‘कैश-फॉर-क्वेरी’ मामले में तृणमूल कॉन्ग्रेस की नेता महुआ मोइत्रा की परेशानी बढ़ सकती है। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की तैयारी कर रही है। इस कड़ी में सीबीआई ने मोइत्रा के खिलाफ आचार समिति (Ethics Committee) की रिपोर्ट हासिल करने के लिए लोकसभा सचिवालय से संपर्क साधा है।
बताते चलें कि आचार समिति ने ही ‘कैश-फॉर-क्वेरी’ मामले में टीएमसी सांसद रहीं मोहुआ को निष्कासित करने की सिफारिश की थी। वहीं, सीबीआई लोकपाल की भेजी गई एक शिकायत के आधार पर महुआ के खिलाफ केस की जाँच कर रही है। आचार समिति की सिफारिश में शिकायतकर्ता वकील जयअनंत देहाद्राई और मोइत्रा सहित अन्य के बयान शामिल हैं।
आचार समिति की सिफारिशों के बाद ही महुआ को अपनी सांसदी गँवानी पड़ी थी। कहा जा रहा है कि इस मामले में संभावित मनी ट्रेल पर अलग से नजर रखने के लिए सीबीआई इस रिपोर्ट की स्टडी कर सकती है। रिपोर्ट में कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा को मिले महँगे उपहारों और अन्य वस्तुओं का जिक्र है। इस ही कई लोगों के बयान भी हैं।
वहीं, लोकसभा सचिवालय के अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने अभी तक सीबीआई को रिपोर्ट मुहैया नहीं कराई है। एक अधिकारी ने कहा, “सीबीआई ने सचिवालय को पत्र लिखकर एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट की एक प्रति माँगी है। हम इस पर गौर करेंगे। हमने अनुरोध के संबंध में अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है।”
बताते चलें कि आचार समिति पहले ही महुआ के खिलाफ आरोपों की जाँच की सिफारिश कर चुकी है। इस हालात में जब लोकसभा सचिवालय भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17 ए के तहत जरूरी मंजूरी हासिल कर एथिक्स कमिटी की रिपोर्ट सीबीआई को देती है तो CBI लोकपाल की मंजूरी के बगैर सीधे मोइत्रा पर FIR दर्ज कर सकती है।
सीबीआई भी अपनी जाँच रिपोर्ट लोकपाल को सौंपेगी और अगर लोकपाल एजेंसी को आपराधिक केस दर्ज करने का निर्देश देती है तो वह एफआईआर दर्ज कर सकती है। बताते चलें कि मोइत्रा के खिलाफ आचार समिति की रिपोर्ट 8 दिसंबर 2023 को लोकसभा में पेश की गई थी। स्पीकर ओम बिड़ला ने इस पर बहस के बाद जानकारी दी कि समिति ने मोइत्रा को कैश फॉर क्वेरी मामले में दोषी पाया है।
हालाँकि, टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा अपने खिलाफ लगे आरोपों को सिरे से नकारती आ रही हैं। दरअसल, आचार समिति ने बीजेपी के सांसद निशिकांत दुबे और सुप्रीम कोर्ट के वकील एवं मोइत्रा के पूर्व पार्टनर जय अनंत देहाद्राई की शिकायत के बाद महुआ को निष्कासित करने की सिफारिश की थी।
टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने संसद में सवाल पूछने के बदले में कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से पैसे और महँगे गिफ्ट सहित कई तरह के फायदे लिए थे। हीरानंदानी अडानी समूह के प्रतिद्वंद्वी कारोबारी हैं और उनके इशारे पर महुआ ने संसद में कई सवाल पूछे थे। महुआ ने लोकसभा के अपने लॉग-इन क्रेडेंशियल भी हीरानंदानी से शेयर किए थे।
जय अनंत देहाद्राई ने महुआ पर यह भी आरोप लगाया था कि वो उन पर और पूर्व प्रेमी सुहान मुखर्जी के खिलाफ निगरानी कर रही थीं। इसकी शिकायत उन्होंने CBI में दर्ज कराई। देहाद्राई ने 2 जनवरी 2023 को आरोप लगाया था कि TMC नेता महुआ मोइत्रा पश्चिम बंगाल पुलिस में अपने संपर्कों की वजह से वो उनकी अवैध निगरानी कर रही थीं।