कर्नाटक के तुमकुरु जिले में 6 साल पहले नाबालिग लड़के से अप्राकृतिक यौनाचार करने के दोषी पाए गए मुफ्ती मुशर्रफ को बेंगलुरु की स्पेशल कोर्ट ने 11 साल जेल की सजा सुनाई है। इसके अलावा, कोर्ट ने 42 वर्षीय मदरसा शिक्षक पर 30,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, उत्तर प्रदेश का रहने वाला मुशर्रफ तुमकुरु में अमलापुर के पास एक मदरसे में शिक्षक था। उसने 17 अप्रैल, 2015 को मदरसे में एक नाबालिग बच्चे के साथ कुकर्म किया था। यह घटना तब सबके सामने आई, जब नाबालिग की माँ मदरसे में उससे मिलने गई। 13 वर्षीय बच्चे ने उस समय अपनी माँ को मुशर्रफ की करतूत के बारे में बताया और उसे मदरसे से वापस ले जाने के लिए कहा।
इसके बाद भारतीय दंड संहिता की धारा 377 (अप्राकृतिक यौन संबंध) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया गया और मुशर्रफ को गिरफ्तार कर लिया गया। उसके खिलाफ पॉक्सो कानून के तहत मामला दर्ज किया गया था। अदालत में सुनवाई के दौरान 11 गवाहों ने अपने बयान दर्ज कराए थे। द टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, स्पेशल पब्लिक प्रोसेक्यूटर (special public prosecutor ) जीवी गायत्री ने कहा कि नाबालिग लड़के और उसकी माँ का बयान मदरसा के शिक्षक को दोषी साबित करने में महत्वपूर्ण साबित हुआ।
बताया जा रहा है कि 17 अप्रैल 2015 को मुशर्रफ ने नाबालिग लड़के से यूपी के लिए ट्रेन का टिकट बुक कराने में मदद माँगी थी। उसने लड़के से कहा था कि तुम्हे कन्नड़ भाषा समझ में आती है, लेकिन मुझे नहीं आती। इसलिए तुम मेरे साथ तुमकुरु रेलवे स्टेशन पर चलो, ताकि मैं आसानी से अपना टिकट करवा सकूँ। रेलवे स्टेशन पहुँचने पर मुशर्रफ ने बच्चे से कहा कि उसकी बाइक में पेट्रोल खत्म हो गया है और उन्हें पास के ही किसी एक होटल में रहना होगा।
टीओआई की रिपोर्ट में स्पेशल पब्लिक प्रोसेक्यूटर के हवाले से कहा गया है। होटल के रजिस्टर में मुशर्रफ ने अपने नाम के साथ-साथ लड़के का भी उल्लेख किया था। वारदात को अंजाम देने के बाद मुशर्रफ अगली सुबह लड़के को अपनी बाइक से वापस मदरसे में छोड़ आया। इसके बाद वह होटल आया और कमरा खाली कर दिया। होटल के रजिस्टर में दो व्यक्तियों का नाम लिखा गया था। होटल के कमरे में एक आदमी और एक लड़का आया था, लेकिन चेक आउट करते समय केवल ही शख्स मौजूद था।
गायत्री ने आगे कहा कि पुलिस में इस मामले की शिकायत दर्ज होने के बाद, नाबालिग लड़के और मदरसा शिक्षक की मेडिकल जाँच कराई गई। मेडिकल रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि बच्चे का यौन शोषण किया गया था।
इसके बाद अदालत ने सबूतों के आधार पर मुशर्रफ को दोषी करार देते हुए उसे 11 साल के कठोर कारावास और 30 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। वहीं, अदालत ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (district legal services authority) को लड़के को मुआवजे के रूप में 5 लाख रुपए का भुगतान करने का आदेश दिया है।