कर्नाटक में निकली एक अंतिम यात्रा सोशल मीडिया में चर्चा का विषय बनी हुई है। यह अंतिम यात्रा एक भिखारी की थी। यात्रा में शामिल लोग न किसी लालच में आए थे न किसी के डर से। उन्हें किसी ने बुलाया भी नहीं था। वे तो बस उसकी आत्मा की शांति की प्रार्थना करने के लिए खुद चले आए थे जिसने एक-एक रुपए माँग कर जीवन गुजारा।
कुछ दिन पहले कर्नाटक के बेल्लारी के पास 45 साल के मानसिक रूप से विक्षिप्त भिखारी बसवा उर्फ हुचा बस्या की एक दुर्घटना में मौत हो गई। 12 नवंबर को एक बस ने उसे टक्कर मारी थी। उसे सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालाँकि उसे बचाया नहीं जा सका। उसने ज़िंदगी भीख माँग कर गुजारी थी, लेकिन उसकी मौत में हजारों लोग कैसे जमा हो गए, इस पर लोग आश्चर्य व्यक्त कर रहे हैं। उसके पार्थिव शरीर को एक जुलूस में ले जाया गया, जिसमें मुख्य सड़कों पर एक बैंड द्वारा संगीत बजाया गया।
Unbelievable!!
— T Raghavan (@NewsRaghav) November 16, 2021
This is not a death of any VIP. People of Hadagali town in #Karnataka turned in thousands to bid adieu to a mentally challenged beggar #hadagalibasya . @indiatvnews @IndiaTVHindi pic.twitter.com/Jc0kbN4KSp
सिर्फ एक रुपया लेता था, करोड़ों दुआएँ देता था
बसवा के भीख माँगने का अपना एक अंदाज़ था। वह सबसे सिर्फ एक रुपया लेता था। बदले में लाखों-करोड़ों दुआएँ देता था। लोग उसे ज्यादा पैसे देते थे तो वो एक रुपया रख बाकी पैसे वापस कर देता था। ज्यादा आग्रह करने पर हाथ जोड़ लेता था। लोग तरस जाते थे कि बसवा उनके दरवाजे पर भीख माँगने कब आएगा। ऐसा माना जाता था कि वो जिस गली से भीख माँगने के लिए गुजर जाता था, वहाँ गुडलक शुरू हो जाता था। लोग उसे अपना गुड लक चार्म मानते थे। बसवा पर लोगों का अटूट विश्वास दिन-ब-दिन बढ़ता ही चला गया। समय बदलता चला गया लेकिन विश्वास टूटा नहीं। महँगाई बढ़ती गई लेकिन बसवा ने एक रुपए से अधिक किसी से नहीं माँगा।
#WATCH: Thousands paid their last respects to a mentally challenged beggar Basya in #Vijayanagar district, #Karnataka. He died after being hit by a bus on Nov 12. Mortal remains were taken in a procession. Basya took only Re 1 as alms from a person and return the rest. pic.twitter.com/zYBKGIXnQh
— Suraj Suresh (@Suraj_Suresh16) November 17, 2021
वह पूर्व उपमुख्यमंत्री दिवंगत सांसद प्रकाश और पूर्व मंत्री परमेश्वर नाइक को जानता था। उसने कई दफा बिना किसी झिझक के और मासूमियत से राजनेताओं से बात की। कई लोगों ने उसे याद करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि कैसे ‘हुचा बस्या’ लोगों को ‘अप्पाजी (पिता)’ कह कर संबोधित करता था। बसवा के अंतिम संस्कार की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं।