केरल में ‘इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) के एक कार्यकर्ता की हत्या कर दी है गई, जिसके बाद CPI(M) और कॉन्ग्रेस के बीच राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। राज्य में हाल ही में पंचायत चुनाव संपन्न हुए, जिसके परिणामों में ‘लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (LDF)’ ने अपना दबदबा कायम रखा, वहीं ‘यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF)’ दूसरे स्थान पर रही। IUML भी UDF का ही हिस्सा है, जिसका नेतृत्व कॉन्ग्रेस पार्टी करती है।
2019 में मुस्लिमों के प्रभाव वाले वायनाड लोकसभा क्षेत्र से जब कॉन्ग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष राहुल गाँधी ने चुनाव लड़ा था, तब IUML के कैडरों को उनके पक्ष में जम कर सक्रिय किया गया था। हत्याकांड का ताज़ा मामला नीलांबर के कीझात्तूर ओरावंपरम बाजार का है। हत्या का आरोप सत्ताधारी LDF के कार्यकर्ताओं पर लगा है। आरोप है कि उन्होंने चाकुओं से गोद कर IUML कार्यकर्ता की हत्या कर डाली।
ये घटना बुधवार (जनवरी 27, 2021) की आधी रात को हुई। मृतक का नाम मुहम्मद समीर है। वो हमले में बुरी तरह घायल हुआ था, जिसके बाद उसे नजदीकी अस्पताल में ले जाया गया। वहाँ उसकी मौत हो गई। अब तक इस मामले में 3 आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है। जाँच अभी भी जारी है। राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रमेश चेन्निथला ने स्पष्ट कहा है कि ये CPI(M) के गुंडों द्वारा की गई राजनीतिक हत्याकांड की घटना है।
ഗൂഢാലോചനയിലും അന്വേഷണം | pandikkad Murder | IUML Worker | Breaking News https://t.co/wElpzG63cL
— Rashedujjaman Rashed (@iamrashed) January 29, 2021
उन्होंने कहा कि पंचायत चुनावों के बाद से ही UDF के कार्यकर्ताओं को वामपंथियों द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है। वहीं IUML ने भी इस हत्याकांड के लिए वामपंथी पार्टियों को ही जिम्मेदार ठहराया है। वहीं CPI (M) का कहना है कि दो समूहों के बीच विवाद हुआ था, जिसकी परिणीति इस घटना के रूप में हुई और पार्टी का इससे कोई लेना-देना नहीं है। मार्क्सिस्ट कैडर और इस्लामी कार्यकर्ताओं के बीच हाल के दिनों में झंझट की कई घटनाएँ हुई हैं।
मृतक मुहम्मद समीर की उम्र मात्र 26 वर्ष थी। ताज़ा घटना में भी दोनों गठबंधनों के दो परिवारों के बीच विवाद हुआ। इस दौरान मोहम्मद समीर अपने परिवार के एक सदस्य को बचाते हुए मारा गया। सीपीएम के जिला महासचिव ईएन मोहनदास ने कहा कि पार्टी को बदनाम करने के लिए ऐसा किया जा रहा है। UDF ने मँजेरी कॉन्स्टिट्यूएंसी के सामने विरोध में हड़ताल भी किया। 4 आरोपितों में से 3 एक ही परिवार के हैं।
बता दें कि कोरोना के मामले में केरल में स्थिति बदतर होने के कारण सरकार पहले से ही बैकफुट पर है। कुछ दिनों पहले ही खबर आई थी कि भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के जितने सक्रिय मामले हैं, उनमें से दो तिहाई से भी अधिक अकेले इन महाराष्ट्र और केरल में ही हैं। जनवरी का माह खत्म होने तक के आँकड़ों के अनुसार, केरल और महाराष्ट्र में भारत के कुल सक्रिय कोरोना मामलों का अकेले 69.6% मौजूद है।