अनजान जगहों पर गूगल मैप का इस्तेमाल करना बेहद आम बात है। लेकिन तकनीक से हासिल होने वाले नतीजे हमेशा बेहतर ही हों ऐसा ज़रूरी नहीं है। इस बात की पुष्टि करने वाली घटना हुई है, महाराष्ट्र स्थित अहमदनगर जिले के अकोले क्षेत्र में।
पुणे में रहने वाले कोल्हापुर के तीन व्यवसायी गुरु शेखर (42), समीर राजुरकर (44) और सतीश घुले (34) बीते सप्ताह के अंत में महाराष्ट्र की सबसे ऊँची चोटी कलसुईबाई पर ट्रैकिंग करने गए थे। उन्हें रास्तों की सही जानकारी नहीं थी इसलिए उन्होंने गूगल मैप की मदद ली।
गूगल ने उन्हें कोतुल से अकोले के लिए सबसे नज़दीकी सड़क दिखाई, जो उन्हें सीधे डैम की तरफ ले गई जहाँ उनकी कार पानी में डूब गई। यह सड़क बारिश के मौसम में ही बंद कर दी गई थी क्योंकि पिम्पलगाँव खंड डैम पानी में डूबा हुआ था। फ़िलहाल उस डैम पर लगभग 20 फीट पानी था और ऐसा होने की स्थिति में डैम बंद कर दिया जाता है। स्थानीय लोगों को यह मालूम था इसलिए वह इस रास्ते का इस्तेमाल नहीं करते थे। कार चलाने वाला युवक (सतीश घुले) गूगल मैप पर भरोसा करते हुए आगे बढ़ता गया और कार सीधे पानी में चली गई।
इस बीच समीर राजुरकर और गुरु शेखर कार से निकलने में कामयाब रहे लेकिन सतीश कार में ही फँसा रह गया। नतीजतन उसकी मृत्यु हो गई। इसके अलावा पीडब्ल्यूडी विभाग की तरफ से उस जगह पर सावधानी से जुड़ा कोई नोटिस नहीं लगाया गया था। इसलिए अँधेरे के वक्त कार चलाने वाले को इस ख़तरे का अंदेशा नहीं हुआ। घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय लोग और पीड़ितों के रिश्तेदार घटनास्थल पर पहुँचे और उन्होंने सतीश घुले का शव और कार बाहर निकाला।