उत्तराखंड के मसूरी स्थित भट्टा क्यारकुली गाँव के महमूद हसन की वहाँ के लोग खूब वाहवाही कर रहे हैं। इसका कारण है कि उन्होंने घर की माली हालत ठीक न होते हुए भी स्वेच्छा से अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर के लिए 1100 रुपए की धनराशि दान में दी। 70 वर्षीय महमूद हसन ने स्वेच्छा से ये कार्य किया। महमूद हसन ने दावा किया कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मसूरी प्रवास पर गए थे, तो उन्होंने ही उनका मसाज किया था।
‘अमर उजाला’ में प्रकाशित खबर के अनुसार, महमूद हसन खुद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बड़ा प्रशंसक मानते हैं और खुद को हिन्दू-मुस्लिम एकता का पक्षधर भी कहते हैं। उन्होंने कहा कि 1100 रुपए तो उन्होंने अपनी क्षमतानुसार दिया है, लेकिन अगर उनके पास 11,000 रुपए भी होते तो वो ख़ुशी से भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए दान दे देंगे। उन्होंने अपना इतिहास बताते हुए कहा कि जब वो मसूरी आए थे, तो उनके पास महज 20 रुपए थे।
उन्होंने जानकारी दी कि 1972 में जब वह मसूरी आए थे तो क्यारकुली गाँव के डालू भाई, रतन और प्रेम सिंह ने उनकी बहुत सहायता की थी। उन्होंने कहा कि उनके जीवन में जब भी कोई संकट आता है तो हिन्दू भाई ही उनकी मदद के लिए आगे आते हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण जैसी वैश्विक महामारी के काल में जब लॉकडाउन लगा, तब भी गाँव के राकेश रावत सहित अन्य हिन्दुओ ने उनकी सहायता की।
महमूद हसन मसूरी के एक होटल में कार्यरत हैं। उन्होंने दावा किया कि जब 2009 में गुजरात के मुख्यमंत्री रहे नरेंद्र मोदी मसूरी आए थे, तब वो उनसे मिले थे। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी एक बहुत अच्छे इंसान हैं, इसका उनके पास व्यक्तिगत अनुभव है। बकौल महमूद, गाँव में कुछ युवा राम मंदिर के लिए कूपन बाँट रहे थे, तो उन्होंने भी सहयोग की इच्छा जताई। उन्होंने कहा कि लोगों के संकोच के बावजूद उन्होंने दान दिया।
महमूद हसन की खूब वाहवाही हो रही है। खुद की माली हालत बहुत अच्छी नहीं है फिर भी गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल पेश करते हुए 70 वर्षीय महमूद हसन ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए खुशी-खुशी 11 सौ रुपये चंदे में दे दिए।https://t.co/hRh1eg4AOw#mussoorie #RamMandirNidhiSamarpan
— Amar Ujala Dehradun (@AU_DehradunNews) January 18, 2021
महमूद हसन ने कहा कि राकेश रावत ने भी उनके इस दान पर ख़ुशी जताई है। उन्होंने कहा, “भगवान श्रीराम के मंदिर के लिए दान देने के बाद मुझे भी बहुत प्रसन्नता महसूस हो रही है। मैंने इच्छा जताई तो गाँव के लोगों ने हामी भरते हुए कहा कि आप भी क्षमतानुसार स्वैच्छिक सहयोग कर सकते हैं।” मूल रूप से उत्तर प्रदेश के छुटमलपुर के रहने वाले महमूद के बेटे नौशाद ने भी अपने पिता के इस कार्य पर ख़ुशी जताई।
ये अच्छी खबर तब आई है, जब हाल ही में इंदौर, मुंबई और कच्छ से राम मंदिर संकल्प निधि के लिए डोनेशन माँग रहे हिन्दू कार्यकर्ताओं पर हमले की खबरें आईं। गुजरात के गाँधीधाम के किदाना गाँव में भगवान श्रीराम के रथ के पास एक समूह जमा हो गया और उसने वहाँ आगजनी शुरू कर दी। इस रैली का आयोजन विश्व हिन्दू परिषद (VHP) ने किया था। इस दौरान हिंसक भीड़ ने एक ऑटो और 2 बाइकों को भी आग के हवाले कर दिया।