इन दिनों कश्मीर को लेकर देश में बहुत सी अफवाहें फैलाई जा रही हैं। बिना किसी मामले की तफ्तीश के सरकार और देश की सेना पर आरोप लगाया जा रहा कि ये लोग कश्मीर में डर का माहौल बनाने का प्रयास कर रहे हैं।
बीबीसी और द हिंदू जैसे कुछ मीडिया संस्थान तो इस मामले पर अपने झूठ को साबित करने के लिए बेनाम हवाले देने से भी नहीं चूँक रहे। ऐसे में इस प्रोपेगेंडा को खारिज करने के लिए सोशल मीडिया पर एक घायल कश्मीरी की वीडियो आई है। जो दर्शाती है कि किस तरह तथ्यों को तोड़ा-मरोड़ा जा रहा है। और किस तरह भारत के हालातों पर अंतराष्ट्रीय मीडिया अपनी घुसपैठ कर रहा हैं।
Mohammad Shafi Peer was injured by stone pelters in Kupwara, North Kashmir. In this video he says he was hit by a stone and not by a shell. He says that a stone pierced through a gap of the window. Admitted in a hospital. Not ‘cool’ enough for foreign press like BBC/NYT to cover. pic.twitter.com/Nwk2hHUnac
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) September 2, 2019
ये वीडियो मोहम्मद शाही पीर का है। जो कुछ दिन पहले उत्तर कश्मीर के कुपवाड़ा में घायल हो गए थे। फर्जी खबर फैलाने के नाम पर BBC और न्यूऑर्क टाइम्स जैसे मीडिया संस्थान ने इस मामले में बताया था कि गोली लगने की वजह से उनकी ये हालत हुई। लेकिन सच्चाई कुछ और ही थी।
इस वीडियो में शफी खुद बताते नजर आ रहे हैं कि उत्तर कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में उन्हें पत्थरबाजों ने मारा था न कि उन्हें कोई गोली लगी थी। उन्होंने बताया कि खिड़की के छेद से किसी ने उन पर पत्थर फेंका और इस समय वह अस्पताल में भर्ती हैं।
उन्होंने बताया कि जिस समय उनपर हमला हुआ उस समय अँधेरा था। वो बीच में बैठे थे कि तभी एक पत्थर उन्हें आकर लगा। वो गोली नहीं थी। वो पत्थर था। अगर कोई चाहे तो जाकर प्रमाण देख सकता है, पत्थर अब भी उनकी गाड़ी में पड़ा हुआ है।
हालाँकि, पाकिस्तानी लोग सोशल मीडिया पर कश्मीर में पत्थरबाजों की हकीकत खोलती इस वीडियो को सच मानने से इंकार कर रहे हैं। उनका कहना है कि वो ये सब नहीं मानते, ये वीडियो झूठी है और भारत अधिकृत कश्मीर में मोदी की क्रूरता अपने चरम पर हैं।
This guy is being forced to record the video to make a cover up and to straight your record.
— Adeel Khan ?? (@AdeelKhanPk) September 2, 2019
We don’t agree to this. Modi’s cruelty is at its peak in IOK. Curfew since a month.
If he didn’t get his sense back, we are gonna make your Army half very soon.
गौरतलब है कि ये पहला मामला नहीं है जब पत्थरबाजों ने कश्मीर में अराजकता फैलाने की कोशिश की हो और विदेशी मीडिया संस्थानों ने देश के ख़िलाफ़ प्रोपेगेंडा। इसे पहले बिजबेहरा इलाके में भी पत्थरबाजों ने एक ट्रक चालक को पत्थर मारकर मौत के घाट उतार दिया था और बीबीसी उर्दू ने उसे ये कहकर जस्टिफाई करने की कोशिश की थी कि पत्थरबाज को लगा कि वो सुरक्षाबल का जवान है। जिसके बाद उनपर मामला दर्ज करने की माँग भी उठी थी।