झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में शनिवार (12 नवम्बर, 2022) को हिन्दू नेता कमलदेव गिरी की बोतल बम फेंक कर हत्या कर दी गई थी। उनके परिवार ने जाँच कर रही झारखंड पुलिस पर अविश्वास जताया है। दिवंगत कमलदेव के परिजन हत्याकांड में सत्ताधारी झारखंड मुक्ति मोर्चा विधायक सुखरमा उराँव को मुख्य साजिशकर्ता के तौर पर बता रहे हैं। वहीं पलिस ने अपनी तरफ से निष्पक्ष कार्रवाई किए जाने की जानकारी दी है।
पहले ही चेताया था प्रशासन को
दिवंगत कमलदेव के भाई फूलनदेव गिरी ने ऑपइंडिया से बात की। उन्होंने बताया कि उनके भाई कमलदेव ने अपनी हत्या से कुछ समय पहले ही स्थानीय प्रशासन को अपने खिलाफ चल रही साजिश की जानकारी दी थी। फूलनदेव के मुताबिक लिखित शिकायत में उन्होंने जिन लोगों के नाम डलवाए थे वो स्थानीय झामुमो विधायक के ही करीबी थे। फूलनदेव के मुताबिक अपने ऊपर हमले की आशंका को देखते हुए उनके भाई ने प्रशासन से शस्त्र लाईसेंस और सुरक्षा की माँग की थी लेकिन इन दोनों माँगों पर कभी भी ध्यान नहीं दिया गया। बकौल फूलनदेव उनके भाई की शिकायत पर प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया और यही अनदेखी उनके भाई की हत्या की वजह बनी।
बढ़ते कद से जलन थी झामुमो विधायक को
फूलनदेव गिरी ने अपने भाई की हत्या का मुख्य साजिशकर्ता खुले तौर पर स्थानीय झामुमो विधायक सुखराम उराँव को बताया। उन्होंने बताया कि कमलदेव गिरी का बढ़ रहा कद और समाज में सम्मान सुखराम को पंसद नहीं था। हमसे बातचीत के दौरान फूलनदेव ने अपने मृतक भाई कमलदेव को विधायक सुखराव उराँव के विपत्ति का साथी बताया। फूलनदेव के मुताबिक जब सुखराम विधायक नहीं थे तब उनके भाई कमलदेव उनके साथ रहा करते थे और कई बार खुद को संकट में डाल कर उन्होंने सुखराम की रक्षा की थी। हमें बताया गया कि कई मौकों पर कमलदेव ने विधायक सुखराम की हिन्दू विरोधी नीतियों का विरोध किया था जो उन्हें पसंद नहीं आया था।
अनशन पर है परिवार
कमलदेव के भाई फूलनदेव का कहना है कि अनशन में उनके परिवार और रिश्तेदार मिला कर 1 दर्जन लोग लगातार और समर्थक आदि मिला कर लगभग 50 से 100 लोगों की संख्या अक्सर रहती है जो कम-ज्यादा होती रहती है। 16 दिसंबर 2022 को हमें अनशन का 14 वाँ दिन बताया गया।
इसलिए चाहिए CBI जाँच
CBI जाँच की जरूरत पर जब हमारे द्वारा सवाल किया गया तब कलमदेव के भाई ने बताया कि हत्या की तैयारी सुनियोजित थी। जिस DIG अजय लिंडा के अधीनस्थ उनके जिले का पुलिस प्रशासन है उन पर भी फूलनदेव गिरी ने सवाल खड़े किए। फूलनदेव ने कहा कि DIG अजय लिंडा वर्तमान बिशुनपुर से झामुमो विधायक चमरा लिंडा के भाई हैं और पश्चिम सिंहभूम जिले के लगभग 4 साल पहले SP भी रह चुके हैं। DIG अजय लिंडा पर सवाल उठाते हुए फूलनदेव ने कहा कि उनके SP रहते कमलदेव गिरी को कोरोना उललंघन का नोटिस देने 60 पुलिसकर्मी भेजे गए थे।
फूलनदेव ने कहा कि पिछले साल काशी विश्वनाथ मामले में उनके जिले में 3 मुस्लिमों ने शिवलिंग पर गंदी टिप्पणी की थी जिसमें स्थानीय पुलिस मामले को दबाने की बहुत कोशिश की थी। बकौल फूलनदेव तब उनके भाई कमलदव ने आंदोलन की चेतावनी दी थी जिसके बाद सभी आरोपितों को पकड़ा गया था। फूलनदेव का आरोप है कि तब पुलिस वाले लगातार कमलदेव पर मामले में कम्प्रोमाइज करने का दबाव बना रहे थे।
नज्जू अंसारी के खिलाफ धमकी देने की शिकायत
फूलनदेव गिरी के मुताबिक उनके साथ धरने में शामिल एक समर्थक को विधायक सुखराम उराँव के सहयोगी नज्जू अंसारी द्वारा दी गई धमकी के मामले में स्थानीय SHO को जानकारी दे दी गई है। हमें बताया गया कि नज्जू अंसारी विधायक के संरक्षण में तमाम गैर कानूनी काम करता है। फूलनदेव के मुताबिक उन्होंने जिले के DC को अज्ञात नाम से शिकायत दी थी।
पुलिस कर रही निष्पक्ष कार्रवाई
कमलदेव गिरी के भाई के तमाम आरोपों पर ऑपइंडिया से बात करते हुए जिले के एडिशनल SP कपिल चौधरी ने बताया कि पुलिस पर कोई भी दबाव नहीं है और कलमदेव हत्याकांड की जाँच निष्पक्ष और एकदम सही दिश्य में चल रही है। ASP चौधरी के मुताबिक मामले में गिरफ्तारियाँ पक्के सबूतों के आधार पर हो रही हैं और जिसके भी खिलाफ प्रमाण मिलेंगे उसे पकड़ा जाएगा। परिजनों द्वारा विधायक की संलिप्तता के आरोपों पर कपिल चौधरी ने कहा कि इन आरोपों के समर्थन में अब तक एक भी सबूत नहीं मिला है। इसी के साथ उन्होंने आगे कहा कि यदि पीड़ित परिवार के पास विधायक की संलिप्तता के कोई ठोस सबूत हों तो हमें सौंपे जिस पर हम जाँच के बाद कार्रवाई करेंगे।
विधायक सुखराम ने नहीं उठाया फोन
ऑपइंडिया ने कमलदेव के परिजनों के आरोपों पर जवाब माँगने के लिए स्थानीय झामुमो विधायक सुखराम उराँव को कई बार सम्पर्क किया लेकीन फोन उठा नहीं। विधायक सुखराम का बयान आने के बाद इस खबर में अपडेट किया जाएगा।