Friday, October 25, 2024
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सेना के काफिले पर आतंकियों ने अंधाधुंध चलाई गोली, 2 सैनिक समेत 4 की मौत: 10 दिन में जम्मू-कश्मीर में चौथा टेरर अटैक, खौफ में गैर-कश्मीरी

जिस समय सेना का वाहन बोटापथरी इलाके से नागिन चौकी की ओर जा रहा था उसी वक्त ये हमला किया गया। आतंकवादियों ने अचानक से सेना के वाहनों पर गोलीबारी शुरू कर दी, जिससे चालक ने संतुलन खो दिया और वाहन गहरी खाई में गिर गया।

जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग क्षेत्र में सेना के काफिले पर आतंकवादी हमले की खबर है। घटना 24 अक्टूबर 2024 को घटी। इस दौरान आतंकवादियों ने बोटापथरी के नागिन पोस्ट के पास सेना के वाहनों पर अंधाधुंध फायरिंग की। हमले में दो सैनिक बलिदान हो गए और दो स्थानीय नागरिक भी मारे गए। इसके अलावा, हमले में तीन अन्य सैनिकों के घायल होने की भी जानकारी सामने आई है।

बताया जा रहा है कि जिस समय सेना का वाहन बोटापथरी इलाके से नागिन चौकी की ओर जा रहा था उसी वक्त ये हमला किया गया। आतंकवादियों ने अचानक से सेना के वाहनों पर गोलीबारी शुरू कर दी, जिससे चालक ने संतुलन खो दिया और वाहन गहरी खाई में गिर गया। इस हमले की सूचना होने पर अन्य सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके को घेर लिया और हमलावरों को पकड़ने के लिए सर्च ऑपरेशन शुरू किया।

बता दें कि जम्मू-कश्मीर में हुआ यह हमला पिछले आठ दिनों में जम्मू-कश्मीर में चौथा आतंकवादी हमला है। इससे पहले 20 अक्टूबर को जेड-मोड़ सुरंग के स्टाफ क्वार्टर पर एक बड़ा हमला हुआ था, जिसमें सात लोग मारे गए थे और पाँच घायल हुए थे। इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के ऑफ़शूट टीआरएफ ने ली थी।

इसके अलावा यदि पिछले 10 दिनों की खबरें देखें तो पता चलेगा कि राज्य में उनर अब्दुल्लाह की सरकार बनने के बाद गैर-कश्मीरी मजदूरों पर हमले फिर शुरू हो गए हैं। पिछले हफ्ते तीन अलग-अलग घटनाओं में गैर-स्थानीयों को निशाना बनाकर मारा गया है। सबसे ताजा मामला 24 अक्टूबर का ही है। पुलवामा जिले के त्राल इलाके में भी एक प्रवासी मजदूर शुभम कुमार पर हमला हुआ, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गए। इसके अलावा 18 अक्टूबर को भी शोपियाँ जिले में बिहार के रहने वाले अशोक कुमार चव्हाण की आतंकियों द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

उल्लेखनीय है कि कश्मीर में गैर-कश्मीरी लोगों पर बढ़ते हमलों की घटनाओं से हर किसी में भय और असुरक्षा का माहौल बना हुआ है। आलम ये है कि गैर-कश्मीरी अपना काम छोड़कर अपने घर लौटने का फैसला ले रहे हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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