Monday, November 18, 2024
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झारखंड के लोहरदगा में सरकारी प्राइमरी स्कूल को बना दिया उर्दू हाई स्कूल, बीजेपी सांसद की शिकायत पर शिक्षा विभाग ने दिए जाँच के आदेश

वर्ष 1976 में इस विद्यालय से पढ़कर निकले धनेश्वर पांडे ने आरोप लगाया है कि जब उन्हें यहाँ से सर्टिफिकेट दिए गए थे तब उसपर उर्दू विद्यालय का कोई जिक्र नहीं था।

झारखंड के लोहदरगा का राजकीय उत्क्रमित उर्दू उच्च विद्यालय अब विवादों से घिर गया है। मामला जिले के किस्को प्रखंड के एक सरकारी प्राथमिक विद्यालय का नाम बदल कर उर्दू उच्च विद्यालय कर देने का है। जिसपर विवाद बढ़ने से अब शिक्षा विभाग ने जाँच का आदेश दिया है।

दरअसल, वर्ष 1976 में इस विद्यालय से पढ़कर निकले धनेश्वर पांडे ने आरोप लगाया है कि जब उन्हें यहाँ से सर्टिफिकेट दिए गए थे तब उसपर उर्दू विद्यालय का कोई जिक्र नहीं था। लेकिन अब इस विद्यालय का नाम उर्दू उच्च विद्यालय हो गया है। उन्होंने षडयंत्र का आरोप लगते हुए इसकी जाँच के साथ विद्यालय को पहले की तरह संचालित करने की माँग की है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस विवाद के सामने आने के बाद राज्य के शिक्षा विभाग ने मामले की जाँच के आदेश दिए हैं। इस बात की जानकारी देते हुए लोहदरगा के उपायुक्त डॉ. वाघमेरे प्रसाद कृष्णा ने बताया है कि मामले की जाँच के लिए आदेश जारी किए जा चुके हैं।

बता दें कि प्राथमिक विद्यालय का नाम बदलकर उर्दू उच्च विद्यालय करने के मामले पर बीजेपी सांसद सुदर्शन भगत ने शिक्षा विभाग से इसकी जाँच कराने की बात कही थी। उन्होंने ग्रामीणों और अभिभावकों के हवाले से बताया है कि यह सामान्य विद्यालय था। इसलिए शिक्षा विभाग को मामले की जाँच करानी चाहिए। रिपोर्ट के मुताबिक स्कूल के पूर्व छात्र रहे धनेश्वर पांडेय ने सांसद को अपनी 31 दिसंबर 1976 में पांचवीं पास करने की मार्कशीट दिखाई थी। इसमें विद्यालय के नाम के साथ उर्दू शब्द का जिक्र नहीं था।

बीजेपी सांसद का कहना है कि यह सामान्य विद्यालय था, लेकिन अचानक कैसे यह स्कूल उर्दू उच्च विद्याालय में बदल गया। हमने शिक्षा विभाग को कहा है कि मामले की जाँच होनी चाहिए। जब सरकारी स्कूल राज्य सरकार का है तो निश्चित रूप से विभाग के संज्ञान में ये बात है कि नहीं सवाल यह भी है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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