महाराष्ट्र के पुणे में फर्जी शेयर ट्रेडिंग कराने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ करके पुलिस ने 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। इन लोगों ने शेयर ट्रेडिंग के नाम पर कई लोगों को लाखों रुपए का चूना लगाया है। गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की पहचान जुनैद मुख्तार कुरैशी, सलमान मंसूर शेख, अब्दुल अजीज अंसारी, आरिफ अनवर खान और तौफिक गफ्फार शेख के रूप में की गई है।
अपराध शाखा के डीसीपी संदीप डोईफोडे के अनुसार, पुणे जिले के पिंपरी चिंचवड़ शहर के कई निवासियों की शिकायतों के बाद अधिकारियों ने इसकी जाँच शुरू की। एक महिला से इस गैंग ने 31.6 लाख रुपए की धोखाधड़ी की थी। एडवांस तकनीकी का उपयोग करते हुए पिंपरी चिंचवड़ पुलिस की साइबर सेल ने फर्जी शेयर ट्रेडिंग एप्लिकेशन से जुड़े पाँच संदिग्धों की पहचान करके उन्हें पकड़ लिया।
डोईफोडे ने बताया कि ऑपरेशन के दौरान पुणे पुलिस ने 7 लाख रुपए नकद, 7 मोबाइल फोन, नकदी गिनने की एक मशीन, विभिन्न बैंकों के 8 डेबिट कार्ड और विभिन्न बैंकों के 12 चेकबुक बरामद किए। उन्होंने कहा, “जाँच के दौरान यह पाया गया कि सभी पाँच आरोपितों ने लगभग 120 बैंक खातों के माध्यम से कई लोगों से करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी की।” इनमें से 80 बैंक खाते पुणे में हैं।
पुलिस अधिकारी के मुताबिक, इस गैंग का एक विदेशी लिंक भी था, क्योंकि उन्हें विदेशी लोगों से भी पैसा मिलता था। इस पैसे को वो क्रिप्टोकरेंसी में बदल देते थे और हॉन्गकॉन्ग में अपने हैंडलर्स के पास भेज देते थे। पुलिस अधिकारी के अनुसार, आरोपित बेरोजगार थे और शेयर ट्रेडिंग में रुचि लेने वाले लोगों को वे निशाना बनाते थे।
अपराध शाखा के डीसीपी संदीप डोईफोडे ने आगे बताया, “बाद में इस गैंग के लोग निशाना बनाए गए लोगों को एक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ते थे और बेहतर रिटर्न के लिए निवेश करने के लिए कहते थे। निवेश करने के कुछ दिनों के बाद ये लोग ग्रुप में शांत हो जाते थे और जमाकर्ताओं के मैसेज का जवाब भी नहीं देते थे। इस संबंध में पिंपरी चिंचवाड़ में 75 शिकायतें दर्ज कराई गई थीं।
दरअसल, पिंपरी चिंचवड़ पुलिस की साइबर सेल ने बुधवार (10 अप्रैल 2024) को 4 करोड़ रुपए के ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग रैकेट का खुलासा किया, जिसमें फर्जी ऑनलाइन ट्रेडिंग ऐप, मनी म्यूल अकाउंट (ऐसे व्यक्ति जो किसी और को कमीशन के लिए पैसे ट्रांसफर करने के लिए अपने बैंक खाते का उपयोग करने की अनुमति देते हैं) और का उपयोग शामिल है।
पुलिस अधिकारी के मुताबिक, “तिंगरेनगर निवासी जुनैद मुख्तार कुरैशी (21) ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग करता था। इससे पहले वह एक कॉल सेंटर में काम करता था। शेयर ट्रेडिंग के दौरान वह सबसे पहले हॉन्गकॉन्ग स्थित हैंडलर के संपर्क में आया। उसने अपना नाम ‘ग्रेग’ बताया था। उसने कुरेशी से उनकी गतिविधि को सुविधाजनक बनाने के लिए उनके लिए म्यूल अकाउंट के लिए कहा।”
इसके बाद कुरैशी ने सलमान मंसूर शेख (22), अब्दुल अजीज अंसारी (23), आरिफ अनवर खान (29) और तौफीक गफ्फार शेख (22) को अपने साथ शामिल किया। वे सब मिलकर अपने दोस्तों और सहयोगियों के 120 मनी म्यूल खातों को बिना किसी संदेह के सुरक्षित करने में कामयाब रहे। इन्हीं खातों में वे पैसे मँगाते थे और उसे निकालकर हॉन्गकॉन्ग भेजकर क्रिप्टो में कमीशन लेते थे।
एक अन्य पुलिस अधिकारी ने TOI को बताया कि सलमान, अब्दुल अजीज और तौफीक लोहेगाँव रोड के रहने वाले हैं, जबकि आरिफ कोंढवा का रहने वाला है। कुरैशी को छोड़कर बाकी चार लोग भोजन और पार्सल डिलीवरी सहित छोटे-मोटे काम करते थे। डीसीपी डोइफाइड ने नागरिकों से केवल स्वतंत्र और प्रामाणिक शेयर ट्रेडिंग निवेश कंपनियों के माध्यम से ही निवेश करने की सलाह दी है।