आंध्र प्रदेश सरकार ने राज्य में बड़े स्तर पर हो रहे धर्मांतरण को सामान्य मान लिया है। इसका खुलासा कल टाइम्स नाऊ की एक डिबेट में हुआ। इस डिबेट में जगन मोहन रेड्डी सरकार के मंत्री खुलेआम ऑन एयर शो पर ये बोलते नजर आए कि यदि मिशनरी के लोग धर्मांतरण करवा रहे हैं, तो उसमें वो क्या कर सकतें हैं।
जी हाँ, टाइम्स नाऊ पर डिबेट के दौरान YSRCP के सांसद रघु कृष्णा राजू ने इस बात को ऑन एयर शो में माना कि आंध्र प्रदेश में धर्मांतरण की प्रक्रिया तेजी से चालू है। लेकिन वह ये भी कहते नजर आए कि इसमें सरकार का कोई हाथ नहीं है।
I accept that large scale conversion happens in Andhra Pradesh, but it happens in other states too: Raghu Ramakrishna Raju, MP, YSRCP tells Padmaja Joshi on @thenewshour AGENDA. | #TirumalaTempleTargeted pic.twitter.com/LTLG6Prt2x
— TIMES NOW (@TimesNow) May 25, 2020
ऐसे बयान पर जब एंकर ने सांसद से कहा कि वो इस संबंध में बहुत बड़ी बात बोल रहे हैं कि वो मानते हैं कि आंध्र प्रदेश में धर्मांतरण बहुत बड़े स्तर पर हो रहा है। तो वो अपनी सफाई में ये कहते सुनाई दिए कि वो ये नहीं कह रहे कि ये कन्वर्जन की प्रक्रिया राज्य में चल रही है, बल्कि वो तो ये कह रहे हैं कि ये पूरे देश में हो रहा है।
Large scale conversion happens in other parts of the country but nowhere in the country it is happening like the rampant manner like Andhra Pradesh: @TVMohandasPai, Chairman, Manipal Global Education tells Padmaja Joshi on @thenewshour AGENDA. | #TirumalaTempleTargeted pic.twitter.com/LwBYqhPl5G
— TIMES NOW (@TimesNow) May 25, 2020
इसके बाद इस ड़िबेट में अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए मंत्री ने ये भी कहा कि ये सब मिशनरी के पास मनी पॉवर के कारण हो रहा है। जिसका इस्तेमाल वे इन सब चीजों के लिए कर रहे हैं। हालाँकि, इस बिंदु पर एंकर ने उन्हें फिर टोका, कि वो ये कह रहे हैं कि ईसाई मिशनरी पैसे जुटाकर बड़े स्तर पर धर्मांतरण के काम को अंजाम दे रहे हैं। जो कि पूर्ण रूप से अवैध है, तो आखिर ऐसे में वो खुद क्या कर रहे हैं? जिसपर रघु बार-बार यही कहते रहे कि इसमें हम क्या कर सकते हैं। ये सब पूरे देश में हो रहा है।
रघु इस दौरान धर्मांतरण को उचित ठहराने के लिए भारत के सेकुलर होने का हवाला देते नजर आए। मगर, जब पद्मजा जोशी उन्हें बताती हैं कि सेकुलर देश में धर्म परिवर्तन के लिए पैसों का इस्तेमाल पूर्ण रूप से अवैध और गैर कानूनी है, तो वो कहते हैं कि इन सबमें नहीं पड़ना चाहते। जब एंकर ने उनके इस रवैये पर हैरानी जताई तो उन्होंने दूसरे पैनेलिस्ट मोहनदास पई से पूछा कि क्या ये सब पूरे देश में नहीं होता? जिसपर मोहनदास ने उन्हें जवाब दिया कि वो मानते हैं कि पूरे देश में ये सब बड़े स्तर पर हो रहा है, पर जिस तरह आंध्र प्रदेश में खुलेआम हो रहा है। वैसे ये सब कही नहीं होता।
सर्व इंडिया मिनिस्ट्री NGO का खुलासा
