प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा बुधवार (21 सितंबर, 2022) को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ कई गंभीर दावे किए गए हैं। ये दावे सीएम के विधानसभा क्षेत्र में संचालित अवैध खनन गतिविधियों से जुड़े हुए हैं। ईडी ने दावा किया है कि इस मामले में गिरफ्तार आरोपी पंकज मिश्रा को ‘राजनीतिक संरक्षण’ प्राप्त है और वो विधानसभा क्षेत्र में सीएम सोरेन का राजनीतिक प्रतिनिधि भी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, केंद्रीय एजेंसी ने बताया कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किए गए पंकज मिश्रा (Pankaj Mishra) ने अपने सहयोगियों के माध्यम से सोरेन के विधानसभा क्षेत्र (साहिबगंज जिले की बरहैट सीट) में अवैध खनन व्यवसाय को नियंत्रित किया, इसलिए वहाँ उसका राजनीतिक प्रभाव भी है।
प्रवर्तन निदेशालय द्वारा राँची की विशेष PMLA (धन शोधन निवारण अधिनियम) अदालत में मिश्रा और उसके दो सहयोगियों (बच्चू यादव व प्रेम प्रकाश) के खिलाफ 16 सितंबर को एक आरोप पत्र दाखिल किया गया था। जाँच एजेंसी ने बताया कि विशेष अदालत ने मंगलवार (20 सितंबर, 2022) को आरोप पत्र और अभियोजन पक्ष की शिकायत का संज्ञान ले लिया था।
जाँच एजेंसी द्वारा यह भी कहा गया, “PMLA जाँच से खुलासा हुआ है कि पंकज मिश्रा को मुख्यमंत्री और बरहैट के विधायक का प्रतिनिधि होने के नाते राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है। अपने सहयोगियों के माध्यम से साहिबगंज और उसके आसपास के इलाकों में अवैध खनन कारोबार और क्षेत्रीय नौका परिवहन सेवाओं को वहीं कंट्रोल करता है।”
ईडी का यह भी कहना है कि पंकज मिश्रा साहिबगंज में विभिन्न खनन स्थलों पर खनन की पूरी प्रक्रिया को अपने नियंत्रण में रखता है। ईडी के मुताबिक, आरोपित द्वारा अवैध गतिविधियों से लूटी गई लगभग 42 करोड़ रुपए की संपत्ति की भी पुष्टि हुई है।
वहीं एजेंसी ने यह भी बताया कि पंकज मिश्रा ने झारखंड में अब तक अवैध खनन से अर्जित लगभग एक हजार करोड़ रुपए की संपत्तियों की भी पहचान हुई है। ईडी ने 47 तलाशी अभियान के तहत 5.34 रुपए की नकदी, 13.32 करोड़ रुपए बैंक जमा राशि, 30 करोड़ रुपये मूल्य की नाव और 5 स्टोन क्रशर के साथ-साथ 2 ट्रक भी जब्त किए हैं। जाँच एजेंसी ने रेड में AK-47 राइफल भी जब्त की हैं।
ईडी ने जुलाई में पंकज मिश्रा को किया था गिरफ्तार
गौरतलब है कि इसी साल जुलाई में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा हेमंत सोरेन विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा को अवैध खनन के मामले में गिरफ्तार किया था। बता दें इस गिरफ्तारी से पहले ED ने मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत पंकज मिश्रा, दाहू यादव और उसके सहयोगियों के खातों की जाँच की थी। उस समय भी एजेंसी को इनके ठिकानों से करोड़ों रुपए भी बरामद हुए थे।