कमलेश तिवारी हत्याकांड में आए दिन नए खुलासे हो रहे हैं। हर रोज नए चेहरों के पकड़े जाने के साथ इस मामले में हर गुत्थी सुलझती नजर आ रही है। ताजा खबर के अनुसार गुजरात-राजस्थान बॉर्डर के पास से पकड़े गए दोनों हत्यारों (अशफ़ाक़ और मोइद्दीन ) ने पूछताछ में कहा है कि उन्हें इस हत्या को करने का कोई अफसोस नहीं है, क्योंकि ये शरीयत के मुताबिक था।
हत्यारे असफाक और मोइद्दीन ने कत्ल को अंजाम देने के लिए कई और मौलानाओं से सलाह मश्विरा किया था#KamleshTiwariMurderCase https://t.co/FSr4fPm0Na
— News State (@NewsStateHindi) October 23, 2019
मीडिया रिपोर्ट्स में मुताबिक हत्यारों ने अपनी करतूत पर बिना कोई अफसोस जताए कहा कि वे इसे वाजिब- उल-कत्ल मानते हैं। इसके अलावा ये भी पता चला कि पहले मौलाना मोहसिन ने शरीयत का हवाला देकर ही इन दोनों का ब्रेन वॉश किया था और बाद में इन्होंने कत्ल करने से पहले कई अन्य मौलानाओं से भी सलाह मशविरा किया था।
यहाँ बता दें कि आरोपितों के गुनाह कबूल करने के बाद आज कमलेश तिवारी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी मीडिया में आ गई है। रिपोर्ट के मुताबिक कमलेश तिवारी को 15 बार चाकू मारा गया था। हत्यारों ने पहले गोली मारी और फिर धारदार हथियार से ताबड़तोड़ वार किए गए। चाकू से सीने पर ही 7 बार वार किए गए। चाकू के वार से गर्दन पर 12 सेंटीमीटर लंबा और 3 सेंटीमीटर गहरा घाव हुआ। गला रेतने के कारण ही कमलेश की मौत हो गई थी।
इसके अलावा रिपोर्ट में बताया गया है कि तिवारी के चेहरे के बाईं तरफ बुलेट इंजरी मिली है। गोली उनके चेहरे पर दागी गई थी। हालाँकि, ये भी जाँच का विषय है कि किसी ने बुलेट की आवाज़ क्यों नहीं सुनी? पॉइंट 32 बोर पिस्टल से चली गोली की आवाज़ न तो उनके बॉडीगार्ड और न ही उनकी पत्नी को सुनाई दी। जबकि वारदात के समय ग्राउंड फ्लोर पर ही मौजूद थे। पिस्टल को चाकू के साथ मिठाई के डब्बे में ही ले जाया गया था या फिर इसे कहीं और छिपाया गया था, इस बारे में पुलिस को भी कुछ संशय है।