Sunday, November 17, 2024
Homeदेश-समाजनई नहीं है दुकानों पर नाम लिखने की व्यवस्था, मुजफ्फरनगर पुलिस ने काँवड़िया रूट...

नई नहीं है दुकानों पर नाम लिखने की व्यवस्था, मुजफ्फरनगर पुलिस ने काँवड़िया रूट पर मजहबी भेदभाव के दावों को किया खारिज: जारी की नई एडवायजरी

इस आदेश पर सोशल मीडिया पर लिबरल-वामपंथी समुदाय काफी उछलकूद मचाए हुए है। हालाँकि, यही गैंग तब कोई प्रश्न नहीं उठाता जब खाने-पीने के सामानों में 18% समुदाय की ‘हलाल’ को जिद बहुसंख्यकों पर थोपी जाती है।

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में पुलिस ने ताजी एडवायजरी जारी की है, जिसमें दुकानों और होटलों पर मालिकों के नाम लिखने को ऐच्छिक कर दिया है। एक्स पर एक पोस्ट में मुजफ्फरनगर पुलिस ने कहा कि उसका इरादा किसी भी तरह का धार्मिक भेदभाव पैदा करना नहीं है, बल्कि मुजफ्फरनगर जिले से गुजरने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए और किसी भी अप्रिय स्थिति को रोकने के लिए है।

मुजफ्फरनगर काँवड़ यात्रा मार्ग पर ये व्यवस्था पहले से चली आ रही है। मुजफ्फरनगर पुलिस द्वारा जारी एडवायजरी में कहा गया है, “श्रावण काँवड़ यात्रा के दौरान समीपवर्ती राज्यों से पश्चिमी उत्तर प्रदेश होते हुए भारी संख्या में काँवड़िए हरिद्वार से जल उठाकर मुजफ्फरनगर जनपद से होकर गुजरते हैं। श्रावण के पवित्र माह में कई लोग खासकर काँवड़िए अपने खानपान में कुछ खाद्य सामग्री से परहेज करते हैं। पूर्व में ऐसे दृष्टांत प्रकाश में आए हैं, जहाँ काँवड़ मार्ग पर हर प्रकार की खाद्य सामग्री बेचने वाले कुछ दुकानदारों द्वारा अपनी दुकानों के नाम इस प्रकार से रखे गए, जिससे काँवड़ियं में भ्रम की स्थिति उत्पन्न होकर कानून व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हुई।”

इसमें आगे लिखा है, “इस प्रकार की पुनरावृत्ति रोकने एवं श्रद्धालुओं की आस्था के दृष्टिगत काँवड़ मार्ग पर पड़ने वाले होटल, ढाबे एवँ खानपान की सामग्री बेचने वाले दुकानदारों से अनुरोध किया गया है कि वो स्वेच्छा से अपने मालिक और काम करने वालों का नाम प्रदर्शित करें। इस आदेश का आशय किसी प्रकास का धार्मिक विभेद न होकर सिर्फ मुजफ्फरनगर जनपद से गुजरने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा, आरोप-प्रत्यारोप एवँ कानून व्यवस्था की स्थिति को बचाना है। यह व्यवस्था पूर्व में भी प्रचलित रही है।”

मुजफ्फरनगर पुलिस द्वारा जारी एडवायजरी

काँवड़ यात्रा को लेकर सहारनपुर के डीआईजी अजय कुमार साहनी ने कहा, “पहले भी ऐसे मामले सामने आए हैं कि काँवड़ियों के बीच होटल और ढाबों पर खाने की रेट लिस्ट को लेकर बहस हुई है। इसके अलावा, ऐसे मामले भी सामने आए हैं, जहाँ किसी होटल/ढाबे पर नॉनवेज मिलता है या किसी दूसरे समुदाय के व्यक्ति ने किसी और नाम से होटल/ढाबा खोल लिया है और इससे विवाद हुआ है।”

उन्होंने आगे कहा, “इसके मद्देनजर यह निर्णय लिया गया कि दुकानों/होटल/ढाबों के मालिक/मालिक का नाम बोर्ड पर स्पष्ट रूप से लिखा जाएगा, रेट लिस्ट स्पष्ट रूप से लिखी जाएगी और श्रमिकों के नाम भी स्पष्ट रूप से लिखे जाएँगे ताकि किसी भी तरह की कोई समस्या न हो…सभी से बातचीत की गई है और सभी होटल/ढाबे इस पर सहमत हैं…हमारे काँवड़ रूट के लिए यह निर्णय लिया गया है…”

बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के जिला प्रशासन में हाल ही में एक आदेश जारी किया था, जिसमें कहा गया है कि जिले के भीतर जिन रास्तों से कांवड़िये निकलते हैं, उन पर पड़ने वाली खान-पान की दुकानों पर दुकानदार के नाम का बोर्ड लगे। यह आदेश काँवड़ यात्रा में असुविधा ना हो, इसके लिए किया गया है। इस आदेश पर सोशल मीडिया पर लिबरल-वामपंथी समुदाय काफी उछलकूद मचाए हुए है। हालाँकि, यही गैंग तब कोई प्रश्न नहीं उठाता जब खाने-पीने के सामानों में 18% समुदाय की ‘हलाल’ को जिद बहुसंख्यकों पर थोपी जाती है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

मुस्लिम घुसपैठियों और ईसाई मिशनरियों के दोहरे कुचक्र में उलझा है झारखंड, सरना कोड से नहीं बचेगी जनजातीय समाज की ‘रोटी-बेटी-माटी’

झारखंड का चुनाव 'रोटी-बेटी-माटी' केंद्रित है। क्या इससे जनजातीय समाज को घुसपैठियों और ईसाई मिशनरियों के दोहरे कुचक्र से निकलने में मिलेगी मदद?

दिल्ली सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत का AAP से इस्तीफा: कहा- ‘शीशमहल’ से पार्टी की छवि हुई खराब, जनता का काम करने की जगह...

दिल्ली सरकार में मंत्री कैलाश गहलोत ने अरविंद केजरीवाल एवं AAP पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकार पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -