जम्मू-कश्मीर के शोपियाँ में शनिवार (15 अक्टूबर, 2022) को एक कश्मीरी हिंदू की गोली मार कर हत्या कर दी गई। हत्या की जिम्मेदारी आतंकी संगठन कश्मीर फ्रीडम फाइटर्स (KFF) ने ली है। वहीं, इस हत्या के विरोध में जम्मू-कश्मीर के की इलाकों में हिंदू सड़कों पर उतर आए हैं।
कश्मीरी हिंदू पूरन कृष्ण को तब गोली मार दी गई, जब वे चौधरी गुंड स्थित अपने घर के लॉन में बैठे हुए थे। घायल अवस्था में उन्हें नजदीकी अस्पताल में ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
मध्य कश्मीर के पुलिस उपमहानिरीक्षक (IGP) सुजीत कुमार ने कहा कि प्रारंभिक जाँच से पता चलता है कि हत्या में केवल एक आतंकवादी शामिल था। उन्होंने कहा, “एक बार जब चीजें स्पष्ट हो जाएँगी तो और विवरण साझा किया जाएगा।”
सुजीत कुमार ने कहा कि अगर सुरक्षा गार्डों या क्षेत्र के प्रभारी अधिकारी की ओर से सुरक्षा में किसी भी तरह की चूक पाई जाती है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि एक आतंकवादी संगठन ने छद्म नाम ‘कश्मीर फ्रीडम फाइटर (KFF)’ से हमले की जिम्मेदारी ली है।
घटना के बाद कश्मीर के बडगाम सहित कई इलाकों के हिंदू सड़कों पर उतर आए और सरकार के खिलाफ नारे लगाए। इस घटना से पीएम पैकेज के तहत कश्मीर में काम करने वाले हिंदुओं में खासा रोष है। उन्होंने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और हिंदुओं को सुरक्षित जगह शिफ्ट करने की माँग की है।
इससे पहले मई 2022 में बडगाम के चदूरा स्थित तहसील कार्यालय में राहुल भट की टारेगट किलिंग के बाद कर्मचारियों ने कश्मीर छोड़ने की धमकी दी थी। ये कर्मचारी पीएम पैकेज के तहत काम कर रहे हैं।
पीएम पैकेज के कर्मचारी वे कश्मीरी हिंदू हैं, जो 90 के दशक में घाटी छोड़कर चले गए, लेकिन सरकारी नौकरी मिलने के बाद वापस कश्मीर लौट आए। पैकेज के तहत कश्मीर में कम-से-कम 6,000 प्रवासी कश्मीरी पंडित काम कर रहे हैं।