Sunday, December 22, 2024
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JNU में फिर भिड़े लेफ्ट और ABVP के छात्र: डंडा, साइकिल, धारदार हथियार सब चले; 1 माह में दूसरी झड़प

दोनों पक्षों में झड़प की वजह चुनावी कमेटी के सदस्यों को चुनने को लेकर बताई जा रही है। घायल छात्रों को सफदरजंग अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। कुछ वीडियोज भी सामने आई हैं जिसमें दोनों गुटों में हुई हिंसक झड़प दिखाई गई है।

जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के कैंपस में एक बार फिर से लेफ्ट छात्रों में और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रों में झड़प का मामला सामने आया है। घटना स्कूल ऑफ लैंग्वेज के पास की है। दोनों पक्षों में झड़प चुनावी कमेटी के सदस्यों को चुनने को लेकर हुई। घायल छात्रों को सफदरजंग अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

कुछ वीडियोज भी सामने आई हैं जिसमें अराजक तत्व कहीं डंडा लेकर दूसरों को पीट रहे हैं तो कहीं दूसरे के ऊपर साइकिल उठाकर फेंक रहे हैं। इसके अलावा कुछ छात्रों को भीड़ द्वारा घेरकर मारा जा रहा है जिन्हें सिक्योरिटी गार्ड बचाता दिखाई दे रहा है।

दोनों संगठनों के छात्रों ने एक दूसरे के विरुद्ध शिकायत दी है। पुलिस ने बताया है कि उन्हें दोनों तरफ से शिकायत मिली है वो इस मामले में जाँच कर रहे हैं। तीन लोग घायल हुए हैं।

विश्वविद्यालय की ओर से इस मामले में कोई बयान नहीं आया है लेकिन इस झड़प की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। इसमें भीड़ में दोनों गुटों के सदस्यों को एक साथ भिड़ते देखा जा सकता है। एक शख्स इधर से उधर साइकिलें फेंक रहा है।

लेफ्ट सदस्यों का कहना है कि एबीवीपी के लोगों ने उनके ‘कॉमरेडों’ पर बुरी तरह हमला किया जिसकी वजह से वह बुरी तरह घायल हुए।

एबीवीपी वालों का कहना है कि जो छात्र स्कूल ऑफ लैंग्वेज में जनरल बॉडी मीटिंग अटेंड करने आए थे, उनपर लेफ्ट के गुंडों ने धारदार हथियार से वार किया। सिर्फ इसलिए क्योंकि वो चुनाव को निष्पक्ष ढंग से होता देखना चाहते थे। एबीवीपी के ट्वीट के मुताबिक कई छात्रों के चेहरे पर गहरी चोटें भी आई हैं।

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार एबीवीपी के जेएनयू अध्य उमेश चंद्र अजमीरा ने कहा,”वाममपंथी छात्र चुनाव प्रक्रिया में धांधली करने का प्रयास कर रहे थे। स्कूल ऑफ लैंग्वेज के छात्रों ने आपत्ति जताई…पूरी प्रक्रिया 3-4 घंटे से अधिक समय तक रुकी रही…जब आधे घंटे बाद प्रक्रिया दोबारा शुरू हुई, तो आइशी घोष (जेएनयू अध्यक्ष) ने चार कम्युनिस्ट नामों की घोषणा की और कहा कि वे निर्वाचित हो गए हैं। कार्यकर्ताओं ने नाम उजागर करने और चयन प्रक्रिया की माँग की।”

उन्होंने आगे बताया, “इस दौरान दानिश (एआईएसएफ सदस्य) ने कहा कि चार नहीं बल्कि दो ही पुराने सदस्यों को दोबारा चुना गया है। आइशी और दानिश ने विरोधाभासी बातें कहीं जिसे सुन छात्र आपत्तियाँ उठा रहे थे…नामों का खुलासा करने को कहा जा रहा था और उन नामों को वापस लेने और स्वतंत्र और निष्पक्ष प्रक्रिया के माध्यम से चयन करने की माँग की जा रही थी। इसी बीच वामपंथी छात्रों ने धक्का-मुक्की शुरू कर दी और ‘डफली’ को हथियार बनाकर छात्रों पर हमला कर दिया…200 से ज्यादा वामपंथी छात्रों ने वहाँ मौजूद 4-5 कार्यकर्ताओं पर हमला कर दिया…यह कोई नई बात नहीं है।

9 फरवरी को भी हुआ था हमला

बता दें कि इससे पहले जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में 9 फरवरी 2024 को देर रात 2 छात्र संगठन (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और लेफ्ट ग्रुप) के सदस्यों के बीच मारपीट होने की खबर सामने आई थी। इस झगड़े में कुछ छात्र घायल हुए थे जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। घायलों का इलाज दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में हुआ था।

उस समय भी मुद्दा जनरल बॉडी मीटिंग पर चल रही मीटिंग पर हुआ था। एबीवीपी छात्रों का कहना था कि लेफ्ट संगठनों ने उनके कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की, तो लेफ्ट के छात्रों का कहना था कि एबीवीपी के छात्रों ने चुनाव प्रक्रिया को बाधित करने का प्रयास किया। कुछ वीडियो सामने आई थी जिसमें एबीवीपी के छात्र दावा कर रहे थे कि लेफ्ट वालों ने उन्हें धारदार हथियार और अपनी स्टील की बनी ढपलियों से मारा।

वहीं, जेएनयू के AISA संगठन ने आरोप लगाया था कि एबीवीपी ने यूजीबीएम (जनरल बॉडी मीटिंग) को बाधित किया और उन्होंने जेएनयूएसयू के अध्यक्ष और अन्य लोगों के साथ हाथापाई की। साथ ही साउंड सिस्टम भी तोड़ दिया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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