छत्तीसगढ़ के कांकेर में एक लाख की इनामी महिला नक्सली ने अपने 5 दिन के बच्चे के साथ आत्मसमर्पण कर दिया है। महिला नक्सली अपने एक साथी नक्सली से गर्भवती हुई थी। गश्त के दौरान सुरक्षा बलों को महिला नक्सली मिली थी, जो गर्भवती होने के कारण चलने में असमर्थ थी। इस कारण उसके साथी नक्सली उसे वहीं जंगल में अकेला छोड़कर चले गए थे।
नक्सली आतंकी प्रसव से पहले ही इस महिला को आलपरस गाँव में छोड़कर चले गए थे। नक्सलियों ने जहाँ उसे मरने के लिए छोड़ दिया, वहीं पुलिस ने मानवीय चेहरा दिखाते हुए उस महिला नक्सली को अस्पताल में भर्ती कराया। अस्पताल में जच्चा-बच्चा दोनों का इलाज जारी है। फिलहाल दोनों की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, छत्तीसगढ़-ओडिशा बॉर्डर पर कोयलीबेड़ा के आलपरस के जंगलों में मंगलवार (मई 14, 2019) को जिला पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। इस मुठभेड़ में जवानों ने 8 लाख रुपए की इनामी महिला नक्सली उप कमांडर फूलो बाई उर्फ महरी को गिरफ्तार किया था। डीआरजी और पुलिस के जवान नक्सलियों की सूचना पर वहाँ सर्चिंग के लिए पहुँचे थे। अचानक नक्सलियों ने वहाँ फायरिंग कर दी, जवाबी कार्रवाई में नक्सली वहाँ से भाग निकले।
इसके बाद डीआरजी के जवान बुधवार (मई 15, 2019) को आलपरस के जंगलों की ओर गश्त पर निकले थे। इसी दौरान उन्हें जंगल में महिला नक्सली अपने 5 दिन के बच्चे के साथ मिली। पूछताछ में उसने बताया कि उसे बच्चे के प्रसव से पहले ही नक्सली वहाँ छोड़कर गए थे, इसके बाद से महिला वहीं पर थी। उसे इस हालत में देख पुलिस के जवान उसे लेकर कैंप लौटे और महिला और उसके बच्चे को जिला अस्पताल में भर्ती कराया।