केरल की कम्युनिस्ट सरकार का नाम एक बार फिर से एक बड़े स्कैंडल में आया है और इस बार सीधे मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन का कार्यालय ही शक के घेरे में है। बताया गया है कि ‘डिप्लोमेटिक इम्युनिटी’ का सहारा लेकर सोने की तस्करी की गई और साथ ही एयरपोर्ट से भी इस सोने को पास कराने के लिए इसके सहारा लिया गया।
सोने की इस तस्करी में स्वप्ना सुरेश नामक अधिकारी का नाम आया है। बता दें कि दूसरे देशों के डिप्लोमेट्स को कई देश ‘इम्युनिटी’ प्रदान करते हैं, जिससे उन्हें कुछ नियम-क़ानूनों और टैक्स से छूट मिलती है।
इसमें मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के एक काफ़ी क़रीबी सहयोगी का नाम सामने आ रहा है, जिन्होंने राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के सार्वजनिक डेटा का विश्लेषण करने के लिए स्प्रिंकल्स इंक को जिम्मेदारी सौंपी थी। एम शिवशंकर नाम का यह अधिकारी मुख्यमंत्री का आईटी सेक्रेटरी है। अब वो ‘केरला स्टेट आईटी इंफ़्रास्ट्रक्चर लिमिटेड’ के स्पेस पार्क में बतौर ऑपरेशन्स मैनेजर कार्यरत स्वप्ना सुरेश को बचाने में लग गया है।
अपने डेली प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि उन्हें स्वप्ना सुरेश के आईटी विभाग के अंदर काम दिए जाने की कोई जानकारी नहीं है। साथ ही सीएम ने बताया कि ये मामला अभी तक उनके संज्ञान में आया ही नहीं है। लेकिन, उन्होंने आश्वासन दिया कि इस मामले में कोई भी दोषी सज़ा से बच नहीं सकेगा। स्वप्ना UAE कॉन्सुलेट की सदस्य रही हैं, उन पर दस्तावेजों की हेराफेरी करने का आरोप है।
आरोप है कि उन्होंने फर्जी डाक्यूमेंट्स पेश कर के गुरुवार (जुलाई 2, 2020) को ‘डिप्लोमेटिक इम्युनिटी’ का प्रयोग कर के खाड़ी देशों से 30 किलो सोने की तस्करी की। इतना सारा सोना डिप्लोमैटिक बैग में भर कर लाया गया था। इसका खुलासा 6 जुलाई को तब हुआ, जब कस्टम के अधिकारियों ने यूएई कॉन्सुलेट के एक अधिकारी सरित से पूछताछ की, जो PRO के पद पर तैनात रहा था। कहा जा रहा है कि 6 महीने पहले स्वप्ना को आईटी विभाग में इतना बड़ा पद दिए जाने के पीछे एम शिवशंकर ही है।
Kerala Govt Official Involved in Smuggling of 30 Kg Gold Through Diplomatic Channel, Says Customs Dept. https://t.co/SMJVo4lgIP pic.twitter.com/yvZDdeWtF0
— Mihir Jha ✍️ (@MihirkJha) July 6, 2020
स्वप्ना को एक संवेदनशील स्पेस पार्क प्रोजेक्ट में काम दे दिया गया, बावजूद इसके कि उनके खिलाफ पहले से ही क्राइम ब्रांच का एक मामला चल रहा था। साथ ही इंटेलिजेंस विंग ने भी उनके खिलाफ बयान दिया था, जिसे नज़रअंदाज़ कर दिया गया। कॉन्ग्रेस और भाजपा, राज्य की दोनों ही विपक्षी दलों ने कम्युनिस्ट सरकार पर स्वप्ना को बचाने का आरोप लगाया है। हालाँकि, कस्टम अधिकारियों ने स्वप्ना के आवास पर छापेमारी की है।
सरित को भी गिरफ़्तार कर लिया गया है। केरल भाजपा अध्यक्ष के सुरेंद्रन का कहना है कि मुख्यमंत्री कार्यालय से कस्टम अधिकारियों को फोन कॉल्स किए गए ताकि जाँच रोकी जा सके। उनका कहना है कि ये फोन कॉल मुख्यमंत्री के किसी क़रीबी ने ही किया था। CM विजयन ने इसे एक ‘बेहूदा’ आरोप करार दिया। उन्होंने कहा कि संदिग्ध बैकग्राउंड वाले लोगों को सीएमओ में कोई काम दिया ही नहीं जाता है।
बता दें कि कोरोना वायरस आपदा से निपटने को लेकर चल रही ख़बरों के कारण केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन पहले से ही आलोचकों के निशाने पर हैं। आरोप है कि ख़बरें प्लांट की गईं कि एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग की जा रही है, जाँच के लिए अस्पताल की व्यवस्था है और मरीजों को स्थानीय अस्पतालों के आइसोलेशन वार्डस में ले जाया जा रहा है। इसके लिए मीडिया के एक वर्ग द्वारा केरल सरकार की पीठ थपथपाई गई।