Sunday, December 22, 2024
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कर्नाटक में गर्भवती गाय का ‘बेबी शॉवर’, पूरे मोहल्ले और रिश्तेदारों को आमंत्रित कर महिला ने ग्रैंड स्टाइल में मनाया जश्न

कर्नाटक में एक महिला ने अपनी गाय के गर्भवती होने पर ग्रैंड स्टाइल में जश्न मनाया। उसने गाय के लिए गोद भराई की रस्म का आयोजन किया और रिश्तेदारों, पड़ोसियों के साथ ही पूरे गाँव को न्यौता दिया।

भारत ही नहीं, पूरी दुनिया में लोग अपने पालतू जानवरों को बहुत प्यार करते हैं। चूँकि गाय को सनातन संस्कृति में पवित्र माना जाता है, ऐसे में बहुत सारे परिवार गायों को अपने परिवार के हिस्से की तरह ही पालते हैं। वो उनसे प्रेम करते हैं और उनकी देखरेख करते हैं। इस बीच एक खबर कर्नाटक से आई है, जहाँ एक महिला ने अपनी गर्भवती गाय के लिए धूम-धाम से गोद-भराई (Baby Shower) कार्यक्रम का आयोजित किया।

न्यूज18 की रिपोर्ट के मुताबिक, इस कार्यक्रम के लिए महिला ने पूरे परिवार, रिश्तेदारों और पड़ोसियों को बाकायदा बुलाया और फिर मंत्रोच्चार के साथ ही गोद भराई की रस्म निभाई। महिला का नाम सकरनाडु है, जो कर्नाटक के मंड्या जिले के रमनाकोप्पलु गाँव की हैं। उन्होंने बातचीत में बताया कि उनकी गाय का नाम देवी है, जो परिवार के लोगों ने रखा है।

गाय को पहनाई हरे रंग की साड़ी, पूरे किए सारे रस्म

गोदभराई की रस्म के दौरान ‘देवी’ नाम की गाय को सजाकर तैयार किया गया। उसे हरे रंग की साड़ी भी पहनाई गई। महज 18 माह की उम्र की देवी अब गर्भवती है। सकरनाडु ने बताया कि जब देवी बहुत छोटी थी, तभी उसकी माँ की मौत हो गई थी। ऐसे में हमने नन्ही देवी को अपनी बेटी की तरह ही पाला है। और अब जब वो गर्भवती हुई है, तो हम उसकी गोद भराई की रस्म निभाकर खुश हैं।

स्थानीय लोगों का कहना है कि गोद भराई की ये रस्म काफी धूमधाम से पूरी की गई। इस दौरान पूरे घर को फूलों से सजाया गया और देवी के लिए तमाम तरह के फल लाए गए। उसे चंदन और कपूर मिले पानी से नहलाया गया। इस दौरान पूरे गाँव के लोग कार्यक्रम में पहुँचे और देवी को आशीर्वाद दिया।

जमाखंडी में महिला ने बाँटे कार्ड, गोदभराई में बंटे फल

कुछ समय पहले ही ऐसा मामला कर्नाटक के जमाखंडी के टीचर्स कॉलोनी से सामने आया था, जहाँ जकाती परिवार ने अपनी बछिया के पहली बार गर्भवती होने पर ग्रैंड तरीके से गोद भराई की रस्म की थी। इस रस्म को करने वाली शोभा जकाती ने बाकायदा कार्ड छपवाकर रिश्तेदारों, पड़ोसियों और पूरे मोहल्ले को बुलाया था।

सनातन संस्कृति में गाय को माँ का दर्जा दिया जाता है। गौदान से बड़ा कोई दान नहीं होता। एक तरफ जहाँ सनातन के खिलाफ आग उगलने वाले नेताओं की बाढ़ सी आई हुई है, तो दूसरी तरफ लोगों का अपनी जड़ों से जुड़ने की खबर सुकून देने वाली है। इन दोनों ही मामलों में गायों की गोदभराई की रस्म निश्चित तौर पर अच्छी पहल है, जो ये संदेश देती है कि अगर हम जानवरों को भी अपने बच्चों की तरह मानें, तो कितना बेहतर हो।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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