राजस्थान के बीकानेर में पुलिस की बर्बरता का एक नया चेहरा सामने आया है। वहाँ जिले से करीब 35 किलोमीटर दूर गजनेर में एक गोचर भूमि की रक्षा करने के लिए धरने पर बैठी महिला सरपंच और उनके समर्थकों पर लाठीचार्ज की घटना दर्ज की गई है। पुलिस की कार्रवाई में कई ग्रामीण घायल हुए, जिसके गुस्से में उनकी (ग्रामीणों की) ओर से भी पथराव हुआ। दोनों तरफ से मामले को तूल पकड़ता देख इलाके में भारी पुलिस बल बुलाकर तैनाती की गई है।
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, गजनेर में एक ट्रांजिट भूमि (गोचर भूमि) है। जहाँ नपाई न होने के कारण यह स्पष्ट नहीं है कि गोचर जमीन कितनी है और सरकारी जमीन कितनी है। ऐसे में वहाँ की सरपंच गीता कुम्हार गजनेर में आंदोलन पर हैं। वह 200 दिनों से अपने समर्थकों के साथ धरने पर बैठी हैं लेकिन प्रशासन उनकी सुनवाई करने को तैयार नहीं है।
सोमवार (5 जुलाई 2021) को मामले के संबंध में तहसीलदार और सरपंच की वार्ता भी हुई, लेकिन कोई हल नहीं निकला। फिर, मंगलवार (6 जुलाई 2021) को जब प्रशासन से बात मनवाने के लिए विरोध के तौर पर बाजार बंद किया गया और प्रदर्शनकारी प्रदर्शनस्थल पर बैठे दिखे तो पुलिस ने अपनी कार्रवाई की।
पुलिस ने पहले प्रदर्शनकारियों से हटने को कहा, मगर जब कोई हटा नहीं तो दोनों ओर से तनातनी हो गई। बात इतनी बढ़ी कि लाठीचार्ज करना पड़ गया। घटना में 3-4 ग्रामीण घायल हुए और कुछ को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। पुलिस और ग्रामीणों के बीच हुई झड़प में पुलिस की गाड़ी के शीशे भी टूटे हैं। फिलहाल गाँव में तनाव का माहौल है।
ग्रामीण पुलिस की लाठीचार्च का विरोध कर रहे हैं। उनका आरोप है कि वह लोग 200 दिन से शांतिपूर्ण ढंग से धरना दे रहे थे। लेकिन इस धरने का निष्कर्ष नहीं निकाल पाने वाले अधिकारियों के इशारे पर आज पुलिस ने लाठीचार्ज किया। उनके मुताबिक घटनास्थल पर आंदोलनकारी कम थे और पुलिस लठ चलाने वाले जवानों की तादाद ज्यादा थी। मौके पर महिला पुलिसकर्मी भी थीं। सबने प्रदर्शनकारियों पर लाठी चलाई।