असम में जोरहाट में हुई मॉब लिंचिंग की घटना के मामले के मुख्य आरोपित नीरज दास की 1 दिसंबर की रात को सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। दरअसल, जब पुलिस उसे लेकर जा रही थी तो वो बचने के लिए जीप से बाहर कूद गया था, जिससे उसका ये हाल हुआ। उसे ‘कोला लोरा’ यानि काला लड़का कहा जाता था। दास छात्र नेता अनिमेष भुइयाँ को पीटने के मामले सहित पहले से ही कई अन्य मामलों में कुख्यात अपराधी रहा है।
नीरज दास की मौत जोरहाट जिले के सिनामारा खरिया चुक इलाके में हुई। पुलिस उसे लेकर जा रही थी तो उसने बचने के लिए बाहर छलांग लगाई, लेकिन वह दूसरी पुलिस की जीप से टकरा गया। बाद में उसे जोरहाट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (JMCH) ले जाया गया जहाँ डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस घटना में तीन अन्य पुलिस वाले भी घायल हुए हैं। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि जब नीरज दास जीप से कूदा तो वो एस्कॉर्ट कार से टकराया, जिससे जीत का ड्रायवर संतुलन खो बैठा और गाड़ी दीवार से टकरा गई। कहा जा रहा है कि पुलिस एक नशीली ड्रग्स की तलाश में नीरज को लेकर जा रही थी, वहीं पुलिस का कहना है कि वो भागने की कोशिश कर रहा था।
एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक, “घटना बुधवार (1 दिसंबर 2021) को तड़के करीब 1:30 बजे घटी। वह एक ड्रग तस्कर था। उसने जोरहाट में नशीली दवाओं के ठिकानों की पहचान में मदद करने का आश्वासन दिया था। इसलिए हम उसे ड्रग नेटवर्क का भंडाफोड़ करने के लिए ले गए थे। लेकिन अब ऐसा लगता है कि वो हमें गुमराह कर रहा था। वो हमें ले जाकर वहाँ से भागने की कोई योजना बनाई थी।”
पुलिस अधिकारी ने आगे कहा, “वह पुलिस की गाड़ी से बाहर कूद गया, उसके ठीक पीछे चल रही गाड़ी चल रही थी। उसे चलती कार से कूदता देख गाड़ी का ड्राइवर अपना कंट्रोल खो बैठा और गलती से उसे ठोकर लग गई। इससे उसकी मौत हो गई। हमारे तीन लोगों को भी दुर्घटना में चोटें आई हैं और उनका इलाज जेएमसीएच में किया जा रहा है।”
बहरहाल, कुख्यात अपराधी ‘कोला लोरा’ की मौत की खबर फैलने के बाद जोरहाट और गोलाघाट जिले में लोग जश्न मनाने के लिए सड़कों पर निकल आए। लोगों ने पटाखे भी फोड़े। उसके खिलाफ 90 से अधिक मामले दर्ज थे और वो जमानत पर बाहर था। उस पर तीन लोगों पर भीड़ के हमले के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया था, जिसके कारण अनिमेष भुइयाँ की मौत हो गई और अन्य दो घायल हो गए।
For every action, there is an equal and opposite reaction – Newton’s Third Law
— GP Singh (@gpsinghips) November 30, 2021
इस घटना के बाद असम के लॉ एंड ऑर्डर स्पेशल डीजीपी जीडी सिंह ने ट्विटर हैंडल पर एक मैसेज पोस्ट किया।
हालाँकि, जोरहाट में ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU) के नेता अनिमेष भुइयाँ की हत्या के मामले की जाँच कर रहे ऑफिसर सिंह ने अपने ट्वीट में नीरज दास उर्फ काला लोरा के बारे में कुछ भी नहीं बताया है।
Assam will be free of crime and criminal – come what May. https://t.co/H77gtcbzu0
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) December 1, 2021
इसी तरह से मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने जीपी सिंह के ट्वीट पर कमेंट करते हुए कहा, “असम अपराध और अपराधी से मुक्त हो जाएगा- जो भी हो।”
झूठे आरोप पर भीड़ ने AASU नेता की हत्या की
28 वर्षीय अनिमंष भुइयाँ ऑल असम स्टूडेंट यूनियन (AASU) की ब्रह्मपुत्र क्षेत्रीय समिति के शिक्षा सचिव थे। सोमवार (29 नवंबर 2021) को जोरहाट में निर्मल चरियाली के पास लगभग 50 लोगों की उन्मादी भीड़ ने उनकी हत्या कर दी थी। विवाद एक सड़क दुर्घटना को लेकर हुआ था। भीड़ ने भुइयाँ और दो अन्य स्थानीय पत्रकार मृदुस्मंत बरुआ और स्थानीय आसू नेता प्रणय दत्ता पर हमला किया जो उसके साथ यात्रा कर रहे थे। भीड़ का कहना था कि उनके काफिले ने स्कूटी सवार एक बुजुर्ग को टक्कर मार दिया था। लेकिन बाद में पता चला कि स्कूटर पर सवार व्यक्ति खुद गिर गया था और भुइयाँ और अन्य दो उस व्यक्ति की मदद के लिए गए थे। लेकिन उस शख्स ने उन पर मारपीट करने का आरोप लगाया, जिसके चलते नीरज दास के नेतृत्व में तीनों पर भीड़ ने हमला कर दिया। हमले में भुइयाँ की मौत हो गई, जबकि बरुआ और दत्ता को गंभीर चोटें आईं।
इस घटना का कुछ लोगों ने वीडियो भी बनाकर वायरल कर दिया। घटना एक व्यस्त गली में हुई, लेकिन किसी ने उन्हें भीड़ से बचाने के लिए बीच-बचाव नहीं किया।
A leader of #AASU killed in brutal attack by some unruly people in Assam’s Jorhat town today. Two others including a journalist were also injured in the mob attack following an alleged accident. #Assam #Jorhat pic.twitter.com/j697R3UKXn
— Hemanta Kumar Nath (@hemantakrnath) November 29, 2021
जोरहाट के एसपी अंकुर जैन ने मीडिया को बताया है कि भुइयाँ की गाड़ी ने उस बुजुर्ग व्यक्ति को टक्कर नहीं दी थी। पुलिस अधिकारी के मुताबिक, बुजुर्ग खुद ही गाड़ी से गिरा था। वह (बुजुर्ग) खुद ही नशे में था और उसी ने बवाल किया था। भुइयाँ और दो अन्य उस बुजुर्ग व्यक्ति की मदद के लिए आगे आए, लेकिन उसने चिल्लाते हुए उन्हीं पर टक्कर मारने का आरोप लगाया। इस पर भीड़ हिंसक हो गई और उन पर हमला कर दिया। पुलिस के मुताबिक नीरज दास आदतन अपराधी था और वह वीडियो में नजर आ रहा था। वह नशीले पदार्थों की तस्करी में भी शामिल था।
इस मामले में संज्ञान लेते हुए असम के मुख्यमंत्री ने जीपी सिंह को व्यक्तिगत रूप से मामले की निगरानी करने, सभी आरोपितों को गिरफ्तार करने और एक महीने में चार्जशीट दाखिल करने का आदेश दिया था।
ঘটনাত জড়িত বুলি চিনাক্ত সকলক ইতিমধ্যে কৰায়ত্ত কৰা হৈছে৷ ফাষ্টট্ৰেক আদালতত দোষীৰ শাস্তিৰ ব্যৱস্থা কৰিবলৈ প্ৰশাসনক নিৰ্দেশনা দিছোঁ৷ বিশেষ আৰক্ষী সঞ্চালকপ্ৰধান শ্ৰী জি পি সিঙক ঘটনাৰ তদন্ত ব্যক্তিগতভাৱে তদাৰক কৰি এমাহৰ ভিতৰত চাৰ্জশ্বীট দাখিল কৰিবলৈ নিৰ্দেশনা প্ৰদান কৰিছোঁ৷ (২/৩)
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) November 30, 2021
मॉब लिंचिंग मामले में नीरज दास सहित कम से कम 13 लोगों को घटना के एक दिन बाद गिरफ्तार किया गया है। इन सभी को 30 नवंबर को अदालत में पेश करने के लिए ले जाया गया था, जहाँ अदालत के बाहर गुस्साई भीड़ ने इनके साथ मारपीट की। वहीं जोरहाट बार एसोसिएशन ने मुकदमे के दौरान किसी भी आरोपित व्यक्ति का केस नहीं लड़ने का प्रस्ताव पास किया है।