Monday, November 18, 2024
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कोलकाता और बोधगया के होटलों में चीनी नागरिकों की एंट्री बैन, कारोबारियों ने करोड़ों का डील रद्द की

"हमारे सैनिकों पर हमला करने वालों को हम अपने होटल में ठहरने की अनुमति कैसे दे सकते हैं? यह संभव नहीं है। हमारे होटल के दरवाजे उनके लिए अब बंद कर दिए गए हैं। इतना ही नहीं इस संदेश को एक सफेद कागज पर लिखकर होटल मालिकों ने अपने-अपने रिसेप्शन पर लगा दिया है।"

गलवान घाटी में चीनी सेना के धोखे से किए गए वार के बाद से देश में चीन के बहिष्कार की मॉंग तेज हो गई है। इसी कड़ी में कोलकाता और बोधगया के होटलों में चीनी नागरिकों की एंट्री बैन कर दी गई है। जमशेदपुर में होटल कारोबारियों ने चीन संग करोड़ों का डील रद्द कर दिया है।

दैनिक जागरण की खबर के मुताबिक कोलकाता के पार्क इन होटल के एक अधिकारी ने बताया, “हमारे सैनिकों पर हमला करने वालों को हम अपने होटल में ठहरने की अनुमति कैसे दे सकते हैं? यह संभव नहीं है। हमारे होटल के दरवाजे उनके लिए अब बंद कर दिए गए हैं। इतना ही नहीं इस संदेश को एक सफेद कागज पर लिखकर होटल मालिकों ने अपने-अपने रिसेप्शन पर लगा दिया है।”

इसी तरह बिहार बोधगया के सभी होटलों में चीन लोगों के रुकने पर पाबंदी लगा दी गई है। यह फैसला बोधगया होटल एसोसिएशन और बोधगया रेस्तरां एसोसिएशन की बैठक में लिया गया है।

स्थानीय होटलियर्स एसोसिएशन द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार, चीन से आने वाले किसी भी व्यक्ति को बोधगया के किसी भी होटल में कमरे नहीं दिए जाएँगे। बोधगया होटल एसोसिएशन के महासचिव सुदामा कुमार ने बताया कि गलवान घाटी में चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों पर हमला कर जो कायराना हरकत की, उसके विरोध में यह फैसला लिया गया है।

दरअसल हर वर्ष 10-15 हजार से अधिक चीनी बौद्ध तीर्थयात्री प्रार्थना करने और बौद्ध धर्म द्वारा प्रचार करने के लिए बोधगया में आते हैं।

वहीं भारत-चीन के बीच टेंशन और चीन की नापाक हरकत को देखते हुए जमशेदपुर के दो उद्यमी हरजीत सिंह रॉकी और हरपिंदर सिंह रॉकी ने अपने पाँच सितारा होटल के लिए चीन की कंपनी से हुए अपने पाँच करोड़ रुपए के करार को रद्द कर दिया है।

हालाँकि उनके द्वारा एस करार को रद्द करने से उनका 70 लाख से अधिक का नुकसान होना तय है, क्योंकि ये राशि उन्होंने करार कके बाद चीन के व्यापारियों को अग्रिम भुगतान के रूप में दी थी।

प्रभात खबर के मुताबिक हरजीत सिंह और हरपिंदर सिंह ने बताया कि नवंबर में वे चीन गए थे। तब उन्होंने होटल के फर्नीचर और फैंसी लाइटों के लिए एक कंपनी के साथ लगभग पाँच करोड़ रुपए की डील कर कांट्रैक्ट साइन किया था और अग्रिम भुगतान के रूप में 70 लाख रुपए से अधिक की राशि भी दी थी।

उन्होंने बताया कि हमने अपने 20 जवानों की शहादत के बाद फैसला किया कि अपने होटल के लिए चीन से माल लेकर नहीं आएँगे चाहे फिर हमें देश हित में नुकसान ही क्यों न सहना पड़े।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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