कर्नाटक के कई जिलों में स्कूलों के आसपास धारा-144 लगा दी गई है। उडुपी, शिवमोगा और दक्षिण कन्नड़ जिलों में ये प्रतिबंध लगाए गए हैं। वहीं विधानसभा में कॉन्ग्रेस पार्टी भी इस मामले में काली पट्टी पहन कर विरोध प्रदर्शन किया। मंत्री ईश्वरप्पा के भगवा झंडे वाले बयान को लेकर भी सभी कॉन्ग्रेस के विधायकों और विधान पार्षदों ने विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई है। बुर्का विवाद के बीच ईश्वरप्पा ने कभी न कभी भगवा झंडे के राष्ट्रीय ध्वज बनने की बात की थी।
वहीं मांड्या के रोटरी स्कूल के बाहर मुस्लिम छात्रों के अभिभावकों और स्कूल के शिक्षकों के बीच बहस हो गई। स्कूल ने छात्राओं को अंदर आने से पहले हिजाब उतारने को कहा, जिस पर ये सारा विवाद हुआ। अभिभावकों का कहना था कि लड़कियाँ क्लासरूम के अंदर जाकर हिजाब उतार देंगी, लेकिन स्कूल हिजाब के साथ उन्हें एंट्री नहीं दे रहा है। वीडियो में छात्राओं के अभिभावकों को शिक्षकों से लड़ते हुए देखा जा सकता है। तमिलनाडु में भी कई इस्लामी संगठनों ने कर्नाटक सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
कोयंबटूर में ‘येगातुवा मुस्लिम जमात’ के बैनर तले कई मुस्लिम महिलाओं ने तिरंगा झंडा लेकर विरोध प्रदर्शन किया। ‘वीमेन लिबरेशन पार्टी’ ने भी विरोध प्रदर्शन किया। वहीं कर्नाटक के उडुपी में छात्रों ने कहा कि प्रदर्शनकारी शांति भंग करना चाहते हैं, ऐसे में ऑनलाइन क्लासेज ही लिए जाए। बुर्का विवाद पर कर्नाटक के गृह मंत्री अरगा ज्ञानेंद्र ने कहा कि याचिका डालने वालों के कुछ संगठनों से सम्बन्ध हैं और इस बारे में जानकारियाँ जुटाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि भड़काऊ पाए जाने पर कार्रवाई होगी।
उन्होंने इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की गलत छवि बनाए जाने की साजिश करार दिया। मेंगलुरु में भी स्कूलों के 200 मीटर के घेरे में धारा-144 लागू की गई है। सोमवार (13 फरवरी, 2022) को ही वहाँ के स्कूल-कॉलेज खुल रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी कह चुके हैं कि व्यवस्था संविधान के हिसाब से चलेगी, न कि शरीयत के हिसाब से। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि एक दिन कोई हिजाबी भारत की प्रधानमंत्री बनेगी, जिस पर उन्होंने याद दिलाया कि कैसे पीएम मोदी ने तिल तलाक हटा कर मुस्लिम महिलाओं को बेड़ियों से मुक्त किया।
#WATCH | K'taka: Argument b/w parents & a teacher outside Rotary School in Mandya as she asked students to take off hijab before entering campus
— ANI (@ANI) February 14, 2022
A parent says,"Requesting to allow students in classroom, hijab can be taken off after that but they're not allowing entry with hijab" pic.twitter.com/0VS57tpAw0
आज 2:30 बजे से इस मसले पर कर्नाटक उच्च-न्यायालय में भी सुनवाई होगी। मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ इस मामले की सुनवाई फिर से शुरू करेगी। सुप्रीम कोर्ट पहले ही इस मामले में सुनवाई से इनकार कर चुका है। उसका कहना है कि पहला कर्नाटक HC इस मामले को सुने। केंद्रीय विदेश मंत्रालय ने भी विदेश से आ रहे बयानों पर कहा कि ये हमारा आतंरिक मुद्दा है। उडुपी के विधायक रघुपति भट्ट ने लोगों के साथ एक बैठक के बाद कहा कि जिन स्कूल-कॉलेजों में यूनिफॉर्म के तय नियम नहीं हैं, वहाँ हिजाब की अनुमति दी जा सकती है।