Sunday, September 8, 2024
Homeदेश-समाजअब सरकार की हो गई माफिया अतीक अहमद की ₹50 करोड़ की प्रॉपर्टी, किसानों-गरीबों...

अब सरकार की हो गई माफिया अतीक अहमद की ₹50 करोड़ की प्रॉपर्टी, किसानों-गरीबों को धमका कर किया था अवैध कब्ज़ा

जस्टिस विनोद कुमार चौरसिया ने पुलिस कमिश्नर की कार्रवाई को निष्पक्ष और न्यायसंगत करार देते हुए अर्जित संपत्ति को सरकार के पक्ष में करने को कहा है।

उत्तर प्रदेश में ऑपरेशन माफिया के तहत चल रही कार्रवाई में कमिश्नरेट पुलिस प्रयागराज और राज्य सरकार ने बड़ी सफलता हासिल की है। माफिया अतीक अहमद की करीब 50 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति अब राज्य सरकार की हो गई है। कमिश्नरेट पुलिस ने महज लगभग 11 महीने में कुर्की से लेकर जमीन को सरकारी बनाने की ऐतिहासिक कार्रवाई की है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मंगलवार (16 जुलाई 2024) को जिला न्यायालय की गैंगस्टर कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर कोर्ट के आदेश को बरकरार रखते हुए राजमिस्त्री हुबलाल के नाम पर खरीदी गई जमीन को राज्य सरकार में निहित करने का आदेश दिया। जस्टिस विनोद कुमार चौरसिया ने पुलिस कमिश्नर की कार्रवाई को निष्पक्ष और न्यायसंगत करार देते हुए अर्जित संपत्ति को सरकार के पक्ष में करने को कहा है।

प्रयागराज के जिलाधिकारी इस आदेश के अनुपालन में अब खतौनी में हुबलाल के स्थान पर राज्य सरकार का नाम दर्ज कराएँगे। इसे प्रदेश में इस तरह की पहली कार्रवाई माना जा रहा है। इससे माफिया अतीक गैंग के सदस्यों को बड़ा झटका लगा है।

जानकारी के मुताबिक, माफिया अतीक के खिलाफ गैंगस्टर का मुकदमा पंजीकृत है। मुकदमे की विवेचना के दौरान पता चला कि एयरपोर्ट थाना क्षेत्र अतीक की लगभग 25 बीघा जमीन है, जो अनुसूचित जाति के राजमिस्त्री हुबलाल के नाम पर है। पूछताछ में हुबलाल ने बताया कि अतीक ने वर्ष 2015 में धमकाकर उसके नाम पर गरीब-किसानों की जमीन लिखवाई थी। इसके बाद छह नवंबर 2023 को गैंगस्टर एक्ट की धारा 14 (1) के तहत जमीन कुर्क की गई।

जब्त की गई प्रॉपर्टी की पत्रावली पुलिस कमिश्नर कोर्ट पहुँची, जहां अतीक के वारिस को पक्ष रखने का मौका दिया गया, लेकिन तीन माह बीत जाने बाद भी वह कोई साक्ष्य पेश नहीं कर पाए। इसके बाद पत्रावली जिला न्यायालय की गैंगस्टर कोर्ट में भेज दी गई। वहाँ सुनवाई के बाद कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट में की गई कार्रवाई को पुष्ट करते हुए संपत्ति राज्य सरकार में निहित करने का आदेश दिया।

गौरतलब है कि अतीक अहमद की हत्या बीते साल 15 अप्रैल को हुई थी। उमेश पाल की हत्या के मामले में पुलिस ने बीते साल अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को रिमांड पर लिया था। प्रयागराज में 15 अप्रैल 2023 की रात करीब 10 बजे पुलिस अतीक और उसके भाई को जब मेडिकल जाँच के लिए अस्पताल लेकर जा रही थी, उसी वक्त पत्रकार बनकर आए तीन हमलावरों अरुण मौर्या, सनी और लवलेश तिवारी ने दोनों भाइयों को गोलियों से छलनी कर दिया।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ग्रामीण और रिश्तेदार कहते थे – अनाथालय में छोड़ आओ; आज उसी लड़की ने माँ-बाप की बेची हुई जमीन वापस खरीद कर लौटाई, पेरिस...

दीप्ति की प्रतिभा का पता कोच एन. रमेश को तब चला जब वह 15 वर्ष की थीं और उसके बाद से उन्होंने लगातार खुद को बेहतर ही किया है।

शेख हसीना का घर अब बनेगा ‘जुलाई क्रांति’ का स्मारक: उपद्रव के संग्रहण में क्या ब्रा-ब्लाउज लहराने वाली तस्वीरें भी लगेंगी?

यूनुस की अगुवाई में 5 सितंबर 2024 को सलाहकार परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इसे "जुलाई क्रांति स्मारक संग्रहालय" के रूप में परिवर्तित किया जाएगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -