दिल्ली का जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) एक बार फिर विवादों में है। विश्वविद्यालय परिसर में स्थित कई इमारतों की दीवारों पर विवादास्पद नारे लिखे गए। इसके साथ ही कुछ प्रोफेसरों के चैंबरों के गेट पर विश्वविद्यालय के बजाए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) में जाने के लिए कहा गया है। इसका फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
छात्रों ने दावा किया कि विश्वविद्यालय परिसर के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज- II भवन की दीवारों पर ब्राह्मण और वैश्य समुदायों के खिलाफ नारे लिखे गए हैं। एक जगह लिखा है ‘ब्राह्मण-बनिया, हम आ रहे हैं बदला लेने’। एक जगह लिखा है ‘ब्राह्मण परिसर छोड़ो, ब्राह्मण भारत छोड़ो’। वहीं, एक जगह ‘अब खून बहेगा’ लिखा हुआ है।
वहीं, तीन प्रोफसरों के चैंबर के गेट पर ‘शाखा में जाओ’ लिखा गया है। इसको लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। वहीं, संघ से जुड़े छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने इसे वामपंथियों की बर्बरता बताया है।
JNU एबीवीपी के अध्यक्ष रोहित कुमार ने कहा, “एबीवीपी कम्युनिस्ट गुंडों द्वारा अकादमिक स्थानों में बड़े पैमाने पर जातिसूचक नारे लिखने की निंदा करता है। कम्युनिस्टों ने स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज- II बिल्डिंग में जेएनयू की दीवारों पर अपशब्द लिखे हैं। उन्होंने उन्हें डराने के लिए स्वतंत्र सोच वाले प्रोफेसरों के कक्षों को विरूपित किया है।”
रोहित कुमार ने कहा, “हमारा मानना है कि अकादमिक जगहों का इस्तेमाल बहस और चर्चा के लिए होना चाहिए, न कि समाज और छात्रों के समुदाय में जहर घोलने के लिए। यहाँ नफरत और गाली के लिए कोई स्थान नहीं है।”
रोहित कुमार ने कहा कि जिस महिला प्रोफेसर के गेट पर ‘गो बैक टू शाखा’ लिखा हुआ है, उन्हें साल 2019 में 3 दिनों तक बंधक बनाकर रखा गया था। उन्होंने कहा कि आज जेएयू को हेट फैक्ट्री बना दिया गया है।