बिहार के नवादा जिले में पुलिस ने अवैध हथियार रखने के आरोप में जदयू नेता समेत 2 लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपित का नाम मंजूर आलम है, दो अन्य आरोपितों के नाम सामने नहीं आए। गिरफ्तारी रविवार (23 अप्रैल 2023) रात हुई।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नवादा पुलिस ने एसपी के नेतृत्व में नरहट प्रखंड के बाजार इलाके में स्थित जदयू नेता मंजूर आलम के घर में छापेमारी की थी। इसी छापेमारी के दौरान पुलिस ने अवैध हथियार बरामद किए। बरामद किए गए हथियार में 5 जिंदा बम, एक पिस्टल, सात देसी कट्टे, एक राइफल समेत कई जिंदा कारतूस शामिल हैं। पुलिस ने अवैध हथियार रखने के आरोप में मंजूर आलम के बेटे और उसके भतीजे को भी गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार आरोपित मंजूर आलम बिहार की सत्ताधारी पार्टी जदयू का सक्रिय कार्यकर्ता है। वह जदयू का प्रखण्ड अध्यक्ष से लेकर प्रदेश महासचिव के पद में भी रह चुका है। हालाँकि कहा जा रहा है कि फिलहाल वह पार्टी के किसी भी पद में नहीं था। रिपोर्ट्स में सामने आया है कि अवैध हथियार रखने के मामले में गिरफ्तार हुए 3 आरोपितों का आपराधिक इतिहास रहा है। जदयू नेता मंजूर आलम के खिलाफ नरहट थाने में करीब आधा दर्जन मामले दर्ज हैं। वहीं, उसके बेटे और भतीजे पर भी पहले से मुकदमा दर्ज होने की बात कही जा रही है।
इस कार्रवाई को लेकर नरहट थाना प्रभारी सरफराज इमाम का कहना है कि अवैध हथियार रखने के आरोप में फिलहाल सिर्फ गिरफ्तार किया गया है। आगे की कार्रवाई की जानी बाकी है। हालाँकि थाना प्रभारी ने मामले की पूरी जानकारी देने से इनकार कर दिया। वहीं, एसपी अम्बरीष राहुल का कहना है कि जिन 3 लोगों को गिरफ्तार गया है, उनसे कड़ी पूछताछ की जा रही है। जाँच के बाद पूरे मामले का खुलासा होगा। इसके लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की जा सकती है।
हालाँकि अब सवाल यह उठता है कि जदयू नेता के पास इतनी बड़ी मात्रा में हथियार कैसे आए? इन हथियारों को इकट्ठा करने का क्या उद्देश्य था? जिंदा बम, पिस्टल, कारतूस और देसी कट्टों के साथ मंजूर आलम, उसका बेटा और भतीजे किस घटना को अंजाम देने की फिराक में था? सवाल यह भी है कि कहीं बिहार में किसी दंगे की साजिश के तहत तो इस तरह के हथियार इकट्ठे नहीं किए गए थे और इस सबमें सरकार का भी हाथ है या नहीं?