केरल के मलप्पुरम से एक चैंकाने वाला मामला सामने आया है, जहाँ 17 साल की एक नाबालिग लड़की ने आरोप लगाया कि 45 लोगों ने उसके साथ रेप और यौन शोषण किया। इन सभी ने पिछले कुछ महीनों में पीड़िता के साथ इस तरह की करतूत की। पुलिस ने बताया है कि निर्भया सेंटर में पीड़िता की काउंसिलिंग की जा रही थी, जहाँ ये खुलासा हुआ। पुलिस ने सभी आरोपितों की तुरंत पहचान करने में कामयाबी पाई।
नाबालिग पीड़िता ने बताया है कि वो 2016 में जब सिर्फ 13 साल की ही थी, तब उसके साथ यौन शोषण की पहली घटना हुई थी। इसके एक वर्ष बाद फिर से उसके साथ उसी तरह की घटना घटी। दूसरी घटना के बाद उसे चाइल्ड केयर होम में भेज दिया गया। पिछले साल उसकी माँ और भाई उसे लेने आए, जिनके साथ उसे घर भेज दिया गया। सर्कल इंस्पेक्टर ऑफ पुलिस मोहम्मद हनीफा इस मामले की जाँच कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि चाइल्ड केयर होम से निकलने के बाद लड़की कुछ दिनों तक गायब हो गई थी। कई महीनों तक चली खोजबीन के बाद पुलिस ने दिसंबर 2020 में उसे पलक्कड़ में बरामद किया, जहाँ से उसे निर्भया सेंटर लाया गया। काउंसिलिंग के लिए हुए कई सेशनों में उसने अपने साथ हुए बलात्कार और यौन शोषण की घटनाओं का खुलासा किया। पुलिस ने बताया कि सभी आरोपितों को गिरफ्तार कर के न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
मल्लपुरम की बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष शाजेष भास्कर ने कहा कि संस्था ने ऐसे सभी वैध और तर्कपूर्ण कदम उठाए थे, जब उसे चाइल्ड केयर होम से 1 वर्ष पूर्व छोड़ा गया था। चाइल्ड प्रोटेक्शन ऑफिसर के साथ हुई बैठक में किशोरी की सुरक्षा के लिए निर्णय लिया गया था – ऐसा प्रशासन का दावा है। ‘Juvenile Justice Act’ के तहत ही कदम उठाए गए थे, जिसमें पॉस्को पीड़िता को लेकर नियम बताए गए हैं।
इसमें कहा गया है कि ऐसी पीड़िता को अधिक दिनों तक संस्था में ही रखना अंतिम प्राथमिकता होनी चाहिए और उसे सुरक्षा व समाज में सम्मान दिलाने के लिए उसके माता-पिता के साथ ही भेजा जाना चाहिए। CWC का दावा है कि उसने पूरे विश्वास और सही इरादों के साथ फैसले लिए। लेकिन, उसका ये भी कहना है कि एक बार पीड़िता के परिवार के साथ जाने के बाद उसकी सुरक्षा को लेकर बने नियमों में कुछ गड़बड़ियाँ हैं। केरल के मलप्पुरम में नाबालिग के साथ इतनी संख्या में आरोपितों द्वारा रेप किए जाने का मामला सामने आने के बाद विपक्ष भी हमलावर है।
Malappuram: Police have arrested as many as 30 persons on different dates so far and efforts are on to nab the other accused after a 17-year-old minor girl in Pandikkad village near here has recently revealed that she has been sexually abused and molestehttps://t.co/iuqNh9uGLJ pic.twitter.com/pOEj2XjtZa
— GoaChronicle (@goachronicle) January 18, 2021
केरल स्थित मलप्पुरम के पंडीक्कड़ की पीड़िता का कहना है कि मार्च 2020 से लेकर अब तक 27 आरोपितों का उसका यौन शोषण किया। उससे पहले के भी कुछ मामलों को मिला कर अब तक पॉस्को एक्ट के तहत 32 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। पुलिस का कहना है कि इसमें लड़की का कोई परिजन या रिश्तेदार शामिल नहीं है। पुलिस ने आरोपितों के नाम बताने से भी इनकार कर दिया। सामाजिक कार्यकर्ताओं ने पैरेंट्स के साथ भेजे जाने के बाद पीड़िता की सुरक्षा को लेकर कदम न उठाने के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है।