कर्नाटक के तुमकुर जिले में स्थित ओंकारेश्वर मंदिर के 61 वर्षीय पुजारी एचआर चंद्रशेखर, जो पिछले दिनों इस्लाम में परिवर्तित होने की खबर के कारण में चर्चा में आए थे, उन्होंने अब अपना फैसला बदल लिया है। मीडिया में दिए बयान में उन्होंने कहा कि वो हिंदू ही रहेंगे।
बता दें कि, चंद्रेशकर पिछले 25 सालों से तुमकुर जिले के हीरेहल्ली स्थित ओंकारेश्वर मंदिर में पुजारी रहे हैं। लेकिन पिछले हफ्ते शुक्रवार को उन्होंने एक अखबार में खबर निकलवाई कि वह अपनी निजी दिक्कतों के चलते मुस्लिम बन रहे हैं। इसके बाद उनकी इस्लामी फोटो पहने तस्वीर भी सामने आई जो बहुत जल्दी वायरल हो गई।
टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में चंद्रशेखर के दोस्त रुद्र आराध्य ने बताया, “मंदिर के पुरोहितत्व के साथ-साथ संपत्ति मामलों में विवाद के बाद, चंद्रशेखर अपने दो भाइयों से परेशान थे। उनके भाइयों ने 4 साल पहले पुजारी से कहा था कि कुछ साल के लिए उन्हें पुरोहित बनाया जाए। लेकिन अब चंद्रशेखर के भतीजे पुरोहित बन गए हैं। वह अपने भाइयों को सबक सिखाना चाहते थे जिन्होंने उनसे उनका पुरोहित का पद छीना था। “
चंद्रेशेखर द्वारा ऐलान किए जाने के बाद, कई अखबारों में पुजारी के इस्लाम धर्म में परिवर्तित होने की खबर आई, जिसके बाद भाजपा नेतका सोगाड़ू शिवन्ना ने उनसे मुलाकात की और समझाया कि ऐसा न करें।
लंबी बातचीत के बाद चंद्रशेखर ने कहा, “मुझे मुस्लिमों में दाह संस्कार का जो रिवाज है वो अच्छा लगता था, इसलिए मैं मुस्लिम बनना चाहता था। मैंने अखबारों में दिया जरूर, लेकिन मैंने इस्लाम नहीं अपनाया। मैं हिंदू हूँ और हिंदू ही रहूँगा।”
After counselling of Hindu leaders, The Onkareshwar Temple priest sri Chandrashekharaih in Tumkuru Dist Karnataka reconverted to Hinduism from Islam religion
— 🚩Mohan gowda🇮🇳 (@Mohan_HJS) August 20, 2022
Two days back he gave advertisement in local news paper that he was going to accept Islam.@missionkaali @noconversion pic.twitter.com/wOF64KPfCd
जब उनसे जालीदार टोपी वाली तस्वीर के बारे में पूछा गया तो वह बोले कि वो तो वह एक नया मस्जिद खुला है, उसके उद्घाटन में गए थे।
कथिततौर पर शिवन्ना ने उनकी काउंसलिंग की और उनसे अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया। इसके बाद वह उनके शुद्धिकरण के लिए उन्हें तुमकुरु में व्यासराज मठ में ले गए। चंद्रशेखर ने कहा “सोगडु शिवन्ना ने मुझसे बात की और मेरे शुद्धिकरण के लिए एक पंडित के पास ले गए। मैं एक बार फिर लिंगायत ‘दीक्षा’ लूँगा।”