केरल में सोना तस्करी की जाँच कर रही राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने एक स्वायत्त संस्थान के कार्यालय पहुँचकर संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से राजनयिक सामान के साथ लाए गए कुरान वितरण मामले की जानकारी ली। जाँच एजेंसी मंगलवार (सितंबर 22, 2020) सुबह तिरुवनंतपुरम स्थित केरल स्टेट सेंटर फॉर एडवांस प्रिंटिंग एंड ट्रेनिंग कार्यालय पहुँची। उसने एक अधिकारी और चालक से यूएई वाणिज्यिक दूतावास से लाए गए कुरान के वितरण के बारे में जानकारी ली।
एनआइए ने यह कदम विगत दिनों राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री केटी जलील से पूछताछ करने के बाद उठाया है। यह पूछताछ सोना तस्करी मामले में तथाकथित रूप से आतंकी पहलू के सामने आने के बाद हुई थी। इस मामले को लेकर भाजपा सहित कई विपक्षी दल सड़कों पर आ गए हैं। इनका आरोप है कि कुरान लाने के बहाने सोने की तस्करी की गई है। कहा जा रहा है कि कुरान की खेप को वितरण से पहले स्टेट सेंटर फॉर एडवांस प्रिंटिंग एंड ट्रेनिंग कार्यालय लाया गया था।
GPS रिकॉर्डर को जब्त कर लिया गया है। इससे पहले खबर आई थी कि कुरान को लाते समय जानबूझकर GPS रिकॉर्डर को बंद कर दिया गया था। ऐसी खबरें थीं कि वाहन बेंगलुरु गई थी। इसके बाद, NIA ने कार्यालय में उन कर्मचारियों से पूछताछ की जो वाहनों के आवा-जाही में शामिल थे। सूत्रों ने कहा कि NIA गाड़ी के आवागमन के बारे में पता करने के लिए ऑफिस लॉग बुक को सत्यापित करेगी, जिससे पता चल सकेगा कि गाड़ी राज्य के अंदर या बाहर कहाँ गई थी।
इससे पहले, विपक्ष ने आरोप लगाया था कि उच्च शिक्षा मंत्री केटी जलील वाणिज्य दूतावास से कुरान लाने के बहाने सोने की तस्करी में शामिल थे। एजेंसी ने ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) रिकॉर्डर और वाहन की लॉग बुक जब्त कर ली है, जो राजधानी से मलप्पनम तक कुरान पहुँचाती थी।
इससे पहले, जलील ने स्वीकार किया था कि उन्होंने संयुक्त अरब अमीरात के वाणिज्य दूतावास से प्राप्त रमजान भोजन किटों के साथ कुरान की प्रतियाँ वितरित की थी। उनसे एनआईए ने पिछले सप्ताह कोच्चि में कार्यालय में पूछताछ की थी। इससे पहले सामने आया था कि उच्च शिक्षा विभाग के अधीन राज्य के स्वामित्व वाली संस्था ने कुरान की हजारों प्रतियाँ वितरित कीं जो यूएई वाणिज्य दूतावास से उपहार के रूप में प्राप्त हुईं। इनमें से 32 प्रतियों को मलप्पुरम में सी-एप के स्वामित्व वाले वाहन में ले जाया गया था।
गौरतलब है कि पिछले दिनों जाँच में पता चला था कि केटी जलील ने प्रोटोकॉल के मानदंडों को दरकिनार करते हुए मुख्य आरोपित स्वप्ना सुरेश की मदद से संयुक्त अरब अमीरात से अवैध रूप से कुरान का आयात किया था। सीमा शुल्क विभाग ने बताया था कि, शुल्क में छूट मिलने के बाद यूएई वाणिज्य दूतावास द्वारा आयात की गई पवित्र कुरान की प्रतियाँ स्वीकार कर जलील ने सीमा शुल्क नियमों का भी उल्लंघन किया था।
वहीं माकपा ने शुक्रवार (सितंबर 18, 2020) को जाँच को सांप्रदायिक एंगल देते हुए दावा किया था कि मंत्री के खिलाफ विपक्ष का विरोध “कुरान विरोधी” था। माकपा के राज्य सचिव कोडिएरी बालाकृष्णन ने पार्टी के मुखपत्र ‘देशभीमनी’ में अपने साप्ताहिक कॉलम में केरल कम्युनिस्ट सरकार और मंत्री केटी जलील के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन को ‘कुरान विरोधी’ बताया था।