तथाकथित कॉमेडियन कॉमेडियन कुणाल ने एक ट्विटर यूजर को गाली दी है। उन्होंने अपने साथी कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी वाले बयान की आलोचना किए जाने पर ऐसा किया। एक पत्रकार ने उनसे इस सम्बन्ध में बयान माँगा था, जिसके जवाब में उन्होंने ये बयान जारी किया। हालाँकि, इस बयान में ये समझ में नहीं आया कि वो क्या बातें कर रहे हैं और क्या कहना चाहते हैं। उन्होंने दावा किया कि बढ़ते समय के साथ उन्हें हमेशा ये महसूस होता जा रहा है कि कॉमेडियंस को हँसी की ज्यादा से ज्यादा कीमत चुकानी पड़ रही है।
All this effort and couldn't take Munawwar's name once. https://t.co/wYA0lkKVIT
— Mohammed (@IKON1436) November 29, 2021
कुणाल कामरा ने दावा किया कि कॉमेडियंस को स्वाभाविकता और अपने मनोवेग की कीमत चुकानी पड़ रही है। कुणाल कामरा ने दावा किया कि अब कॉमेडियंस अपने चुटकुलों को अपन वकीलों और लीगल टीम को दिखा रहे हैं, ताकि परफॉर्मेंस के दौरान उसके कारण उन्हें कानूनी दिक्कतों का सामना न करना पड़े। उन्होंने लिखा कि किसी भी कॉमेडियन द्वारा अपने मन की बात कहने से पहले काफी सोच-विचार करना पड़े तो उसका अर्थ है कि कला को एक धीमी मौत मारा जा रहा है।
If you can't even take the name or talk about the systemic discrimination Muslims in India face then your "progressive" statment amounts to nothing. https://t.co/AdysKURLJ9
— psy⁷ (@psypherpt4) November 28, 2021
कुणाल कामरा ने दावा किया कि हँसी सुंदर, ईमानदार और सहज होती है, ऐसे में एक कॉमेडियन जब इस पर विचार-विमर्श करने लगता है कि वो ऐसा क्या बोलेगा जिस पर लोग हँसने वाले हैं, फिर तो ऑडिएंस भी ये सोचने लगेंगे कि वो किन चीजों पर हँसें और किन पर नहीं। उन्होंने फिर एक कोट शेयर किया, जिसमें लिखा था कि अगर आप हँस रहे हैं तो आप न तो इतिहास में रह सकते हैं और न ही भविष्य में। उन्होंने दावा किया कि हँसी की अनंत और असामयिक सुंदरता को अपराध बताया जा रहा है, सज़ा दी जा रही है।
Update.
— Raj Against The Machine (@inaquietraj) November 28, 2021
Goddamn right I'm going to enjoy my 2 minutes of fame if it helps expose the useless trash he is https://t.co/5tGVRI7DWN pic.twitter.com/1PhUs5PXw7
कुणाल कामरा ने लिखा कि अगर आप किसी कॉमेडियन के पास बयान के लिए जा रहे हैं और वो जोक मारने के भी प्रयास नहीं कर रहा, वो विचार कर के प्रतिक्रिया दे रहा है तो वो प्राकृतिक प्रतिक्रिया नहीं दे रहा। हालाँकि, उनके समर्थकों ने ही इस पर आपत्ति जतानी शुरू कर दी। किसी ने कहा कि उन्होंने अपने बयान में मुनव्वर फारुकी का नाम नहीं लिया तो किसी ने कहा कि उन्होंने मुस्लिमों के विरुद्ध हो रहे ‘व्यवस्थित अत्याचार’ पर चर्चा नहीं की। इसके बाद उन्होंने लोगों के इनबॉक्स में घुस कर भी रिप्लाइज दिए। एक को उन्होंने ‘वोकलेट कचरे का टुकड़ा’ बता दिया।