झारखंड में पलामू के विश्रामपुर में लक्ष्मी पूजन के बाद मूर्ति विसर्जन करने जा रहे लोगों को मुस्लिमों की भीड़ द्वारा रोक दिया गया। जिससे झड़प की नौबत आ गई। इससे हिन्दू पक्ष के लोगों में काफ़ी आक्रोश फैल गया। लेकिन पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए दोनों पक्षों को समझा-बुझा कर मामले को शांत कराया, उसके बाद पुलिस ने अपनी निगरानी में मूर्ति का विसर्जन कराया। घटना सोमवार (28 अक्टूबर) की रात आठ बजे की है।
दरअसल, विश्रामपुर नगर परिषद अंतर्गत वार्ड 10 के मधुरीडीह गाँव में दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजा का भव्य आयोजन किया गया था। सोमवार को मूर्ति विसर्जन जुलूस निकाला गया। जानकारी के अनुसार, रात के समय क़रीब आठ बजे जब जुलूस विश्रामपुर के दर्जी मुहल्ला पहुँचा, तब कुछ मुस्लिम युवकों ने बेवजह मूर्ति विसर्जन जुलूस को रोक दिया, जिसके बाद देखते ही देखते विवाद और तनाव बढ़ने लगा।
इस घटना से इलाक़े में फैले तनाव को देखते हुए पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस जब दर्जी मुहल्ला पहुँची तो दोनों पक्षों से बात करके मामला सुलझाने की कोशिश की। दोनों पक्षों को समझाने-बुझाने के बाद मामला शांत करवाया गया। मामला शांत होने के बाद पुलिस ने अपने निगरानी में मूर्ति का विसर्जन कराया। घटना-स्थल पर पुलिस निरीक्षक राज बल्लभ पासवान, विश्रामपुर थाना प्रभारी श्रीभगवान सिंह, रेहला थाना प्रभारी अभिजीत गौतम मिश्रा, विधायक प्रतिनिधि इदरीस हवारी, बजरंग दल के ज़िला सह संयोजक पंकज कुमार लाल, पार्षद प्रतिनिधि संजय ठाकुर, मकसूद खलीफा, मसिर खलीफा, सफीक खलीफा सहित कई लोग मौजूद थे।
इससे पहले बिहार के गया में मूर्ति विसर्जन के दौरान थानाध्यक्ष की अमर्यादित भाषा पर लोगों के भड़कने और क्षेत्रीय तनाव की ख़बर सामने आई थी। विजयादशमी के अवसर पर मंगलवार (8 अक्टूबर) की रात को प्रशासन द्वारा निर्गत पाँच लाइसेंसी माँ दुर्गा की मूर्ति का विसर्जन दुखहरणी मंदिर के पास कराया जा रहा था। पहले तो हालात बिल्कुल सामान्य थे और मूर्ति को लेकर हर्षोल्लास के साथ आगे बढ़ रहे थे।
भक्तजनों की भीड़ एक स्थल पर पहुँची तो पाकिस्तान के ख़िलाफ़ नारेबाजी शुरू हो गई थी। यह नारेबाजी कुछ समुदाय विशेष के लोगों को इतनी नागवार गुज़री कि उन्होंने भक्तों की भीड़ से नारेबाजी के ख़िलाफ़ अपनी आपत्ति दर्ज कराई, लेकिन, पड़ोसी देश के ख़िलाफ़ नारेबाजी जारी रही। स्थिति को संभालने के लिए कोतवाली थानाध्यक्ष संजय कुमार ने अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया, जिससे वहाँ मौजूद लोगों के बीच ग़ुस्सा भड़क गया। इस बीच दो पक्षों के बीच ईंट-पत्थर से हमले किए गए थे।
मूर्ति विसर्जन के दौरान इस तरह की हिंसात्मक गतिविधि की घटना कोई नई नहीं है। दुर्गा पूजा के दौरान भी ऐसी अनेकों घटनाएँ सामने आईं थी जहाँ मुस्लिम समुदाय ने आस्था के इस पर्व पर हिंसात्मक गतिविधियोंं को अंजाम देकर न सिर्फ़ हिन्दुओं की आस्था को तार-तार किया बल्कि उनके धार्मिक अनुष्ठानों में कई तरह के व्यवधान भी डाले थे।