मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में जहन्नुम के डर से इस्लाम कबूल करने वाले हिंदू युवक अक्षय गौर ने घर वापसी कर ली है। बताया जा रहा है कि दोस्तों, हिंदूवादी संगठन के आशोक पालीवाल और अन्य कार्यकर्ताओं ने उसे समझाया। उन्होंने मंदिर में पूजा-पाठ कर उसका शुद्धीकरण किया। इसके बाद गंगाजल पिलाकर उसकी घर वापसी करवाई।
गुरुवार (17 नवंबर 2022) को अक्षय के पिता गोविंद गौर ने नूरानी मस्जिद के आलिम अमीनुद्दीन कादरी के खिलाफ पुलिस में शिकायत की। उन्होंने आरोप लगाया है कि आलिम ने उनके बेटे इंजीनियर अक्षय गौर को हिंदू धर्म के खिलाफ भड़काया और उसका ब्रेनवॉश किया। उसे नौकरी दिलाने का लालच दिया, धमकाया। फिर मस्जिद में कलमा पढ़वाकर उसका धर्म परिवर्तन कर दिया। इसके बाद आलिम ने अक्षय का नाम मोहम्मद फहीम खान रख दिया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, करीब चार महीने पूर्व अक्षय गौर ने फेसबुक पर अपने धर्मांतरण की सूचना दी थी। उसने फेसबुक पर कुर्ता पहने और टोपी लगाए हुए एक फोटो शेयर की थी। इसके साथ लिखा था, “मैंने अपना नया धर्म चुन लिया है। मेरा नया नाम मोहम्मद फहीम खान है।” जब हिंदू दोस्तों ने उसकी पोस्ट देखी तो वे हैरान रह गए। अब यह पोस्ट उसने डिलीट कर दी है।
अक्षय गौर ने बताया, “सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद भी मैं बेरोजगार था। 5 महीने पहले मैं नागचून इलाके के पार्क में बैठा था। बहुत परेशान था। तभी वहाँ आलिम आया। उसने मुझसे कहा कि तुम परेशान लग रहे हो। तुम्हारा सब अच्छा होगा। अगर तुम हिंदू धर्म छोड़कर इस्लाम अपना लेते हो। अल्लाह का रास्ता अपनाओ। मस्जिद में आना। वहाँ नमाज पढ़कर देखो। तुम्हें अच्छा लगेगा। आलिम की बात सुनकर मैं दूसरे दिन मस्जिद में पहुँचा तो उसने हिंदू धर्म के खिलाफ बोलना शुरू कर दिया। उसने यह भी कहा कि मैंने कई हिंदुओं को मुस्लिम बनाया है।”
अक्षय ने बताया, “मैं दो-तीन दिन लगातार मस्जिद में गया। आलिम ने मुझे डराया और कहा कि हिंदू हो या सिख या फिर क्रिश्चियन कितनी ही पूजा कर लो, जहन्नुम नसीब होता है। मुस्लिम ही ऐसा धर्म है कि अल्लाह की इबादत करने से जन्नत मिलेगी। आलिम की ये बातें मेरे दिमाग पर असर करने लगी। आलिम ने मुझे कलमा पढ़वाकर मेरा धर्म बदल दिया। उसने मुझे फहीम खान नाम दिया। जब मैंने अक्षय नाम बदलकर फेसबुक पर फहीम खान डाला तो मेरे दोस्त और परिजन हैरान हो गए।”
खंडवा के SP विवेक सिंह के मुताबिक, मोघट थाना पुलिस ने आलिम अमीनुद्दीन कादरी पर धार्मिक भावना आहत करने और धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम की धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। वहीं, इस मामले में आलिम अमीनुद्दीन कादरी का कहना है कि उस पर लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं। युवक खुद ही मस्जिद में मुस्लिम बनने आया था। हमने उसे सलाह दी थी कि कानून के अनुसार काम करें। हम इस तरह के काम नहीं करते हैं, लेकिन वह नहीं माना।