Sunday, November 17, 2024
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प्रशासन के मना करने के बावजूद जबरन रैली निकालने के मामले में MLA जिग्नेश मेवाणी दोषी करार: 3 महीने की कैद और 1 हजार रुपए का लगा जुर्माना

इस रैली में JNU छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान कॉन्ग्रेस नेता कन्हैया कुमार भी शामिल थे। वह भी इस मामले के आरोपियों में से एक हैं। हालाँकि, उन पर मामले की अलग से सुनवाई हो रही है, क्योंकि अदालत द्वारा आरोप तय करने के दौरान वे मौजूद नहीं थे।

गुजरात में बिना इजाजत के रैली करने के मामले में मेहसाणा (Mehsana, Gujarat) की अदालत ने वडगाम से विधायक जिग्नेश मेवाणी (Jignesh mevani) सहित 9 लोगों को तीन महीने की जेल की सजा दी है। इसके साथ ही कोर्ट ने हर दोषी पर 1,000 रुपए का जुर्माना लगाया है। कोर्ट ने सभी को जुलाई 2017 में मेहसाणा से रैली करने के लिए अवैध रूप से इकट्ठा होने को लेकर आपराधिक मुकदमा दर्ज कराया गया था और इसी मामले में कोर्ट ने दोषी ठहराया। वहीं, कॉन्ग्रेस नेता कन्हैया कुमार पर इसी मामले में अलग से केस चल रहा है।

इस मामले में अदालत ने जिग्नेश मेवाणी के अलावा राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी (NCP) की नेता सुबोध परमार और रेशमा पटेल भी शामिल हैं। मामले की सुनवाई करते हुए अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जेए परमार (JA Parmar) की अदालत ने कहा, “रैली करना अपराध नहीं है, लेकिन बिना अनुमति के रैली करना अपराध है। लेकिन, अवज्ञा को कभी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।”

बता दें कि 12 जुलाई 2017 को ऊना मामले की पहली बरसी मनाने को लेकर मेवाणी और उनके सहयोगियों ने मेहसाणा से पड़ोसी बनासकांठा जिले के धनेरा तक ‘आजादी कूच’ रैली का नेतृत्व किया था। इस रैली के लिए प्रशासन ने अनुमति नहीं दी थी। इस मामले में मेहसाणा पुलिस ने उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 143 के तहत गैर-कानूनी सभा का मामला दर्ज किया था। इस मामले में पुलिस ने 12 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।

इस रैली में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान कॉन्ग्रेस नेता कन्हैया कुमार भी शामिल थे। वह भी इस मामले के आरोपियों में से एक हैं। हालाँकि, उन पर मामले की अलग से सुनवाई हो रही है, क्योंकि अदालत द्वारा आरोप तय करने के दौरान वह मौजूद नहीं थे। वहीं, इस मामले में एक आरोपित की मौत हो गई है। इसलिए अदालत ने मेवाणी सहित 10 आरोपितों के खिलाफ सुनवाई शुरू की थी।

असम पुलिस ने किया था गिरफ्तार

हाल ही में मेवाणी को असम पुलिस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के खिलाफ विवादित ट्वीट पर गुजरात से गिरफ्तार किया था। हालाँकि, बाद में उन्हें जमानत मिल गई। इसके बाद पुलिस ने मेवाणी को एक महिला पुलिसकर्मी के साथ बदतमीजी करने के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया था।

जिग्नेश मेवाणी फिलहाल जमानत पर हैं, लेकिन उनकी जमानत के खिलाफ असम सरकार ने गुवाहाटी हाईकोर्ट में अपील दायर की है। इस मामले में 27 मई को हाईकोर्ट में सुनवाई होगी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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