नेशनल इन्वेस्टिंग एजेंसी (NIA) की टीम ने मंगलवार (12 जुलाई, 2022) को अंजुमन तालीमुल इस्लाम के सदर मुजीब सिद्दिकी और सेक्रेट्री फारुक सहित करीब आधा दर्जन आरोपितों को उदयपुर में हिरासत में लिया है। सभी आरोपितों को जयपुर ले जाया गया और उनसे कन्हैयालाल की गर्दन काटकर जघन्य हत्या के मामले में पूछताछ की जा रही है। माना जा रहा है कि एनआईए की टीम इन सभी को कभी भी गिरफ्तार कर सकती है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हिरासत में लिए जाने से पहले, पिछली रात को ही उदयपुर के मुखर्जी चौक स्थित अंजुमन तालीमुल इस्लाम के सदर मुजीब सिद्दीकी के घर पर एनआईए ने तलाशी ली। इसी तरह, पूर्व सदर खलील अहमद सहित कुछ अन्य संदिग्धों को भी एनआईए ने हिरासत में लिया है। इनमें दो एडवोकेट और एक मौलाना भी बताए जा रहे हैं। वहीं आरोपितों के घर से हथियार बरामद होने की खबर भी सामने आई है।
क्या है अंजुमन तालीमुल इस्लाम और कैसे जुड़ी है इस मामले से
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अंजुमन तालीमुल इस्लाम उदयपुर के मुस्लिमों का प्रतिनिधित्व करने वाला प्रमुख संगठन है। इस संगठन का गठन 116 साल पहले हुआ था। यहीं से जारी फतवों का पालन उदयपुर के सभी मुस्लिम करते हैं। इसी संस्था के बैनर तले नूपुर शर्मा के बयान के बाद विरोध में उदयपुर में हिंसक विरोध प्रदर्शन भी किए गए। संस्था ने तब कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर नूपुर शर्मा के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की माँग की थी।
ज्ञापन में कहा गया था कि नूपुर शर्मा के बयान से मुस्लिम समुदाय आहत हुआ है। भारत का संविधान किसी भी अन्य धर्म पर अशोभनीय टिप्पणी करने का किसी को अधिकार नहीं देता है। लेकिन, मुंबई (Mumbai) में रजा एकेडमी द्वारा FIR दर्ज कराने के बावजूद नूपुर के खिलाफ न तो कानूनी कार्रवाई हुई है और न ही उसे गिरफ्तार किया गया है। इस पूरे विरोध प्रदर्शन में मुस्लिमों को भड़काने का मामला सामने आया था।
वहीं जब कन्हैयालाल की गौस मुहम्मद और रियाज अत्तारी द्वारा सर तन से जुदा की तर्ज पर हत्या कर दी गई तो यही संस्था अंजुमन तालीमुल इस्लाम आमजन से शांति एवं सौहार्द की अपील करती नजर आई। जबकि मुस्लिमों को उकसाने में इसका भी हाथ था।
वैसे यदि अंजुमन तालीमुल इस्लाम संस्था के औपचारिक कार्यों की बात की जाए तो इस संस्था द्वारा ही मुस्लिमों के ईद आदि त्योहारों की तिथि की घोषणा की जाती है। यह संगठन मुस्लिम समाज के बच्चों की तालीम यानी शिक्षा, रमजान के समय चाँद दिखने के विवाद का निपटारा करने, मदरसों को बढ़ाने, राज्य की मुस्लिम संस्थाओं को अंजुमन से जोड़ने के अलावा समाज के यतीम और गरीबों की आर्थिक रूप से मदद करने का काम करता है।