पूरे हो जाएँगे।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक़, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बताया है कि 22 जून को ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू होने के बाद से जम्मू में लगभग 2.9 लाख लोगों को निवास प्रमाण-पत्र दिया गया। वहीं कश्मीर घाटी में लगभग 79, 300 लोगों को प्रमाण-पत्र मिला है।    

गृह मंत्रालय के एक अधिकारी के हवाले से बताया गया है कि डोमिसाइल पाने वालों में 20 हजार पश्चिमी पाकिस्तान से आए शरणार्थी हैं। वाल्मीकि समुदाय के करीब 2000 सफाई कर्मचारियों और 700 गोरखा को भी डोमिसाइल सर्टिफिकेट दिया गया है।   

वाल्मीकि समाज में सबसे पहला निवास प्रमाण-पत्र 71 साल की दीपू देवी को मिला। उन्होंने कहा, “मैं चाहती थी कि मरने के पहले मेरी जम्मू-कश्मीर की नागरिकता की ख़्वाहिश पूरी हो जाए। अब यह सपना पूरा हो गया है। अब मैं मेरे बच्चे यहाँ मान-सम्मान के साथ रह पाएँगे।”

नए नियमों के अमल में आने के बाद जम्मू-कश्मीर में लंबे समय से कार्यरत आईएएस अधिकारी नवीन चौधरी पहले स्थायी निवासी बने थे। चौधरी मूल रूप से बिहार के दरभंगा के रहने वाले हैं।

नए नियमों के मुताबिक जो लोग 15 साल से जम्मू-कश्मीर में रह रहे हैं या 7 साल तक यहॉं पढ़ाई की है, वे स्थायी निवासी बन सकते हैं। केंद्र सरकार के सार्वजनिक उपक्रमों के अधिकारी, भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी, सार्वजनिक उपक्रमों के कर्मचारी और बैंक कर्मचारी जिन्होंने 10 साल तक जम्मू-कश्मीर में काम किया है वो भी स्थायी निवासी बन सकते हैं।

हालॉंकि केंद्र शासित प्रदेश की पार्टियॉं इसका विरोध कर रही हैं। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP), नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) और अलगाववादी अमलगाम हुर्रियत कॉन्फ्रेंस जैसी पार्टियों ने इसे जनसांख्यिकी में बदलाव की साजिश करार दिया है। साथ ही उनका कहना है कि आरएसएस के इशारे पर सरकार ऐसा कर रही है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में महायुति सरकार लाने की होड़, मुख्यमंत्री बनने की रेस नहीं: एकनाथ शिंदे, बाला साहेब को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ कहने का राहुल गाँधी...

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साफ कहा, "हमारी कोई लड़ाई, कोई रेस नहीं है। ये रेस एमवीए में है। हमारे यहाँ पूरी टीम काम कर रही महायुति की सरकार लाने के लिए।"

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -