अयोध्या के गैंगरेप मामले में 12 साल की पीड़िता का लखनऊ के केजीएमयू अस्पताल में मंगलवार (7 अगस्त 2024) की शाम अबॉर्शन करवा दिया गया। डॉक्टरों का कहना था कि पीड़िता का शरीर डिलीवरी लायक नहीं है इसलिए यह फैसला लिया गया। डॉक्टरों ने बताया कि पीड़िता की हालत स्थितर है। आरोपित की पहचान के लिए अस्पताल ने भ्रूण का सैंपल संभाल कर रख लिया है। आगे इसकी डीएनए जाँच होगी और रिपोर्ट आने के बाद आगे कार्रवाई होगी।
बताया जा रहा है कि पीड़िता 12 हफ्ते की गर्भवती थी। उसे अयोध्या महिला जिला अस्पताल से लखनऊ के केजीएमयू में भर्ती करने के बाद अबॉर्शन से पहले परिवार से सहमति ली गई और डॉक्टरों की सलाह पर उसका गर्भपात कराया गया।
अब वह एक हफ्ते डॉक्टरों की निगरानी में रहेगी। रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि पुलिस ने आरोपित की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट करवाने का निर्णय लिया है। मगर इस संबंध में आधिकारिक बयान नहीं जारी किया गया है।
उल्लेखनीय है कि अयोध्या में ओबीसी लड़की से रेप का मामला अयोध्या के थाना क्षेत्र पूराकलंदर का है। मीडिया में इसकी जानकारी 29-30 जुलाई को हुई थी। बताया गया था कि कैसे एक OBC समुदाय की एक मजदूर महिला की 12 वर्षीया नाबालिग बेटी के साथ मोईद खान ने गलत किया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, घटना खुलने से लगभग 75 दिन पहले पीड़िता अपनी माँ के साथ मजदूरी कर के लौट रही थी। तभी रास्ते में मोईद की दुकान में काम करने वाले नौकर राजू खाँ ने पीड़िता को टोस्ट लेने के लिए अपनी दुकान पर बुलाया। लड़की पहले भी मोईद की दुकान पर आती जाती रही थी इसीलिए वो विश्वास कर के वहाँ चली गई।
बताया जा रहा है कि दुकान में राजू और उसके मालिक मोईद ने पीड़िता से बारी-बारी सामूहिक दुष्कर्म किया। इसी दौरान आरोपितों द्वारा रेप का वीडियो भी बना लिया गया। किसी को बताने पर वीडियो वायरल करने की धमकी भी दी गई। बाद में इसी वीडियो से डरा-धमका कर पीड़िता से 2 महीने तक दोनों आरोपितों ने गैंगरेप किया। इस वजह से पीड़िता गर्भवती हो गई। लड़की के पेट में दर्द होने पर माँ को शक हुआ। जब यह बात लड़की की माँ को पता चली तो उसने पूरी वजह पूछी। पीड़िता ने सारी बात अपनी माँ को बता दी। आखिरकार मामले की शिकायत पुलिस में दर्ज करवाई गई।
मामले की जानकारी मिलते ही मौके पर हिन्दू संगठनों का जमावड़ा शुरू हो गया। भाजपा और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के साथ निषाद पार्टी के सदस्य भी थाने पर जमा हो गए और नारेबाजी करने लगे। मौके पर पुलिस फोर्स पहुँची और नाराज लोगों को समझा कर शाँत करवाया। जाँच के दौरान यह भी पता चला कि जिस भदरसा पुलिस चौकी क्षेत्र की यह घटना है वह आरोपित मोईद खान की ही प्रॉपर्टी में चल रही थी। रात भर में ही पुलिस चौकी को मोईद खान की प्रॉपर्टी से अलग जगह शिफ्ट किया गया। इस मामले में अखिलेश यादव ने डीएनए जाँच की माँग की थी। वहीं अयोध्या के सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने कहा था कि उन्हें इस मामले में जानकारी नहीं है। बात पता चलने पर वो कोई कमेंट करेंगे। हालाँकि उनकी तस्वीरें इस बीच मोईद खान के साथ खूब चर्चा में रहीं।