राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 8 नवंबर को साल 2020 के पद्म पुरस्कारों से 141 हस्तियों को सम्मानित किया। इसमें 7 पद्म विभूषण, 16 पद्म भूषण और 118 पद्म श्री पुरस्कार थे। मोदी सरकार में दिए गए पद्म पुरस्कार अभूतपूर्व रहे। इन पुरस्कारों से देशवासियों ने उन विभूतियों के बारे में जाना जिनके बारे में अधिकतर लोगों ने पहले कभी सुना ही नहीं था। कई लोगों का मानना है कि अब पुरस्कार सुयोग्य लोगों को ही मिल रहे हैं। इसे एक सकारात्मक बदलाव के तौर पर भी देखा जा रहा है।
हालाँकि, हर बार की तरह इस बार भी कुछ लोग ऐसे हैं जो संतुष्ट नहीं दिख रहे। इन लोगों में सबसे आगे वामपंथी बुद्धिजीवी खड़े हैं। सबसे पहले इन वामपंथियों ने कंगना रनौत को पद्म श्री पुरस्कार देने पर आपत्ति जताई थी। उनके अनुसार कंगना रनौत अक्सर नफरत भरे बयान देती हैं। अब उसी समूह को मोदी सरकार का विरोध करने का एक नया मुद्दा मिल गया है।
ये नया मुद्दा टोक्यो ओलंपिक्स के गोल्ड मेडेलिस्ट नीरज चोपड़ा से जुड़ा है। वामपंथी नीरज के कंधे पर बंदूक रखकर मोदी सरकार को घेर रहे हैं। खुद को लिबरल, सेकुलर और एंटी भक्त बताने वाले राजेश कुमार ने लिखा है, “नीरज चोपड़ा को पद्म पुरस्कार इसलिए नहीं मिला क्योंकि वो किसान का बेटा है और वो किसानों की माँगों का समर्थन कर रहा है।”
7 Sportspersons received Padma Awards but not Neeraj Chopra, India’s only Gold Medalist. Is it because Neeraj Chopra is a Farmer’s son and vocally supported Farmers demands?
— Rajesh Kumar (@091Rajeshkumar) November 9, 2021
इसी प्रकार एक अन्य लिबरल और सेक्युलर ने अलग सवाल किया है। ReasonYourSelf नाम के इस हैंडल से सवाल किया गया है कि नीरज चोपड़ा को पद्म पुरस्कार न देने की वजह उसके द्वारा धर्मनिरपेक्षता के मूल्यों का समर्थन करना है। इस ट्वीट में भी नीरज चोपड़ा के किसान परिवार से होने की बात कही गई है।
7 Sportspersons received Padma Awards but not Neeraj Chopra, India’s only Gold Medalist. Is it because Neeraj Chopra as a farmer’s son had vocally supported farmer’s demands?
— @Reasonyourself (@Reasonyourself) November 10, 2021
or is it because he came out as a decent human who stood by secular values?
एक अन्य यूजर विवेक के अनुसार सोनू सूद और नीरज चोपड़ा पद्म पुरस्कारों के लिए सबसे योग्य हैं। इस ट्वीट में विवेक ने सोनू सूद और नीरज चोपड़ा को टैग भी किया है।
I think Sonu Sood and Neeraj Chopra were the most deserving persons to be honored with Padma puraskar@SonuSood @Neeraj_chopra1 pic.twitter.com/wfI6niGpCK
— vivek katikar (@VKatikar) November 10, 2021
लगभग इसी प्रकार की बातें कई अन्य यूजर ने लिखी हैं। उसमें से कई ने नीरज चोपड़ा को पद्म पुरस्कार न देने पर सवाल खड़े किए हैं। कुछ ने कंगना रनौत को पद्म पुरस्कार देने पर आपत्ति जताई है।
Kangna is awarded with ‘Padma Shri’. Looking at the current priorities, not Neeraj Chopra, Babita Phogat is looking to be the best fit in the next list.
— Simran Waliya (@simran_waliya) November 10, 2021
🤦♀️🤦♀️🤷♀️🤷♀️
Kangana Ranawat =Padma Award
— Susmita Mazumdar (@Susmita_Speaks) November 10, 2021
Neeraj Chopra = ❎
Why ?? Bcz Neeraj Chopra ia a Farmer’s son ?
If u want Padma then Tweet like Kangana ….
If u want Z category security then Tweet like Kangana
This is new normal of Modi Regime .
7 Sportspersons received Padma Awards but not Neeraj Chopra, India’s only Gold Medalist. Is it because Neeraj Chopra as a farmer’s son had vocally supported farmer’s demands?
— Vaqar A Khan . وقار (@VaqarAhmadKhan1) November 10, 2021
2021 awards of Padma Vibhushan, Bhushan, Padmasri, people like Karan Johar, Kangana, Sumitra Mahajan, Ram V Paswan, Keshubhai patel, Sushma Swaraj, Fernandes, Ekta, etc can get it, but India’s sole gold medalist Neeraj Chopra failed to make it to the list. Sad state of affairs!!!
— Dr Shanthan Reddy (@PalvaiShanthan) November 9, 2021
7 Sportspersons received Padma Awards but not Neeraj Chopra, India’s only Gold Medalist. Is it because Neeraj Chopra is a Farmer’s son and vocally supported Farmers demands?
— Vandit Shah વંદિત શાહ (@vanditsh) November 9, 2021
अब यहाँ बता दें कि ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले नीरज चोपड़ा का पद्म पुरस्कार न पाना चौंकाने वाला जरूर है। लेकिन उसके पीछे जो कारण है वो बेहद मजबूत और तार्किक है। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि यह पुरस्कार 8 नवंबर 2020 के नामित हैं। नीरज चोपड़ा ने ओलंपिक खेलों में पदक 2021 में जीता था। इन पुरस्कारों के विजेताओं के नामों की घोषणा 26 जनवरी 2021 (गणतंत्र दिवस) पर ही की जा चुकी थी। उधर टोक्यो ओलम्पिक खेलों का आयोजन जुलाई 2021 से अगस्त 2021 के बीच हुआ था।
इसलिए 7 अगस्त 2021 को भाला फेंक में स्वर्ण पदक जीतने वाले नीरज चोपड़ा का नाम काफी पहले 26 जनवरी को ही घोषित लिस्ट में नहीं जोड़ा जा सकता था। संभावना इस बात की जताई जा रही है कि अगले वर्ष के पदम् पुरस्कारों में नीरज चोपड़ा का नाम हो सकता है। वो पुरस्कार साल 2021 में उपलब्धि हासिल करने वालों के लिए होंगे। ऐसे में नीरज चोपड़ा के नाम पर मोदी सरकार की आलोचना का कोई आधार नहीं दिख रहा है।
आलोचकों को यहाँ यह भी ध्यान रखने की जरूरत है कि मोदी सरकार द्वारा नीरज चोपड़ा को पहले ही मेज़र ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। यह भारत में खिलाडियों के लिए सर्वोच्च सम्मान है। इस वर्ष इस पुरस्कार के लिए कुल 11 खिलाड़ियों का चयन किया गया है। यह पुरस्कार 13 नवम्बर 2021 (शनिवार) को राष्ट्रपति द्वारा दिए जाएँगे।