Friday, November 22, 2024
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‘हम यहाँ DM की बुआ ज#न करने आए हैं’: कौन है वह ‘गालीबाज पत्रकार’ जो अयोध्या में जमीन सौदों की कर रहा था पड़ताल

स्थानीय लोगों का दावा है कि विकास कार्यों को प्रभावित करने के मकसद से जमीन सौदों को लेकर विवाद पैदा किया जा रहा है।

अयोध्या राम मंदिर को विवादित बनाने के मकसद से इंडियन एक्सप्रेस ने जमीनों की खरीद पर किस तरह फैक्ट गढ़े, यह हमने अपनी पिछली रिपोर्ट में आपको बताया है। इस तरह की रिपोर्टिंग से स्थानीय लोग हैरान हैं। उनका मानना है कि ऐसा धर्मनगरी को बदनाम करने की नीयत से किया जा रहा है। लोगों की माने तो जमीनों के सौदे पर रिपोर्टिंग को लेकर जो कथित पत्रकार अयोध्या में घूम रहे हैं, वे गालीबाज भी हैं। इन निवासियों में छात्र, व्यापारी, किसान और संत शामिल हैं। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में जिन इलाकों में जमीन के सौदे को लेकर संदेह जताया गया है, 27 और 28 दिसम्बर 2021 को ऑपइंडिया के रिपोर्टर ने इन जगहों पर समय बिताया। लोगों से बात की। सबने इस रिपोर्ट को भ्रामक और सत्यता से परे बताया।

‘बेवजह के विवाद से बदनाम कर दिया’

राम मंदिर परिसर से लगभग 12 KM दूर है बिरौली, जहाँ आयुष चौधरी की कथित रिश्तेदार ने जमीन की खरीद की है। यहाँ हमारी मुलाकात भूमि बेचने वाले परिवार के सदस्य संजय कुमार वर्मा से खेतों में ही हो गई। उन्होंने ऑपइंडिया को बताया, “ऐसी खबरों से बेवजह का विवाद पैदा कर हमारे इलाके को बदनाम कर दिया गया। हम और हमारी जमीनें साफ सुथरी और विवादों से परे थीं। फिर भी हमें विवाद का विषय बना डाला। सौदे के दौरान हमें हमारी जमीन का पूरा पैसा मिला। सभी जरूरी कानूनी नियमों का पालन किया गया। हमसे किसी ने कोई भी जोर जबरदस्ती नहीं की। लेकिन अब बदनामी ऐसी कर दी गई है कि आगे से कोई भी यहाँ जमीन खरीदने में भी संकोच करेगा।”

संजय कुमार वर्मा से बात करते ऑपइंडिया के रिपोर्टर राहुल पांडेय

‘यहाँ बरसात में भर जाता है पानी’

बिरौली में ही हमारी मुलाकात संदीप वर्मा से भी हुई। उन्होंने बताया, “मैंने इंडियन एक्सप्रेस की खबर पढ़ी। उसमे सब अफवाह लिखी है। मेरी भी यहाँ आस-पास जमीन है। हम पर तो कभी किसी अधिकारी या नेता ने कोई दबाव नहीं बनाया। इस खबर के बाद जमीन के खरीदार इधर आने बंद हो गए हैं। अब हम लोगों की प्रॉपर्टी शक की नजर से देखी जा रही है। राम मंदिर यहाँ से 10 KM से ज्यादा दूर है फिर भी लिख दिया कि यह जगह मंदिर के बगल में है। यहाँ बरसात में पानी भर जाता है। अभी यहाँ कोई परियोजना या होटल आदि का दूर–दूर तक नामोनिशान भी नहीं है। लेकिन फिर भी हमारे इस इलाके को न जाने क्यों बदनाम कर दिया।”

संदीप वर्मा से बात करते ऑपइंडिया के रिपोर्टर राहुल पांडेय

‘यह विकास रोकने का षड्यंत्र’

अयोध्या शहर की ओर जाने के रास्ते में है इटौरा चौराहा (हनुमत नगर)। यहाँ पर मिले रवि तिवारी। उन्होंने बताया, “मैं इसी क्षेत्र का रहने वाला हूँ। ये क्षेत्र अभी विकास शुरू भी नहीं कर पाया था कि यहाँ कुछ विपक्ष वालों ने शोर मचाना शुरू कर दिया। यहाँ से राममंदिर कम से कम 12 किलोमीटर दूर है। फिर भी 5 किलोमीटर की अफवाह उड़ी हुई है। ये इलाका देहात क्षेत्र में आता है। हर कोई अपनी चीज किसी अच्छे व्यक्ति को ही देना चाहता है। उड़ाई गई खबर इस क्षेत्र का विकास रोक देगी। इसके पीछे क्षेत्र का विकास रोकने का षड्यंत्र है।”

