महाराष्ट्र के ठाणे में जिला अदालत ने हिंदू युवक का गला रेतने और अपनी गर्भवती बहन की हत्या करने के मामले में शफीक शम्सुद्दीन मंसूरी नाम के आरोपित को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। मामले की सुनवाई करते हुए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डीएस देशमुख ने शफीक को आईपीसी की धारा 302 और अन्य प्रासंगित प्रावधानों के तहत दोषी करार दिया है। इसके अलावा उसके ऊपर 1.10 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
मंसूरी के खिलाफ अभियोजन पक्ष की ओर से 12 लोगों ने गवाही दी है। इस दौरान ये भी सामने आया है कि कैसे मंसूरी, दोनों लोगों की हत्या की साजिश एक साल पहले से रच रहा था और बकरीद के ठीक बाद 15 सितंबर 2016 को उसने इस घटना को अंजाम दिया था।
Thane: Shafiq Mansuri sentenced to life imprisonment, for murdering his 9-month pregnant sister Sufiya alias Priya Yadav, her husband Vijay Shankar Yadav & their unborn child, in 2016.
— Error 404 (@jxh45) May 7, 2024
Shafiq had pre-planned the "holy murders" on Bakri Eid, as his sister had married a 'Hindu'. pic.twitter.com/55eYLbVp3a
अपनी बहन और जीजा को मंसूरी ने इस बेरहमी से मारा था कि उनका शव क्षत-विक्षत था। पड़ोसियों को अगले दिन जब शव की दुर्गंध आनी शुरू हुई तो फिर उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दी और बाद में पूरा मामला खुला।
मौजूदा जानकारी बताती है कि शफीक अपनी कजन बहन के हिंदू लड़के से शादी करने पर नाराज था। उसने एक साल उन्हें खोजने में लगाया और जब उनके बारे में उसे पता चला तो उसने हत्या की साजिश रची। शुरू में मीडिया में पुलिस के हवाले से ये भी कहा गया था कि शफीक ने ये हत्या बकरीद पर बतौर कुर्बानी के तौर पर की।
घटना से पहले शफीक ने घर जाकर विजय को खूब दारू पिलाई और फिर देर रात चाकू लेकर उसका गला रेत दिया। आवाज सुनकर जब सूफिया उर्फ प्रिया यादव उठी तो उसने ये जानते हुए कि वो गर्भवती है उसके पेट में भी चाकू घोंपे और कहा- “तू तो हमारे लिए तब ही मर गई थी जब तूने इससे शादी की। ये बच्चा हमें नहीं चाहिए।”
इस हत्या को अंजाम देने के बाद शफीक वहाँ से निकल गया और अपना फोन भी बंद कर लिया। बाद में जब शफीक की गिरफ्तारी हुई तो ठाणे क्राइम ब्रांच के ऑफिसर ने कहा कि मंसूरी को उसके परिजनों का सपोर्ट है, वो उसे बचाने आएँगे लेकिन लड़की का शव लेने कोई आगे नहीं आया था।
बता दें कि ये कोई पहला मामला नहीं है जहाँ हिंदू से शादी करने पर गर्भवती महिला की निर्मम हत्या की गई हो। इससे पहले 4 मई को दो लोगों को सजा-ए-मौत दी गई थी और 5 जीवन को आजीवन कारावास की सजा हुई थी। वो मामला 2017 का था जब एक गर्भवती मुस्लिम महिला को उसके घरवालों ने मौत के घाट उतारने के लिए जिंदा जला डाला था। घटना को अंजाम कर्नाटक के बीजापुर जिले के गुंडाकनाला गाँव में दिया गया था। महिला का नाम बानू बेगम था। उसने वाल्मिकी समाज के सायबन्ना से प्रेम हो गया था। परिवार खिलाफ था इसलिए शादी बर्दाश्त नहीं कर पाया और ये घटना को अंजाम दिया गया।