बता दें कि राधानगर थाना क्षेत्र में 15 साल की किशोरी ने 18 अगस्त को अपने दुपट्टे से फाँसी लगाई। 15 अगस्त को उसको शाहिद अनवर ने जान से मारने की धमकी देते हुए उसके साथ दुष्कर्म किया था। जब लड़की के घरवालों को इस संबंध में पता चला तो उन्होंने विरोध किया, शिकायत दर्ज कराने की बात कही, लेकिन आरोपित के परिवार ने उन्हें धमकी दी और फिर 18 अगस्त को पंचायत बैठी। आरोपित से सवाल जवाब हुए। पंचायत में उसने स्वीकार लिया कि उसने लड़की के साथ गंदी हरकत की है। इसके बाद पंचायत ने आरोपित पक्ष पर 1.35 लाख रुपए का जुर्माना लगाया लेकिन लड़की के घरवालों ने ये पैसे लेने से मना कर दिए। बच्ची पंचायत के इस फैसले से बहुत आहत हुई और उसने देर रात फंदे पर लटक अपनी जान दे दी।
सुसाइड की खबर सुन आरोपित परिवार फरार
बच्ची की सुसाइड की खबर सुनने के बाद से आरोपित परिवार फरार है। पुलिस उनकी तलाश में छापेमारी कर रही है। पीड़ित परिवार ने ये भी बताया है कि 16 अगस्त को वो इस पूरे मामले की शिकायत थाने में देने जा रहे थे लेकिन तभी शाहिद का परिवार घर आ गया। उन लोगों ने मामले को रफा-दफा करने को कहा। हालाँकि पीड़ित परिवार ने जब नहीं सुनी तो रिपोर्ट के मुताबिक अलाउद्दीन शेख, तस्लीम शेख, लाखन शेख, आजाद शेख, शहजाद शेख सहित आरोपित के घर के 15-16 सदस्यों ने मिलकर मारपीट की। साथ ही धमकी भी दी।
इसी घटना के बाद 18 अगस्त को पंचायत हुई थी। पंचायत में जब बच्ची ने सुना कि उसके साथ जो हुआ उसकी कीमत लग रही है तो उसने आहत होकर अपनी जान दे दी। सुबह जब घरवाले उठे और कमरे में झांक कर देखा तो बच्ची फंदे पर लटकी थी। अब पुलिस ने इस मामले में मृतिका की माँ की शिकायत पर शाहिद अनवर समेत उसके परिजनों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। जल्द ही आरोपितों को गिरफ्तार करने का आश्वासन भी दिया गया है।
बाबू लाल मरांडी ने उठाए सवाल
बाबू लाल मरांडी ने इस घटना की बाबत अपने पोस्ट में लिखा- “संथाल परगना की एक और बेटी दुष्कर्म की भेंट चढ़ गई। शाहिद अनवर नाम के दरिंदे ने साहिबगंज की 15 वर्षीय नाबालिग युवती से दुष्कर्म किया, जिससे आहत होकर पीड़िता ने अपनी जान दे दी।”
संथाल परगना की एक और बेटी दुष्कर्म की भेंट चढ़ गई। शाहिद अनवर नाम के दरिंदे ने साहिबगंज की 15 वर्षीय नाबालिग युवती से दुष्कर्म किया, जिससे आहत होकर पीड़िता ने अपनी जान दे दी।
— Babulal Marandi (@yourBabulal) August 20, 2024
दुमका की बेटी अंकिता, साहिबगंज की बेटी रुबिका पहाड़िया के साथ हुई हैवानियत की रूह कंपा देने वाली यादें… pic.twitter.com/KZ7lsTY7Y5
उन्होंने दुमका की घटना, साहिबगंज की में हुई रूह कंपा देने वाली हैवानियत का जिक्र करते हुए कहा, “इस घटना ने फिर से जख्मों को कुरेदने का काम किया है… दिलदार अंसारी, मो. शाहरुख, शाहिद अनवर जैसे कौम विशेष के दरिंदे गरीब जनजातीय लड़कियों को हवस का शिकार बना रहे हैं। बेटियों को कभी पेट्रोल डालकर जिंदा जलाया जा रहा है, तो कभी टुकड़ों में काटकर फेंक दिया जा रहा है।”
उन्होंने कहा, “पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की बजाय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और झारखंड मुस्लिम मोर्चा की सरकार वहशी दरिंदों को बचाने के लिए हमेशा आगे आई है। मुसलमानों का वोटबैंक खिसकने के डर से हेमंत सोरेन ने कभी भी खुलकर इन शर्मनाक घटनाओं की निंदा तक नहीं की, आरोपितों पर कठोर कारवाई करना तो दूर की बात है।”
उन्होंने गौर कराया, “ताजा प्रकरण में भी मुख्य आरोपित शाहिद अनवर और उसके परिवार के 15- 16 सदस्यों ने पीड़िता और उसके घरवालों के साथ मारपीट कर बर्बाद करने की धमकी दी, फिर आराम से सभी फरार भी हो गए। एकसाथ आरोपित का पूरा परिवार बिना पुलिस प्रशासन के मिलीभगत और सरकार के संरक्षण के फरार नहीं हो सकता। जनजातीय समाज को समझना होगा कि मुसलमानों की गोद में बैठकर राजनीति करने वाले हेमंत कभी भी जनजातीय बेटियों को न्याय नहीं दिला सकते। जनजातीय समाज को अपनी बेटियों की इज्जत बचाने के लिए खुद आगे आना होगा।”