रवि तिवारी से बात करते ऑपइंडिया के रिपोर्टर राहुल पांडेय

‘पत्रकार दे रहे थे गंदी-गंदी गालियाँ’

सबसे ज्यादा विवाद बरहटा मांझा क्षेत्र में जमीन के सौदों को लेकर है। यहाँ अधिकतर जमीन MRVT (महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट) से संबंधित हैं। यहाँ जिन अधिकारियों के रिश्तेदारों द्वारा जमीन खरीदने का दावा किया गया है, उनमें कमिश्नर, DIG, मेयर और भाजपा विधायक हैं। ऑपइंडिया उस स्थान पर पहुँचा, जहाँ कमिश्नर एमपी अग्रवाल और DIG दीपक अग्रवाल के रिश्तेदार द्वारा जमीन खरीदे जाने का दावा है। वहाँ कुछ स्थानीय लोग मिले। एक महिला ने बताया, “4-5 दिन पहले भी कुछ पत्रकार यहाँ आए थे। उनको पहली बार देखा था। वे आपस में बात करते हुए DM को गाली दे रहे थे। एक छोटे कद का पत्रकार था, वह कह रहा था- हम यहाँ DM की बुआ जवान करने आए हैं।”

पत्रकारों की भाषा को लेकर शिकायत करने वाले स्थानीय

‘MRVT की सभी जमीन विवादित नहीं’

ऑपइंडिया ने बरहटा मांझा के खालिक पुरवा में रहने वाले इन्द्रराज निषाद से बात की। उन्होंने बताया, ‘मैंने भी MRVT से जमीन लिया था। MRVT के सभी स्थान विवादित नहीं हैं। सभी अधिकारी गलत नहीं हैं। अगर कहीं किसी ने गलत किया है तो वो जाँच में आएगा। इस झूठी खबर ने चारों तरफ इलाके को बदनाम कर दिया। अब इधर जमीन के खरीदार न के बराबर आ रहे हैं। मैं खुद ही अपना एक छोटा प्लॉट बेचने के चक्कर में था लेकिन अब इस खबर के बाद उसे भी खरीदने वाला कोई नहीं आ रहा। हम मीडिया वालों से आग्रह करते हैं कि जो भी खबर चलाएँ वो सही चलाएँ।”

बरहटा मांझा में इन्द्रराज निषाद के साथ ऑपइंडिया के रिपोर्टर राहुल पांडेय

‘भाजपा सरकार को बदनाम करने का प्लान’

राम मंदिर से कुछ ही दूरी पर जमीन के कारोबार से जुड़े वासुदेव घाट के बाबूराम गुप्ता से ऑपइंडिया ने बात की। उन्होंने बताया, “मैंने पूरी खबर पढ़ी है। ये सरासर झूठ है। 15 और 20 किलोमीटर के दायरे वाली जमीनों को भी 5 किलोमीटर के अंदर बताया गया है। अधिकारियों के बहाने भाजपा सरकार को बदनाम करने का प्लान बनाया गया है। ये तमाम भ्रम विपक्षी लोग फैला रहे हैं।”

वासुदेव घाट अयोध्या निवासी बाबूराम गुप्ता ने खबर को निराधार बताया

अयोध्या के संत आक्रोशित

हनुमानगढ़ी के संत राजू दास ने ऑपइंडिया से फ़ोन पर बात की। उन्होंने बताया, “अयोध्या में कोई भी बाहरी पैसे का निवेश न करे ये सब उसकी ही साजिश है। साजिशकर्ता वही हैं जिन्होंने भगवान् को काल्पनिक तक बताया था। जिनके जमीन खरीदने पर विवाद खड़ा किया जा रहा क्या उन्होंने पैसा किसी की हत्या कर या कोई आपराधिक हरकत कर कमाया था? यह वामपंथी और विकृत सोच वालों की साजिश है धर्मनगरी को बदनाम करने की।”

महंत अजय दस व अन्य साधु संत

अयोध्या के प्रमोद वन स्थित नायक मंदिर के महंत ने बताया, “हो सकता है कि कुछ लोगों ने गलतियाँ की हों। लेकिन जिस प्रकार से मामले में सबको लपेटा जा रहा वो सही नहीं है।” ऑपइंडिया ने अयोध्या के रघुनंदन कुञ्ज मंदिर रायगंज के महंत अजय दास से भी बात की। उन्होंने बताया, “यह सब मीडिया का फैलाया भ्रम है। अधिकारियों के रिश्तेदारों ने धार्मिक भावनाओं के साथ जमीन खरीदी थी। उन्हें बेवजह बदनाम किया गया। अंत में सब दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।”

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राहुल पाण्डेय
राहुल पाण्डेयhttp://www.opindia.com
धर्म और राष्ट्र की रक्षा को जीवन की प्राथमिकता मानते हुए पत्रकारिता के पथ पर अग्रसर एक प्रशिक्षु। सैनिक व किसान परिवार से संबंधित।

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