कर्नाटक के कॉन्ग्रेस विधायक का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में कॉन्ग्रेस विधायक केसी वीरेंद्र पप्पी कॉलेज के छात्रों को हॉस्टल के वार्डन को पीटने के लिए उकसा रहे हैं। छात्रों की डिमांड न मानने पर वो वार्डन की पिटाई करने की बात कह रहे हैं और छात्रों को ये कहते दिख रहे हैं कि जो होगा, देखा जाएगा। ये मामला बेल्लारी टाउन का है, जहाँ कर्नाटक सरकार द्वारा संचालित एससी/एसटी हॉस्टल में छात्र खराब खाने की शिकायत को लेकर हंगामा कर रहे हैं।
इसमें कानून और बीएड की पढ़ाई कर रहे बड़े छात्र भी शामिल हैं, जो हॉस्टल में सुविधाओं और बेहतर खाना देने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं।
कॉन्ग्रेस विधायक बोले- वार्डन को कमरे में बंद करके सिखाओ सबक
इस वीडियो में चित्रदुर्ग विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक केसी वीरेंद्र पप्पी कन्नड भाषा में छात्रों को उकसाते दिख रहे हैं। उनकी बात का हिंदी अनुवाद कुछ इस तरह से है, “अगर ऐसा दोबारा होता है, तो वार्डन को कमरे में बंद कर दो और उसे जमकर पीटो। उसे सड़ी हुई सब्जियों वाला खाना खिलाओ। चिंता मत करो, मैं तुम लोगों के साथ हूँ। सड़ी हुई सब्जियों के कीड़े निकालो और उसके मुंह में ठूंस दो। इसके बाद उसे खूब पीटो, फिर जो भी होगा, देखा जाएगा।”
छात्रों के साथ खड़ी नजर आई बीजेपी, विधायक के कृत्य पर जताया विरोध
इस मामले में भाजपा ने कॉन्ग्रेस विधायक के बयान का विरोध किया है। छात्रों का समर्थन करते हुए बीजेपी की एमएलसी तेजस्विनी ने कहा कि संबंधित अधिकारियों को छात्रों की माँग पर तुरंत ध्यान देना चाहिए, लेकिन कॉन्ग्रेस विधायक ने वार्डन के लिए जिन शब्दों का प्रयोग किया है और बच्चों को जिस तरह से हिंसा के लिए उकसाया है, वो बेहद निंदनीय है।
‘रिपब्लिक‘ से बात करते हुए बीजेपी एमएलसी तेजस्विनी ने कहा, “विधायक का पद बेहद जिम्मेदार होता है, मैं छात्रों का समर्थन करने के लिए उनकी तारीफ करती हूँ, लेकिन उन्होंने जिस तरह से खराब खाने की शिकायत वार्डन को पीटने के लिए छात्रों को उकसाया है, वो स्वीकार्य नहीं है। उन्हें आगे से ऐसा कोई बयान देते समय सावधानी बरतनी चाहिए।”
पहले भी छात्र कर चुके हैं प्रदर्शन
कर्नाटक सरकार की ओर से चलाए जा रहे इस एससी/एसटी हॉस्टल के छात्र पहले भी खराब खाने को लेकर प्रशासन के सामने प्रदर्शन करते रहे हैं। छात्रों का कहना है कि हॉस्टल की व्यवस्था सुधारने के लिए कोई कदम नहीं उठाते। इस मामले में छात्रों ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर हालात नहीं सुधरे, तो वो जोरदार विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।
जनवरी में हॉस्टल से निकाल दिये गए थे 25 छात्र
इस साल जनवरी में भी 25 छात्रों को हॉस्टल से निकाल दिया गया था, जब उन्होंने बेल्लारी जिले के डिप्टी कमिश्नर के सामने खराब खाने की शिकायत को लेकर धरना दिया था। छात्रों को कथित तौर पर सोशल वेलफेयर विभाग की अधिकारी सकीना के आदेश पर हॉस्टल से निकाला गया था। वहीं, इस मामले में हॉस्टल के वार्डन शिवप्पा ने कहा कि अभी कई छात्रों को हॉस्टल से निकाला जाएगा। उन्हें हॉस्टल में तभी एंट्री दी जाएगी, जब वो अपने माता-पिता के साथ आएँगे और लिखित में माफीनामा देंगे।