महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार (20 जुलाई) को एक याचिका के जवाब में बॉम्बे हाईकोर्ट को सूचित किया कि सख्त दिशानिर्देशों को बनाए रखते हुए इस साल मुंबई के देवनार बूचड़खाने में सिर्फ 300 भैंसों की कुर्बानी देने की अनुमति होगी। हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसमें अदालत से प्रशासन को निर्देश जारी करने का अनुरोध किया गया था कि बकरीद पर देवनार बूचड़खाने में भैंसों की कुर्बानी के लिए स्थान उपलब्ध कराया जाए।
बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने अदालत को आश्वासन दिया कि सार्वजनिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए इस संबंध में एक आदेश जारी किया गया है। नगर निकाय के जवाब से संतुष्ट होकर हाईकोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया है।
वहीं, याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि कोरोना महामारी अभी खत्म नहीं हुई है। याचिकाकर्ता ने अदालत से कहा कि चूँकि बीएमसी ने पूर्व में ऐसा कोई संकेत नहीं दिया कि कुर्बानी दिए जाने वाले पशुओं की संख्या सीमित की जाएगी, ऐसे में लोगों ने कुर्बानी देने के लिए बड़ी संख्या में पशु खरीद लिए और उनमें से कई अब शेष रह जाएँगे।
याचिका में यह भी कहा गया है कि प्रशासन को सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य प्रोटोकॉल पर गाइडलाइन जारी करनी चाहिए, जिनका पालन पशुओं की कुर्बानी के दौरान देवनार बूचड़खाने में किया जाना चाहिए।
बीएमसी ने धार्मिक स्थलों, सार्वजनिक समारोहों पर रोक लगा दी है। मस्जिदों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर ईद की नमाज अदा करने पर भी रोक लगा दी गई है। ऐसे में लोगों को घर पर ही नमाज अदा करनी होगी।
याचिका में हर रोज 700 पशुओं की कुर्बानी की अनुमति माँगी गई
अखिल भारतीय जमीयतुल कुरैश द्वारा दायर एक याचिका में, याचिकाकर्ता ने आग्रह किया कि देवनार में प्रति दिन 700 जानवरों की कुर्बानी की अनुमति दी जानी चाहिए। याचिका को खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने टिप्पणी की, “हमें डर है। पाबंदियाँ प्रशासन के फैसले हैं और इसमें अदालत का कोई हस्तक्षेप वांछित नहीं है।” मालूम हो कि बीएमसी ने देवनार बूचड़खाने में 21 जुलाई से 23 जुलाई तक सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक 300 जानवरों की कुर्बानी देने की अनुमति दी है।
पेटा का दावा, मुंबई में बड़े पैमाने पर अवैध पशु बेच रहे हैं
पेटा ने सोमवार (19 जुलाई 2021) को अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि महाराष्ट्र सरकार के कोरोना गाइडलाइन जारी करने के बावजूद पूरे मुंबई में जानवरों की अवैध बिक्री और परिवहन बड़े पैमाने पर है। दूसरी ओर, कई राज्यों ने बकरीद से ठीक पहले दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसमें से कुछ ने सार्वजनिक समारोहों को प्रतिबंधित कर दिया। वहीं, कुछ ने लॉकडाउन में ढील दी है।