मध्य प्रदेश में उज्जैन के महाकाल लोक की तर्ज पर सलकनपुर में देवीलोक (Salkanpur Devi Lok) की स्थापना की जा रही है। इसके लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार (23 मई 2023) को भूमिपूजन किया। इस अवसर पर बोलते हुए सीएम ने लोगों से कहा कि वे इस देवी लोक के निर्माण में अपना योगदान दें और अपने घर से एक ईंट लेकर वहाँ आएँ।
सीहोर जिले के सलकनपुर वाली बिजासन मैया की देवी लोक का निर्माण प्रदेश के सभी गाँवों एवं शहरों से लाए गए ईंटों से होगा। इसके अलावा, सभी 52 शक्तिपीठों की पवित्र मिट्टी भी सलकनपुर लाई जाएगी। इसे विकसित करने के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने ₹200 करोड़ का बजट भी निर्धारित किया है।
देवी लोक में नवदुर्गा कॉरीडोर का निर्माण किया जाएगा, जिसमें माँ दुर्गा के 9 रूपों को दर्शाया जाएगा। इसके अलावा, 64 योगिनी मंदिर का भी निर्माण किया जाएगा। उज्जैन के महाकाल लोक की तर्ज पर ही सलकनपुर में भी भव्य देवी लोक के अलावा, श्रद्धालुओं को हर सुविधा मुहैया कराई जाएगी। मंदिर तक पहुँचने के लिए पैदल पथ को बेहतर बनाने के अलावा रोप-वे का भी निर्माण किया जाएगा।
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि सीहोर के विंध्याचल पर्वत पर विराजमान विंध्यवासिनी बिजासन माता का सलकनपुर मंदिर जल्द ही भारत भर में लोकप्रिय माता मंदिर बन जाएगा। इसमें चौसठ योगिनी और माता के 9 रूपों की विशाल प्रतिमाएँ स्थापित की जाएँगी।
बताते चलें कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 23 मई 2022 को सलकनपुर में 43 करोड़ 69 लाख 72 हजार रुपए के अनेक निर्माण के लिए भूमि-पूजन किया था। इनमें 6 करोड़ 41 लाख रुपए की लागत से देवीधाम सलकनपुर में शिव मंदिर के समीप पार्किंग तथा शिव मंदिर के विभिन्न विकास कार्य भी शामिल हैं।
वहीं, 16 करोड़ 99 लाख रुपए की लागत से मंदिर परिसर का विकास एवं सौन्दर्यीकरण तथा भोजशाला एवं सूर्यद्वार का नवीनीकरण, 11 करोड़ 55 लाख रुपए की लागत से मेला ग्राउण्ड का विकास, सिंहद्वार का विस्तार एवं सरोवर का सौन्दर्यीकरण तथा 8 करोड़ 74 हजार रुपए की लागत से 125 नवीन दुकानों का निर्माण एवं 6 भव्य प्रवेश द्वार का निर्माण किया जा रहा है।
मध्य प्रदेश में 29 से 31 मई तक देवी लोक महोत्सव मनाया गया। 31 मई को भूमि-पूजन एवं शिला-पूजन कार्यक्रम का कार्यक्रम किया गया। मुख्य कार्यक्रम 31 मई के पूर्व 28 मई को सभी ग्रामों में शिला एवं चुनरी यात्रा निकाली गई। इस दौरान ‘मेरी घर की मिट्टी माँ के चरणों में अर्पित’ करने और प्रत्येक ग्राम पंचायत में प्रत्येक घर से ईंट/शिला के संकलन का काम किया गया।