कोलकाता की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) की विशेष अदालत ने बुधवार को 2014 वर्धमान ब्लास्ट मामले में 31 आरोपितों में से 4 बांग्लदेशी नागरिकों समेत 19 लोगों को दोषी ठहराया। इन्हें 30 अगस्त को सजा सुनाई जाएगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस मामले में 31 लोग आरोपी हैं। इनमें से 19 ने 12 अगस्त को अदालत के सामने अपना जुर्म कबूल करने की इच्छा जताई थी। इन्होंने बुधवार को अपना कबूलनामा अदालत में दाखिल कर दिया।
19, including 4 Bangladeshis, plead guilty in 2014 Burdwan blast case https://t.co/4p1kjYB4or via @NewIndianXpress
— Robin Chakravorty (@Chakrobin) August 29, 2019
कबूलनामे के बाद दोषियों की ओर से केस लड़ रहे वकील ने अदालत से 2 दिन की मोहलत माँग ली। इसके बाद अदालत ने इनकी सजा पर सुनवाई शुक्रवार तक टाल दी।
बता दें कि 2 अक्टूबर 2014 को पूर्वी वर्धमान के खागड़ागढ़ में आइईडी तैयार करते समय हुए धमाके में दो लोग मारे गए थे। बाद में एनआईए की जाँच में खुलासा हुआ कि विस्फोट के पीछे जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) का हाथ था। यह पहला मौका था जब पश्चिम बंगाल में जेएमबी की सक्रियता सामने आई थी।
खबरों के मुताबिक बांग्लादेशी आतंकियों ने बुर्का बनाने के नाम पर किराए का मकान लिया था और उसी की आड़ में विस्फोटक तैयार कर बांग्लादेश भेजते थे। इसके बाद एनआइए ने बंगाल, बिहार, झारखंड, असम समेत कई और राज्यों में छापेमारी कर जेएमबी के जुड़े होने के आरोप में 31 लोगो को गिरफ्तार किया था।
एनआईए ने जेएमबी के मंसूबों का खुलासा करते हुए कहा था कि इनका काम लोगों को कट्टरपंथी बनाने, अपने संगठन में जोड़ने और उन्हें हथियारों का प्रशिक्षण देने के साथ-साथ आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देने का है और साथ ही लोकतांत्रिक भारत और बांग्लादेश के ख़िलाफ़ युद्ध छेड़ने का है।
एनआईए ने जेएमबी के मंसूबों का खुलासा करते हुए कहा था वह लोगों को कट्टरपंथी बनाने, अपने संगठन का विस्तार करने और आतंकी कृत्यों को अंजाम देने के लिए उन्हें हथियार चलाने का प्रशिक्षण देने की फिराक में था। उसका मंसूबा भारत और बांग्लादेश की सरकार के ख़िलाफ़ युद्ध छेड़ने है।