जम्मू और कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने आतंकवाद और अलगाववादी को लेकर शनिवार (जून 22, 2019) को बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा, “यदि सामने से फायरिंग की जा रही होगी तो उन्हें (आतंकियों) गुलदस्ता नहीं दिया जा सकता है। हम चाहते हैं कि कट्टरपंथ के रास्ते पर गए युवा मुख्यधारा में वापस आएँ।
राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने आगे कहा, “शुक्रवार को नमाज के बाद की जाने वाली पत्थरबाजी तकरीबन रुक चुकी है। हम युवाओं की मुख्यधारा में वापसी चाहते हैं। इसके लिए योजनाओं पर विचार किया जा रहा है। हालाँकि, एक बात यह भी सच है कि यदि सामने से फायरिंग की जा रही है तो आप उन्हें गुलदस्ता नहीं थमा सकते हैं। जनरल साहब गोलियों का जवाब गोलियों से ही देंगे। हमें नेक इरादों के साथ काम करना चाहिए।”
युवाओं को संबोधित करते हुए सत्यपाल मलिक ने कहा कि जन्नत के नाम पर युवाओं को बरगलाया जाता है कि हथियार उठाने पर वे जन्नत जाएँगे। उन्होंने कहा कि वास्तव में यहाँ के युवाओं के पास दो जन्नत हैं। एक तो खुद कश्मीर है और दूसरा वो जो वे एक अच्छा मुस्लिम बनकर बाद में हासिल करेंगे।
सत्यपाल मलिक ने कहा, “मुझे इस बात की खुशी है कि मीरवाइज उमर फारूक ने ड्रग्स के खिलाफ आवाज उठाई है, यह एक बड़ा खतरा है। यह यहाँ पर युवाओं के बीच फैल रहा है। जम्मू में स्थिति बुरी है, पंजाब में इसकी वजह से काफी नुकसान हो रहा है।”
ख़बर के अनुसार, हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अलगाववादी नेता मीरवाइज़ उमर फ़ारूक को शनिवार (22 जून) को श्रीनगर स्थित उनके ही घर में नज़रबंद कर दिया गया। मीरवाइज़ के नेतृत्व वाले हुर्रियत के एक प्रवक्ता ने बताया कि शहर के बाहरी इलाक़े में मीरवाइज़ उमर फ़ारूक के आवास पर एक पुलिस दल पहुँचा और उन्हें सूचित किया कि अब वह अपने घर से बाहर नहीं जा सकते। प्रवक्ता ने बताया कि पुलिस द्वारा मीरवाइज़ को नज़रबंद करने का कोई कारण नहीं बताया गया।