यहाँ गौर करने की बात है कि YSRCP नेता का ये बयान उस समय आया है। जब अभी हाल ही में तमिननाडु के कोयंबटूर के एक ईसाई एनजीओ सर्व इंडिया मिनिस्ट्री पर अवैध धर्मांतरण, हिंदुओं के ख़िलाफ़ हेट स्पीच और FCRA फ्रॉड जैसे आरोप लगे हैं। जिसका खुलासा लीगल राइट्स प्रोटेक्शन फोरम ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर किया है।
LRPF ने अपनी शिकायत में एनजीओ प्रमुख इबेनेजर सैम्यूल के ख़िलाफ़ शिकायत की है। साथ ही एनजीओ पर साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का आरोप लगाया है। इसके अलावा इस एनजीओ पर बड़े स्तर पर धर्मांतरण, जादू टोने, प्रलोबन आदि उपाय करने का इल्जाम भी लगाया गया है।
LRPF की जाँच से पता चलता है कि इबेनेजर के NGO को पिछले 10 वर्षों में एफसीआरए फंड के रूप में 48.92 करोड़ रुपए मिले हैं और ये फंड्स ज्यादातर यूएसए से नफरत फैलाने, दैवीय इलाज की कहानियों को बताने पर प्राप्त किए गए हैं, जो कि भारत में अवैध हैं।
ऑर्गनाइजर की रिपोर्ट के अनुसार, लीगल फोरम ने अपनी शिकायत में ये भी कहा कि इस संगठन द्वारा भारत में दिए टैक्स और अमेरिका में दिए टैक्स अलग अलग हैं। अपने पत्र में उन्होंने इस मामले संबंधी सभी जानकारियों का उल्लेख किया और टैक्स से जुड़े जरूरी कागजात भी लगाए।
इसके अलावा साल 2019 की एक वीडियो में हम इबेनेजर को यूएसए में बोलते हुए देख सकते हैं कि वो वहाँ के लोगों को बता रहे हैं कि वे हिंदुओं, मुस्लिमों, बौद्धों और विभिन्न अन्य धार्मिक समूहों के बीच चर्चों को शामिल करने में शामिल हैं।
यहाँ बता दें, कि बात सिर्फ़ धार्मिक स्थलों के बीच अपना धार्मिक स्थल स्थापित करने संबंधी नहीं है। इस एनजीओ के प्रमुख लगातार अपनी स्पीचों में कई बार इस बात का उल्लेख कर चुके हैं कि वो कैसे हिंदुओं को ईसाई बनाने के काम में अग्रसर हैं।
जानकारी के मुताबिक, सैम्यूल जैसे लोग जो इस प्रकार के एनजीओ से जुड़े हैं, वो उन हिंदुओं को मुख्यतः अपना निशाना बनाते हैं, जो गरीब हैं और स्वास्थ्य संबंधी परेशानी से जूझ रहे हैं। ऐसे लोग इबेनेजर के चंगुल में फँस जाते हैं, क्यूँकि उन्हें झाँसा दिया जाता है कि अगर वह धर्म परिवर्तन करते हैं तो उनका ख्याल मिशनरी द्वारा रखा जाएगा।
इसके अलावा सर्व इंडिया मिनिस्ट्री द्वारा स्वयं ऐसे अभियान चलाए जाते हैं जिनके तहत बच्चों को ईसाई धर्म के प्रति आकर्षित किया जाता है। इन अभियानों के अंतर्गत शिक्षा, साफ-सफाई, प्रार्थना और कहानियों तक के जरिए ये लोग अपने मकसद को अंजाम देते हैं।
याद दिला दें, आंध्र प्रदेश में धर्मांतरण को लेकर पिछले साल खबर आई थी कि प्रदेश में जगन मोहन रेड्डी सरकार का जन-कल्याणकारी योजनाओं को रफ़्तार देने पर फोकस नहीं दिख रहा। बल्कि वह लोगों को मुफ़्त में चीजें देने की नीति पर ज़्यादा फोकस कर रहे हैं। जिससे न सिर्फ़ सार्वजनिक संपत्ति को भारी क्षति पहुँच रही है, बल्कि राज्य में धर्मांतरण को भी बढ़ावा मिल रहा है।
दरअसल, उस समय भी रेड्डी सरकार पर आरोप लग रहे थे कि उनकी सरकार ने लोगों को धर्मान्तरण के लिए प्रोत्साहित किया है। वहीं कई विशेषज्ञों का मानना था कि आंध्र प्रदेश में ईसाई धर्मान्तरण ने जोर पकड़ लिया है और जल्द ही इस दिशा में कार्रवाई नहीं की गई तो यह हिंसक भी हो सकता है।