Monday, November 18, 2024
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गाँव में मुस्लिमों की आबादी 90%, झारखंड के इस सरकारी विद्यालय में हिन्दू बच्चों को नहीं मिलता प्रवेश, 5 छात्रों का नाम काट कर निकाला: रिपोर्ट

स्कूल की मैनेजमेंट कमिटी और प्रिंसिपल का कहना है कि गाँव में मुस्लिमों की जनसंख्या करीब 90 फीसदी से अधिक है, इसलिए यहाँ के स्कूलों में केवल मुस्लिमों का ही नामांकन किया जाएगा।

झारखंड (Jharkhand) से एक बार फिर से मुस्लिम बहुल इलाके (Muslim Dominated Area) में हिन्दुओं (Hindus) के साथ भेदभाव और अत्याचार की खबर सामने आई है। इस बार गढ़वा (Garhwa) जिले का है, जहाँ एक गाँव में मुस्लिम आबादी अधिक होने के चलते वहाँ के सरकारी स्कूल ने हिन्दू छात्रों को प्रवेश देना बंद कर दिया है। साथ ही पाँच हिंदू बच्चों को स्कूल से निकाल दिया गया है।

प्रभात खबर की रिपोर्ट के मुताबिक, ये घटना रंका ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले मानपुर गाँव स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय, हथिया पत्थर का है। यहाँ पर बीते कई साल से स्कूल में हिन्दुओं का नामांकन ही नहीं किया जाता है। स्कूल की मैनेजमेंट कमिटी और प्रिंसिपल का कहना है कि गाँव में मुस्लिमों की जनसंख्या करीब 90 फीसदी से अधिक है, इसलिए यहाँ के स्कूलों में केवल मुस्लिमों का ही नामांकन किया जाएगा।

न्यूज के लिए साभार: प्रभात खबर

करीब चार साल पहले इसी स्कूल के पाँच हिन्दू छात्र-छात्राओं का नाम काटकर उन्हें बाहर निकाल दिया गया था। उसके बाद से स्कूल में किसी भी हिन्दू छात्र को प्रवेश नहीं दिया गया। निकाले गए बच्चों में कक्षा तीन के दिलीप कुमार, पंकज कुमार, रानी, कक्षा 2 की अमृता कुमारी और कक्षा एक की नेहा कुमारी है। स्कूल से बाहर किए जाने के बाद से ये छात्र मानपुर से दूर एक स्कूल में पढ़ने लगे।

मजदूरी करते हैं बच्चों के परिजन

जिन बच्चों का नाम काटकर उन्हें स्कूल से बाहर निकाला गया था, उनके पिता बाहर रहकर मजदूरी करते हैं और उनकी माँ ही अभिवावक के तौर पर घर में बची हैं। इन बच्चों की माँओं का आरोप है कि स्कूल का प्रिंसिपल महताब अंसारी मुस्लिम समुदाय से आते हैं। प्रिंसिपल का कहना है कि यहाँ केवल मुस्लिम ही पढ़ेंगे। इस मामले के सामने आने के बाद प्रखंड के शिक्षा अधिकारी कामता प्रसाद ने मामले की जाँच की बात कही है।

प्रिंसिपल का बयान

उत्क्रमित मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक महताब अंसारी का कहना है कि जिन छात्रों को बाहर किया गया है, उनकी स्कॉलरशिप आई थी। स्कूल ने इसका इस्तेमाल खराब हैंडपंप को बनवाने के लिए कर लिया। लेकिन बच्चों ने स्कॉलरशिप के लिए हंगामा करना शुरू कर दिया था। इसके बाद उनका नाम काटा गया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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