Wednesday, November 6, 2024
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हरिद्वार कुम्भ मेला में भिक्षुकों को मिल रहा रोजगार, पुलिस की एक पहल ने बदल दी 24 भिखारियों की जिंदगी

हाल ही में 16 भिक्षुकों को पहली तनख्वाह के रूप में 10,000 रुपए उनके ने बैंक खातों में जमा किए गए। कुछ भिक्षुकों ने वह राशि अपने घर भेज दी जबकि कुछ ने राशि का एक हिस्सा समाज सेवा के लिए दान कर दिया। अभी तक 24 भिक्षुक रोजगार प्राप्त करके एक बेहतर जीवन जी रहे हैं।

यदि आप बॉलीवुड की फिल्में देखेंगे तो अधिकांश फिल्मों में आपको पुलिसकर्मियों का किरदार नकारात्मक ही मिलेगा। उत्तराखंड पुलिस ने अपनी एक पहल से इस भ्रम को तोड़ दिया। उत्तराखंड में हरिद्वार कुम्भ मेला पुलिस ने डीजीपी अशोक कुमार के नेतृत्व में 24 भिक्षुकों के जीवन को पूरी तरह बदल दिया। डीजीपी कुमार ने कुम्भ प्रारंभ होते ही क्षेत्र में मौजूद भिक्षुकों को समाज की मुख्य धारा में लाने का निर्णय कर लिया था। आज सभी 24 भिक्षुक रोजगार प्राप्त कर चुके हैं।

पहला कदम : व्यक्तित्व परिवर्तन

इस अभियान के तहत मेला पुलिस जब हरि की पौड़ी पहुँची तब सबसे पहले सभी भिक्षुकों को भिक्षुक गृह में शिफ्ट किया गया जहाँ उनके रूप-रंग को पूरी तरह बदल दिया गया। इसके पश्चात सभी भिक्षुकों का कोविड-19 एवं अन्य चिकित्सकीय टेस्ट कराए गए। उन्हें आवश्यक इलाज भी दिया गया। जिसके बाद उन्हें रोजगार देने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई। हरिद्वार के कुम्भ मेला पुलिस के फेसबुक पेज से यह जानकारी प्राप्त हुई।

आवश्यक दस्तावेज एवं बैंक अकाउंट :

पुलिस ने वैरिफिकेशन करके सबसे पहले भिक्षुकों के आवश्यक दस्तावेज जैसे आधार कार्ड और बैंक खातों की कार्यवाही पूरी की। उसके पश्चात कुछ भिक्षुक अपने घर वापस जाना चाहते थे जिन्हे पुलिस टीम के सहयोग से उनके घर पहुँचाया गया। शेष भिक्षुकों के वैरिफिकेशन का कार्य पूरा हो जाने पर उन्हें पुलिस स्टेशन में ही रोजगार मुहैया कराया गया।

पहली तनख्वाह :


हाल ही में 16 भिक्षुकों को पहली तनख्वाह के रूप में 10,000 रुपए उनके ने बैंक खातों में जमा किए गए। कुछ भिक्षुकों ने वह राशि अपने घर भेज दी जबकि कुछ ने राशि का एक हिस्सा समाज सेवा के लिए दान कर दिया। अभी तक 24 भिक्षुक रोजगार प्राप्त करके एक बेहतर जीवन जी रहे हैं। पुलिस अब और भिक्षुकों को इस अभियान से जोड़ रही है।

कुम्भ मेला आईजी संजय गुँजयाल ने कहा कि इस पहल से कुम्भ मेला समाप्त होने के पश्चात भिक्षुक किसी न किसी उद्योग के अंदर रोजगार में संलग्न होंगे। नौकरी का एक महीना पूरा करने वाले भिक्षुकों को आईजी द्वारा सम्मानित किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस की इस पहल से समाज में और विशेषकर भिक्षुकों के जीवन में परिवर्तन देखने को मिलेगा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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