तमिलनाडु के चेन्नई में भी दिल्ली के शाहीन बाग़ की तर्ज पर विरोध प्रदर्शन चल रहा है। वहाँ के ओल्ड वॉशरमैनपेट इलाक़े में स्थित लाला गुंदा क्षेत्र में मुस्लिम महिलाएँ बड़ी संख्या में धरने पर बैठी हुई हैं। कई पुरुष भी महिलाओं का साथ देने और विरोध-प्रदर्शन का बंदोबस्त देखने के लिए वहाँ मौजूद रहते हैं। विगत 5 दिनों से वहाँ का ऐसा ही माहौल है। ये लोग सीएए और एनआरसी के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। हालाँकि, मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने अपील किया है कि मुस्लिम समुदाय को ग़लत प्रोपेगेंडा को नकार देना चाहिए और सामाजिक समरसता कायम रखने की दिशा में प्रयास करना चाहिए।
सोमवार (फरवरी 17, 2020) को भी लाला गुंडा क्षेत्र का विरोध प्रदर्शन चर्चा में रहा। वहाँ सीएए के विरोध में प्रदर्शन के दौरान ही एक युवक और एक युवती ने निकाह करने का फ़ैसला कर लिया। इतना ही नहीं, दोनों का निकाह भी धरनास्थल पर ही हुआ, जहाँ सभी प्रदर्शनकारी मौजूद रहे। मीडिया में चल रही ख़बरों के अनुसार, दोनों की पहले से ही सगाई हो चुकी थी, लेकिन विरोध-प्रदर्शन में हिस्सा लेते-लेते उनका प्यार और परवान चढ़ा, जिसके बाद उन्होंने फट निकाह करने का फ़ैसला लिया।
मोहम्मद शहंशाह और एस सौम्या ने निकाह के दौरान रस्में निभाने की बजाए सीएए और एनआरसी के विरोध की शपथ ली। शहंशाह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उसे ये निकाह तो कबूल है लेकिन सीएए कबूल नहीं है। प्रदर्शनकारियों की माँग है कि केरल व अन्य राज्यों की तर्ज पर तमिलनाडु विधानसभा में भी सीएए के ख़िलाफ़ प्रस्ताव पास किया जाए। शुक्रवार को वॉशरमैनपेट में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच तीखी झड़प हुई थी, जिसके बाद सीएम ने कहा था कि कुछ लोग माहौल बिगाड़ना चाहते हैं।
Bride Sumaya & the groom Sahinshah who were a part of the 4day long washermenpet #anticaa protests are getting married at the protest field itself. Since all their friends & families are in all the protest so the family decided to conduct their marriage here#ChennaiShaheenBagh pic.twitter.com/mJOlk6Ub73
— Dhanasri Gopalakrishnan (@dhanasri05) February 17, 2020
प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थरबाजी की थी, जिसके बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज की नौबत आन पड़ी थी। शुक्रवार की इस घटना के बाद शहंशाह और सौम्या अपने निकाह को लेकर सशंकित थे। लेकिन दोस्तों और रिश्तेदारों ने उन्हें धरनास्थल पर ही ऐसा करने की सलाह दी।