Sunday, December 22, 2024
Homeदेश-समाज'किसी ने उकसाया था या खुद पहन कर आईं हिजाब': जाँच की जद में...

‘किसी ने उकसाया था या खुद पहन कर आईं हिजाब’: जाँच की जद में कानपुर के कॉलेज की 3 मुस्लिम छात्राएँ, प्रिंसिपल ने समझाया तो कहा था – नाम काट दो, लेकिन…

प्रिंसिपल सुरजीत सिंह ने तीनों छात्राओं के अभिभावकों को भी पूरे घटनाक्रम से अवगत करवा दिया। बताया जा रहा है कि तीनों छात्राओं के अभिभावकों ने गलती को स्वीकार किया है।

उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में कॉलेज के अंदर हिजाब पहन कर आई 3 छात्राओं के मामले का जिलाधिकारी (DM) ने संज्ञान लिया है। एक सप्ताह पुराने इस मामले में उन्होंने उपजिलाधिकारी (SDM) को मामले की जाँच के आदेश दे दिए हैं। यह आदेश शनिवार (10 अगस्त, 2024) को दिया गया है। वहीं तीनों छात्राओं के अभिभावकों ने अपनी गलती मानी है। उन्होंने भविष्य में छात्राओं को स्कूल द्वारा निर्धारित ड्रेस में भी भेजने का आश्वासन दिया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शनिवार को कानपुर के जिलाधिकारी राकेश सिंह ने मामले का संज्ञान लिया है। उन्होंने उपजिलाधिकारी रश्मि लांबा को पूरे घटनाक्रम की जाँच कर के रिपोर्ट इसी माह 17 अगस्त तक प्रेषित करने का आदेश दिया है। यह जाँच 3 बिंदुओं पर होनी है। पहला ये कि क्या छात्राएँ शुरू से ही कॉलेज में पढ़ती थीं और अपनी खुद की मर्जी से हिजाब बाँध कर आईं थीं। जाँच का दूसरा बिंदु यह है कि छात्राओं को ड्रेस कोड की जानकारी थी या नहीं।

तीसरे बिंदु में जाँचा जाएगा कि कहीं तीनों छात्राओं को कॉलेज में हिजाब पहन कर जाने के लिए किसी ने उकसाया तो नहीं था?

बताते चलें कि मामला 3 अगस्त 2024 का है। घटना कानपुर के बिल्हौर इलाके में पड़ने वाले सरकारी इंटर कॉलेज की है। यहाँ पढ़ने वाली 3 मुस्लिम छात्राएँ पिछले कुछ समय से हिजाब पहन कर आने लगी थीं। स्कूल की महिला टीचर ज्योति ने उन्हें टोका और निर्धारित ड्रेस में ही आने की हिदायत दी। हालाँकि इस हिदायत का छात्राओं पर कोई असर नहीं पड़ा। उन्होंने अपनी शिक्षिका से कहा कि भले ही उनके नाम काट दिए जाएँ पर हो हिजाब में ही पढ़ने आएँगी।

बाद में ये मामला स्कूल के प्रधानाचार्य सुरजीत सिंह यादव तक पहुँचा। उन्होंने भी छात्राओं को समझाने की कोशिश की। हालाँकि, उनकी कोशिश बेअसर रही। तीनों छात्राओं ने उन्हें साफ कह दिया कि भले ही उनके नाम काट दिए जाएँ पर वो हिजाब ही पहन कर स्कूल आएँगी। इस बात को छात्राओं ने लिखित तौर पर भी दे दिया। आखिरकार प्रिंसिपल ने कड़े कदम उठाए और स्कूल में निर्धारित ड्रेस के अलावा कुछ और पहन कर आने वाले छात्र-छात्राओं के प्रवेश पर रोक लगा दी।

प्रिंसिपल सुरजीत सिंह ने तीनों छात्राओं के अभिभावकों को भी पूरे घटनाक्रम से अवगत करवा दिया। बताया जा रहा है कि तीनों छात्राओं के अभिभावकों ने गलती को स्वीकार किया है। उन्होंने भविष्य में छात्राओं को स्कूल द्वारा निर्धारित ड्रेस में भी भेजने का आश्वासन दिया है। तीनों छात्राएँ इंटरमीडिएट में पढ़ती हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

राहुल पाण्डेय
राहुल पाण्डेयhttp://www.opindia.com
धर्म और राष्ट्र की रक्षा को जीवन की प्राथमिकता मानते हुए पत्रकारिता के पथ पर अग्रसर एक प्रशिक्षु। सैनिक व किसान परिवार से संबंधित।

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ : जानें अब तक और कितने देश प्रधानमंत्री को...

'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' कुवैत का प्रतिष्ठित नाइटहुड पुरस्कार है, जो राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है।

जिस संभल में हिंदुओं को बना दिया अल्पसंख्यक, वहाँ की जमीन उगल रही इतिहास: मंदिर-प्राचीन कुओं के बाद मिली ‘रानी की बावड़ी’, दफन थी...

जिस मुस्लिम बहुल लक्ष्मण गंज की खुदाई चल रही है वहाँ 1857 से पहले हिन्दू बहुतायत हुआ करते थे। यहाँ सैनी समाज के लोगों की बहुलता थी।
- विज्ञापन -